मदनवाड़ा के मिडिल स्कूल में एक भी शिक्षक मौजूद नहीं है। जिसके चलते अब तक
पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। स्कूल में 95 बच्चे अध्ययनरत हैं, जिनका पूरा
साल खराब होने की स्थिति में आ गया है। स्कूल में पदस्थ एक मात्र शिक्षक इन
बच्चों को भी पढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
ग्रामीण रामसाय, सुमेर सिंह, मनहरे व आचला ने बताया कि बीते साल तक स्कूल में तीन शिक्षक पदस्थ थे, जिससे बच्चों की पढ़ाई बेहतर चल रही थी। लेकिन इन शिक्षकों को अलग-अलग शालाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिसकी वजह से मिडिल स्कूल में अब एक भी शिक्षक नहीं बचे है। स्कूल में छठवीं, सातवीं व आठवीं मिलाकर कुल 95 बच्चे हैं, अब इन बच्चों के सामने पढ़ाई की समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीणों ने डीईओ एसके पांडेय से मुलाकात कर उन्हें तत्काल शिक्षक की व्यवस्था करने की बात कही। डीईओ पांडेय ने जल्द ही प्रमोशन के माध्यम से शिक्षकों की पदस्थापना का आश्वासन दिया है।
प्राइमरी में भी एक टीचर, हाईस्कूल में भी समस्या: ग्रामीणों ने बताया कि गांव के प्राइमरी स्कूल में ही एक ही शिक्षक है। इसके अलावा हाईस्कूल में भी यही स्थिति बनी हुई है। शिक्षक नहीं होने की वजह से गांव का कोई भी बच्चा 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर पा रहा है।
ग्रामीण रामसाय, सुमेर सिंह, मनहरे व आचला ने बताया कि बीते साल तक स्कूल में तीन शिक्षक पदस्थ थे, जिससे बच्चों की पढ़ाई बेहतर चल रही थी। लेकिन इन शिक्षकों को अलग-अलग शालाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिसकी वजह से मिडिल स्कूल में अब एक भी शिक्षक नहीं बचे है। स्कूल में छठवीं, सातवीं व आठवीं मिलाकर कुल 95 बच्चे हैं, अब इन बच्चों के सामने पढ़ाई की समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीणों ने डीईओ एसके पांडेय से मुलाकात कर उन्हें तत्काल शिक्षक की व्यवस्था करने की बात कही। डीईओ पांडेय ने जल्द ही प्रमोशन के माध्यम से शिक्षकों की पदस्थापना का आश्वासन दिया है।
प्राइमरी में भी एक टीचर, हाईस्कूल में भी समस्या: ग्रामीणों ने बताया कि गांव के प्राइमरी स्कूल में ही एक ही शिक्षक है। इसके अलावा हाईस्कूल में भी यही स्थिति बनी हुई है। शिक्षक नहीं होने की वजह से गांव का कोई भी बच्चा 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर पा रहा है।