जांजगीर-चांपा. जिला
पंचायत अध्यक्ष नंद किशोर हरबंश और जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत के बीच
स्वाभिमान की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बारे में अध्यक्ष
कार्मिक आयोग से लेकर पंचायत मंत्रालय तक शिकायत कर चुके हैं।
कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन भी दोनों का समझा चुके हैं, लेकिन यह लड़ाई अभी भी ठनी हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने एक फिर आरोप लगाया है कि उन्होने सीईओ से पंचायती राज अधिनियम की धारा 94 के तहत 25 फरवरी 2017 को शिक्षक (पंचायत) संवर्ग की पदोन्नति के लिए जारी आदेश से संबंधित कुछ सवाल पूछे, लेकिन उनके द्वारा सवालों के सही जवाब न देकर गोलमोल जवाब दिया जा रहा है।
अध्यक्ष ने पदोन्नति से संबंधित सभी दस्तावेजों की छायाप्रति मांगी है। वहीं सीईओ अजीत वसंत का कहना है कि उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिए हैं। यदि जिला पंचायत अध्यक्ष को जवाब गलत लगते हैं तो वह कलेक्टर से इसकी शिकायत कर सकते हैं।
अध्यक्ष के सवाल :
- राज्य शासन द्वारा अधिसूचित लोक सेवा एवं पदोन्नति नियम 2003 के बिंदु पांच व छह के परिपालन में पदोन्नति हेतु प्रत्येक कर्मचारी की पांच सालों की गोपनीय चरित्रावली परीक्षण के बाद ही पदोन्नति की जानी है। जबकि 25 फरवरी को जारी पदोन्नति में इस नियम का पालन नहीं किया गया।
- राज्य शासन के आरक्षण नियम का उल्लंघन किया गया है। पदोन्नति के लिए तैयार किए गए रोस्टर में पूर्व के बैकलाग पदों को समपाप्त कर दिया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने इसे सही तरीके से करने के लिए पदोन्नति रद्द करने की मांग किया है।
- राज्य अनुसूचित जाति आयोग रायपुर द्वारा 13 फरवरी को जारी पत्र में कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि पदोन्नति प्रकरण आयोग में विचाराधीन होने के कारण पूर्व में की गई पदोन्नति प्रक्रिया स्थगित रखी जाए व बैकलॉग सहित अन्य बिंदुओं के अनुसार तैयार आरक्षण रोस्टर का पालन किया जाए, जबकि सीईओ ने इस निर्देश का पालन नहीं किया है।
- सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव कार्यवाही का विवरण जारी नहीं किया गया है और न ही अध्यक्ष के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया, जबकि यह नियम के विपरीत है।
- अपर मुख्य सचिव पं. ग्रा. वि.वि. छत्तीसगढ़ शासन के 19 अक्टबूर 2016 को जारी आदेश का भी परिपालन नहीं किया जा रहा है।
- जारी पदोन्नति सूची में कई पात्र अभ्यर्थियों को छोड़ दिया गया है और अपात्रों को पदोन्नति दे दी गई है। दावा आपत्ति का निराकरण भी नहीं किया गया है।
- 10 फरवरी को आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में पदोन्नति के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया और अनमोदित सूची एवं जारी सूची में काट-छांट की गई है।
सीईओ के जवाब
- विकासखंड शिक्षाधिकारी से प्राप्त प्रमाणित प्रस्ताव के आधार पर ही पदोन्नति की कार्यवाही पूर्व की गई है।
- 100 बिंदुओं के आरक्षण के आधार पर सहायक शिक्षक (पंचायत) से शिक्षत (पं.) में पदोन्नति की कार्यवाही की गई है।
- सिचिव छत्तीसगढ़ शासन राज्य अनुसूचित जाति आयोग रायपुर के 13 फरवरी 2017 को मिले पत्र के परिपालन में कार्यालयीन प्रत को संचालक पंचायत संचालनालय रायपुर को उक्त संबंध में मार्गदर्शन के लिए पत्र लिखा गया था।
- 22 फरवरी 2017 को आयोजित सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव की कार्यवाही विवरण जारी किया गया है और अध्यक्ष महोदय के समक्ष स्वीकृति/अनमोदित हेतु कार्यवाही विवरण 3-4 बार प्रस्तुत किया गया है।
- अपर मुख्य सचिव पं.ग्रा.वि.वि. रायपुर के आदेश के अनुसार वैकल्पिक रूप से पदस्थ शिक्षकों को रिक्त मानकर उन पदों के पात्र विज्ञान विषय के सहायक शिप. को पदोन्नति प्रदान करने का आदेश जारी किया गया था। जिसके परिपालन में जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर/सक्ती ने विज्ञान की पदोन्नति के रिक्त पद उपलब्ध कराए थे, जिन रिक्त पदों पर शासन के नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
- सहायक शिपं. से शिक्षक पं. में पदोन्नति सूची में पात्र अभ्यर्थियों को ही पदोन्नति दी गई है। इस संबंध में यह कहना उचित नहीं है कि अपात्र सहायक शिपं. को पदोन्नति दी गई है। पूर्व में जारी दावा आपत्ति का पूर्णत: निराकरण किया गया है।
- विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में पदोन्नति के संबंध में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है था व अनुमोदित सूची एवं जारी सूची में किसी भी प्रकार की कोई काट-छांट नहीं की गई है।
कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन भी दोनों का समझा चुके हैं, लेकिन यह लड़ाई अभी भी ठनी हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने एक फिर आरोप लगाया है कि उन्होने सीईओ से पंचायती राज अधिनियम की धारा 94 के तहत 25 फरवरी 2017 को शिक्षक (पंचायत) संवर्ग की पदोन्नति के लिए जारी आदेश से संबंधित कुछ सवाल पूछे, लेकिन उनके द्वारा सवालों के सही जवाब न देकर गोलमोल जवाब दिया जा रहा है।
अध्यक्ष ने पदोन्नति से संबंधित सभी दस्तावेजों की छायाप्रति मांगी है। वहीं सीईओ अजीत वसंत का कहना है कि उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिए हैं। यदि जिला पंचायत अध्यक्ष को जवाब गलत लगते हैं तो वह कलेक्टर से इसकी शिकायत कर सकते हैं।
अध्यक्ष के सवाल :
- राज्य शासन द्वारा अधिसूचित लोक सेवा एवं पदोन्नति नियम 2003 के बिंदु पांच व छह के परिपालन में पदोन्नति हेतु प्रत्येक कर्मचारी की पांच सालों की गोपनीय चरित्रावली परीक्षण के बाद ही पदोन्नति की जानी है। जबकि 25 फरवरी को जारी पदोन्नति में इस नियम का पालन नहीं किया गया।
- राज्य शासन के आरक्षण नियम का उल्लंघन किया गया है। पदोन्नति के लिए तैयार किए गए रोस्टर में पूर्व के बैकलाग पदों को समपाप्त कर दिया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने इसे सही तरीके से करने के लिए पदोन्नति रद्द करने की मांग किया है।
- राज्य अनुसूचित जाति आयोग रायपुर द्वारा 13 फरवरी को जारी पत्र में कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि पदोन्नति प्रकरण आयोग में विचाराधीन होने के कारण पूर्व में की गई पदोन्नति प्रक्रिया स्थगित रखी जाए व बैकलॉग सहित अन्य बिंदुओं के अनुसार तैयार आरक्षण रोस्टर का पालन किया जाए, जबकि सीईओ ने इस निर्देश का पालन नहीं किया है।
- सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव कार्यवाही का विवरण जारी नहीं किया गया है और न ही अध्यक्ष के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया, जबकि यह नियम के विपरीत है।
- अपर मुख्य सचिव पं. ग्रा. वि.वि. छत्तीसगढ़ शासन के 19 अक्टबूर 2016 को जारी आदेश का भी परिपालन नहीं किया जा रहा है।
- जारी पदोन्नति सूची में कई पात्र अभ्यर्थियों को छोड़ दिया गया है और अपात्रों को पदोन्नति दे दी गई है। दावा आपत्ति का निराकरण भी नहीं किया गया है।
- 10 फरवरी को आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में पदोन्नति के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया और अनमोदित सूची एवं जारी सूची में काट-छांट की गई है।
सीईओ के जवाब
- विकासखंड शिक्षाधिकारी से प्राप्त प्रमाणित प्रस्ताव के आधार पर ही पदोन्नति की कार्यवाही पूर्व की गई है।
- 100 बिंदुओं के आरक्षण के आधार पर सहायक शिक्षक (पंचायत) से शिक्षत (पं.) में पदोन्नति की कार्यवाही की गई है।
- सिचिव छत्तीसगढ़ शासन राज्य अनुसूचित जाति आयोग रायपुर के 13 फरवरी 2017 को मिले पत्र के परिपालन में कार्यालयीन प्रत को संचालक पंचायत संचालनालय रायपुर को उक्त संबंध में मार्गदर्शन के लिए पत्र लिखा गया था।
- 22 फरवरी 2017 को आयोजित सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव की कार्यवाही विवरण जारी किया गया है और अध्यक्ष महोदय के समक्ष स्वीकृति/अनमोदित हेतु कार्यवाही विवरण 3-4 बार प्रस्तुत किया गया है।
- अपर मुख्य सचिव पं.ग्रा.वि.वि. रायपुर के आदेश के अनुसार वैकल्पिक रूप से पदस्थ शिक्षकों को रिक्त मानकर उन पदों के पात्र विज्ञान विषय के सहायक शिप. को पदोन्नति प्रदान करने का आदेश जारी किया गया था। जिसके परिपालन में जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर/सक्ती ने विज्ञान की पदोन्नति के रिक्त पद उपलब्ध कराए थे, जिन रिक्त पदों पर शासन के नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
- सहायक शिपं. से शिक्षक पं. में पदोन्नति सूची में पात्र अभ्यर्थियों को ही पदोन्नति दी गई है। इस संबंध में यह कहना उचित नहीं है कि अपात्र सहायक शिपं. को पदोन्नति दी गई है। पूर्व में जारी दावा आपत्ति का पूर्णत: निराकरण किया गया है।
- विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में पदोन्नति के संबंध में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है था व अनुमोदित सूची एवं जारी सूची में किसी भी प्रकार की कोई काट-छांट नहीं की गई है।