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मूल्यांकन के लिए अब शिक्षकों का संकट

दसवीं बोर्ड की उत्तरपुस्तिका टारगेट के दो दिन पहले ही जांच ली गई है। 20 मार्च तक जांच पूरी करने के लिए जिले में दसवीं की 1 लाख 50 हजार 700 कापियां पहुंची थीं, जिसे 18 मार्च तक ही पूरा कर लिया गया है। लेकिन बारहवीं की कापियां जांचने अब विभाग के पास शिक्षकों का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में बारहवीं की कापियों की जांच में लेटलतीफी की स्थिति निर्मित हो सकती है।


माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 31 मार्च तक दसवीं का रिजल्ट जारी करने की तैयारी की है। इसके लिए जिले में पहुंचे कापियों की जांच 20 मार्च तक पूरी करने कहा था। लेकिन होली व अन्य छुटिट्यों के दिन भी चली जांच प्रक्रिया के चलते कापियां दो दिन पहले ही जांच ली गई है। इसकी रिपोर्ट भी केंद्रों ने माशिमं को भेज दी है। इधर 19 मार्च से बारहवी के मुख्य विषयों की जांच शुरु होनी है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त शिक्षक विभाग को नहीं मिल पा रहे हैं। स्टेट स्कूल व बल्देव प्रसाद मिश्र स्कूल को जांच केंद्र बनाया गया है। बारहवी की लगभग 1 लाख कापियां भेजी गई है। हिन्दी व पर्यावरण के अलावा अन्य विषय शामिल हैं।

आज साक्षर बनने 600 देंगे परीक्षा

इधर साक्षर भारत अभियान के तहत रविवार को जिलेभर में महापरीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में 600 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसके लिए 86 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 5 पर्यवेक्षक व 53 नोडल अधिकारी परीक्षा की मानिटरिंग करेंगे। परीक्षा सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक जारी रहेगी। इसके लिए तैयारी की गई है।

700 शिक्षकों की जरुरत, मिले 400

बारहवी के 1 लाख कापियों की जांच के लिए अलग-अलग विषय विशेषज्ञों काे मिलाकर कुल 700 शिक्षकों की जरुरत है। लेकिन फिलहाल शिक्षा विभाग के पास केवल 400 शिक्षकों की ही व्यवस्था हो सकी है। इन शिक्षकों को काॅपी जांचने की डयूटी के पत्र भी कर दिया गया है। हर शिक्षक को एक दिन में कम से कम 25 कापियों का टारगेट भी दिया गया है। ऐसे में शिक्षकों की इस कमी के चलते जांच में जिला पिछड़ने वाला है। पर्याप्त व्यवस्था का दावा विभाग कर रहा है।

रिटायर्ड शिक्षकों से भी ले सकते हैं काम

माशिमं ने शिक्षकों की व्यवस्था नहीं होने पर रिटायर्ड शिक्षकों से भी मदद लेने का निर्देश जारी किया है। इसके लिए विषय विशेषज्ञ रिटायर्ट शिक्षकों को उनकी सहमति पर जांच के लिए लगाया जा सकता है। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल विभाग की ओर से नहीं की गई है। विभाग का दावा है कि जितने शिक्षक मौजूद है,उनसे जांच की प्रक्रिया पूरी करा ली जाएगी। लेकिन इन्हीं शिक्षकों को लोकल कक्षाओं की कापियां भी जांचने की जिम्मेदारी विभाग ने सौंपी है। 

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