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Govt Jobs : Opening

रिजल्ट अच्छा तो बढ़ती है सैलरी, खराब आने पर काटते हंै, इसलिए आया बेहतर परिणाम

बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट के बाद स्कूलों के कामकाज की समीक्षा होती है। सरकारी स्कूलों में जहां तमाम कोशिशों के बाद भी सुधार धीमी गति से होता है वहीं सीजी बोर्ड के निजी स्कूल तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आदर्श ग्राम्य भारती संस्था एक ऐसा स्कूल है जहां प्रबंधन ने परीक्षा परिणामों से शिक्षकों की वेतनवृद्धि को जोड़ा हुआ है। मतलब बेहतर रिजल्ट आया तो शिक्षकों को बेहतर इंक्रीमेंट और खराब रिजल्ट आया तो या तो तनख्वाह बढ़ेगी नहीं या फिर कमी की जाएगी। प्रबंधन का मानना है कि इससे इस संस्था के स्कूलों के प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहा है।


प्रबंधन की इस पॉलिसी से शिक्षक हर साल बेहतर रिजल्ट देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। जिसके चलते संस्था के स्कूलों से हर दूसरे साल छात्र 10, 12 वीं की टॉपटेन में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो पाते हैं। 10वीं बोर्ड के रिजल्ट में भी जिले से एक मात्र छात्र ने मेरिट लिस्ट में जगह बनाई और वह इसी संस्था के किरोड़ीमलनगर स्थित स्कूल का छात्र था। शेष पेज 14



चार दिन बाद 12 वीं के परिणाम घोषित हुए, जिसमें संस्था में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने टॉपटेन में अपनी जगह बनाई है। पुसौर स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि बच्चों की रिजल्ट पर ही उनके और सहयोगियों के वेतन में बढ़ोत्तरी होती है। प्रत्येक स्कूलों का संचालक समिति के माध्यम से किया जाता है, समिति इसकी पूरी मॉनिटरिंग करती है। पुसौर स्कूल में कुल 40 स्टाफ है, सभी को इस साल बेहतर परिणाम के लिए वेतन में बढ़ोत्तरी की जाएगी।

समिति रखती है हिसाब. सभी स्कूलों का संचालन समिति के माध्यम से किया जाता है। समिति के पदाधिकारी स्थानीय होते हैं, जिनके द्वारा फीस की राशि और विकास कार्यों में खर्च की पूरी राशि का ब्यौरा रखा जाता है। समिति ही नए शिक्षकों की नियुक्ति छात्रों की पसंद के अनुरूप करते हैं।

2017 में संस्था के दो स्कूल से 12वीं में चार टॉपर

कक्षा 10 वी में किरोड़ीमल नगर से 97% अंकों के साथ सूरज प्रजापति को टॉपटेन में पांचवां स्थान।

कक्षा 12 वीं में पुसौर तहसील से 96.80% अंकों के साथ दीपिका को चौथा स्थान।

कक्षा 12 वीं में पुसौर तहसील से 96.2% अंकों के साथ रचना साहू को सातवां स्थान।

कक्षा 12 वीं में पुसौर तहसील से 95.80 % अंकों के साथ विनोद बेहरा को आठवां स्थान।

2015 में पुसौर तहसील से रचना साहू को 95 प्रतिशत अंक।

2013 में प्रीती गुप्ता का कक्षा 10 वीं में टॉपटेन में नाम।

2008-2009 और 2014 में भी टॉपटेन में थे छात्र

प्रवेश शुल्क अधिकतम 400 रुपए

स्कूल में प्रवेश शुल्क कक्षा एक से लेकर 12 तक अधिकतम 400 रुपए है। इसमें 50 रुपए केंद्रांश के रूप में संस्थापक को दिया जाता है। इसके बाद पूरी राशि स्कूल में ही उपयोग किया जाता है। इसके अलावा प्रवेश के समय सिर्फ 300 रुपए शाला विकास के लिए लिया जाता है। जिससे स्कूल भवन व फर्नीचर की व्यवस्था कराई जाती है।

1991 में हुई शुरुआत

असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी छोड़ स्कूल के संस्थापक लक्ष्मी नारायण चौधरी ने स्कूलों की कमी और बढ़ते व्यवसायीकरण को खत्म करने के उद्देश्य से कोरबा जिले में पहले स्कूल की शुरुआत की। कुछ सालों बाद रायगढ़ और जशपुर में भी उन्होंने स्कूल शुरू की वर्तमान में उनके 10 स्कूल संचालित है, जहां करीब 7 हजार बच्चे अध्ययनरत हैं।

बेहतर परिणाम के पीछे सभी योगदान

संस्था के संस्थापक ने जो नियम बनाए हैं, उसके अनुरूप ही स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। जिसकी वजह से इसकी छवि और विश्वसनीयता वर्तमान में प्रदेश के अधिकांश जिलों में है। समिति का भी महत्वपूर्ण योगदान है, जिससे प्रेरित होकर शिक्षक मेहनत कर रहे हैं। घनश्याम साहू , प्राचार्य पुसौर स्कूल 

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