लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा व्याख्याता पंचायत के लिए किए गए पदोन्नति एवं
ट्रांसफर के बाद डीइओ ने कायदे-कानून तोड़ दिए हैं। संशोधन करने के लिए
शासन को भेजे गए प्रस्ताव में ऐसे शिक्षकों को भी रायगढ़ जिले में पदस्थ
बता दिया गया है, जो कि जिले से रिलीव होने के बाद जशपुर जाकर ज्वाइन कर
चुके हैं।
शिक्षकों के ट्रांसफर में इस गोरखधंधे के बाद अब सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग में अटैचमेंट एवं शिक्षकों के ट्रांसफर में लेनदेन के आरोप लगते रहे हैं। पदोन्नति एवं नियुक्ति आदेश में भी शिक्षकों के साथ सांठगांठ कर मनचाही जगह पर पोस्टिंग के लिए अधिकारी नियमों से छेड़छाड़ करते हैं और अब यूडीटी से लेक्चरर बने 250 शिक्षकों के पदोन्नति एवं ट्रांसफर में अधिकारियों की गड़बड़ी सामने आई है। दरअसल लोक शिक्षण संचालनालय ने बीते महीने ही उच्च वर्ग शिक्षक / यूडीटी / काे व्याख्याता के रूप मेें प्रमोशन देकर अलग-अलग स्कूलों एवं जिलों से भी बाहर किया है। इसमें रायगढ़ जिले में भी करीब 250 शिक्षकों की पदोन्नति एवं ट्रांसफर हुआ है। आदेश के अनुसार 6 जून तक ऐसे सभी शिक्षकों को पदोन्नत की गई जगह में जाकर ज्वाइनिंग करनी थी। -शेष|पेज 15
इसमें जिले से कई शिक्षकों को जशपुर,कोरिया एवं सूरज पूर जिले में भी ट्रांसफर किया गया। इसके बाद ज्यादातर ने ज्वाइनिंग भी कर ली लेकिन शिक्षकों ने रायगढ़ जिले में ही पोस्टिंग लेने एवं किसी दूसरी स्कूल में पदस्थ करने के लिए शिक्षा विभाग में जोड़-तोड़ का खेल भी शुरू कर दिया। जिसके बाद डीइओ ने ऐसे शिक्षकों को रायगढ़ जिले का बताकर डीपीआई को भ्रामक जानकारी भेजी है और कार्यालय में पदस्थ बताकर किसी दूसरी स्कूल में उन्हेें पदस्थ करने के लिए अनुमति मांगी है, जबकि ऐसे शिक्षक दूसरे जिले में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
25 शिक्षकों के लिए डीइओ का प्रस्ताव
लोक शिक्षण संचालनालय को शिक्षा विभाग ने संशोधित प्रस्ताव भेजा है। इसमें 25 व्याख्याता पंचायत के नाम हैं और इन्हें संबंधित स्कूल में पद रिक्त नहीं होने एवं कार्यालय में संलग्न बताकर अन्यत्र ट्रांसफर करने के लिए डीइओ ने फरमाइश की है। जबकि इनमें से ज्यादातर शिक्षक ना तो अपनी मूल शाला से रिलीव हुए हैं और ना ही डीइओ कार्यालय में संलग्न हुए हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश पर शिक्षकों का व्याख्याता के पद में प्रमोशन हुआ है। तमनार ब्लाक से इन्हें जशपुर जिले के रिलीव कर दिया गया है और एक को छोड़कर बाकी सबने वहां ज्वाइनिंग भी कर ली है। संशोधित आदेश की जानकारी नहीं है।'' डीएस सिदार, बीईओ, तमनार
तमनार के एक शिक्षक का ट्रांसफर जशपुर हुआ था लेकिन वह रिलीव नहीं हुआ है। गड़बड़ी वाली कोई बात नहीं है। संबंधित स्कूलों में पद रिक्त नहीं होने के कारण भी दोबारा से प्रस्ताव बनाना पड़ा है। रायगढ़ में ही पदस्थ शिक्षकों के लिए संशोधन का प्रस्ताव डीपीआई को भेजा गया है। ''आरएन हिराधर, डीइओ,रायगढ़
जिले से बाहर ट्रांसफर हो जाने एवं रिलीविंग के बाद डीइओ संशोधन का प्रस्ताव नहीं भेज सकते हैं। रायगढ़ से शिक्षकों के ट्रांसफर का संशोधन का प्रस्ताव आया है। अगर ऐसी गड़बड़ी है तो हम डीपीआई से इसे निरस्त कराएंगे और जांच कर दोषी पर कार्रवाई भी करेंगे। '' विकासशील, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग
दूसरे जिले के शिक्षकों कर दिया ट्रांसफर
प्रमोशन के लिए तोड़
डाले नियम कानून
प्रमोशन आदेश के बाद नियमानुसार शिक्षकों को संबंधित स्कूलों में 30 दिन में ज्वाइन करना अनिवार्य था। इसलिए शिक्षकों ने जशपुर जाकर ज्वाइन कर लिया। इधर शिक्षा विभाग ने चहेते शिक्षकों को रायगढ़ का ही बताकर डीपीआई के पास संशोधन के लिए प्रस्ताव भेज दिया। इससे शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ भी मिल गया और अब मनचाही जगह पर पोस्टिंग भी मिलने का रास्ता साफ हो गया।
तमनार के प्राइमरी स्कूल बुडिया में पदस्थ शिक्षक राजेश पटनायक भी प्रमोशन में लेक्चरर बन गए और डीपीआई ने इन्हें जशपुर जिले के हाईस्कूल सगजोर में भेज दिया। बीईओ से रिलीव होने के बाद शिक्षक ने जशपुर में ज्वाइन कर लिया लेकिन इन्हें भी अब रायगढ़ का बताकर डीइओ ने मनचाही जगह में पोस्टिंग देने की फरमाइश कर दी है, जबकि ऐसे मामले में जशपुर डीइओ को ही यह अधिकार है।
तमनार के प्राथमिक शाला सलिहारी मेें पदस्थ शिक्षक मनोज पंडा का डीपीआई ने ट्रांसफर जशपुर जिले के मेंडरबार हायर सेकेंडरी स्कूल में किया था। प्रमोशन मेें व्याख्याता बनने के बाद शिक्षक ने जशपुर में ज्वाइनिंग दे दी है लेकिन अब इसे रायगढ़ का ही बताकर डीपीआई को संशोधित जानकारी भेजी है और इसे तमनार के दरेगांव हाईस्कूल मेें पदस्थ करने की अनुशंसा की है।
शिक्षकों के ट्रांसफर में इस गोरखधंधे के बाद अब सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग में अटैचमेंट एवं शिक्षकों के ट्रांसफर में लेनदेन के आरोप लगते रहे हैं। पदोन्नति एवं नियुक्ति आदेश में भी शिक्षकों के साथ सांठगांठ कर मनचाही जगह पर पोस्टिंग के लिए अधिकारी नियमों से छेड़छाड़ करते हैं और अब यूडीटी से लेक्चरर बने 250 शिक्षकों के पदोन्नति एवं ट्रांसफर में अधिकारियों की गड़बड़ी सामने आई है। दरअसल लोक शिक्षण संचालनालय ने बीते महीने ही उच्च वर्ग शिक्षक / यूडीटी / काे व्याख्याता के रूप मेें प्रमोशन देकर अलग-अलग स्कूलों एवं जिलों से भी बाहर किया है। इसमें रायगढ़ जिले में भी करीब 250 शिक्षकों की पदोन्नति एवं ट्रांसफर हुआ है। आदेश के अनुसार 6 जून तक ऐसे सभी शिक्षकों को पदोन्नत की गई जगह में जाकर ज्वाइनिंग करनी थी। -शेष|पेज 15
इसमें जिले से कई शिक्षकों को जशपुर,कोरिया एवं सूरज पूर जिले में भी ट्रांसफर किया गया। इसके बाद ज्यादातर ने ज्वाइनिंग भी कर ली लेकिन शिक्षकों ने रायगढ़ जिले में ही पोस्टिंग लेने एवं किसी दूसरी स्कूल में पदस्थ करने के लिए शिक्षा विभाग में जोड़-तोड़ का खेल भी शुरू कर दिया। जिसके बाद डीइओ ने ऐसे शिक्षकों को रायगढ़ जिले का बताकर डीपीआई को भ्रामक जानकारी भेजी है और कार्यालय में पदस्थ बताकर किसी दूसरी स्कूल में उन्हेें पदस्थ करने के लिए अनुमति मांगी है, जबकि ऐसे शिक्षक दूसरे जिले में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
25 शिक्षकों के लिए डीइओ का प्रस्ताव
लोक शिक्षण संचालनालय को शिक्षा विभाग ने संशोधित प्रस्ताव भेजा है। इसमें 25 व्याख्याता पंचायत के नाम हैं और इन्हें संबंधित स्कूल में पद रिक्त नहीं होने एवं कार्यालय में संलग्न बताकर अन्यत्र ट्रांसफर करने के लिए डीइओ ने फरमाइश की है। जबकि इनमें से ज्यादातर शिक्षक ना तो अपनी मूल शाला से रिलीव हुए हैं और ना ही डीइओ कार्यालय में संलग्न हुए हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश पर शिक्षकों का व्याख्याता के पद में प्रमोशन हुआ है। तमनार ब्लाक से इन्हें जशपुर जिले के रिलीव कर दिया गया है और एक को छोड़कर बाकी सबने वहां ज्वाइनिंग भी कर ली है। संशोधित आदेश की जानकारी नहीं है।'' डीएस सिदार, बीईओ, तमनार
तमनार के एक शिक्षक का ट्रांसफर जशपुर हुआ था लेकिन वह रिलीव नहीं हुआ है। गड़बड़ी वाली कोई बात नहीं है। संबंधित स्कूलों में पद रिक्त नहीं होने के कारण भी दोबारा से प्रस्ताव बनाना पड़ा है। रायगढ़ में ही पदस्थ शिक्षकों के लिए संशोधन का प्रस्ताव डीपीआई को भेजा गया है। ''आरएन हिराधर, डीइओ,रायगढ़
जिले से बाहर ट्रांसफर हो जाने एवं रिलीविंग के बाद डीइओ संशोधन का प्रस्ताव नहीं भेज सकते हैं। रायगढ़ से शिक्षकों के ट्रांसफर का संशोधन का प्रस्ताव आया है। अगर ऐसी गड़बड़ी है तो हम डीपीआई से इसे निरस्त कराएंगे और जांच कर दोषी पर कार्रवाई भी करेंगे। '' विकासशील, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग
दूसरे जिले के शिक्षकों कर दिया ट्रांसफर
प्रमोशन के लिए तोड़
डाले नियम कानून
प्रमोशन आदेश के बाद नियमानुसार शिक्षकों को संबंधित स्कूलों में 30 दिन में ज्वाइन करना अनिवार्य था। इसलिए शिक्षकों ने जशपुर जाकर ज्वाइन कर लिया। इधर शिक्षा विभाग ने चहेते शिक्षकों को रायगढ़ का ही बताकर डीपीआई के पास संशोधन के लिए प्रस्ताव भेज दिया। इससे शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ भी मिल गया और अब मनचाही जगह पर पोस्टिंग भी मिलने का रास्ता साफ हो गया।
तमनार के प्राइमरी स्कूल बुडिया में पदस्थ शिक्षक राजेश पटनायक भी प्रमोशन में लेक्चरर बन गए और डीपीआई ने इन्हें जशपुर जिले के हाईस्कूल सगजोर में भेज दिया। बीईओ से रिलीव होने के बाद शिक्षक ने जशपुर में ज्वाइन कर लिया लेकिन इन्हें भी अब रायगढ़ का बताकर डीइओ ने मनचाही जगह में पोस्टिंग देने की फरमाइश कर दी है, जबकि ऐसे मामले में जशपुर डीइओ को ही यह अधिकार है।
तमनार के प्राथमिक शाला सलिहारी मेें पदस्थ शिक्षक मनोज पंडा का डीपीआई ने ट्रांसफर जशपुर जिले के मेंडरबार हायर सेकेंडरी स्कूल में किया था। प्रमोशन मेें व्याख्याता बनने के बाद शिक्षक ने जशपुर में ज्वाइनिंग दे दी है लेकिन अब इसे रायगढ़ का ही बताकर डीपीआई को संशोधित जानकारी भेजी है और इसे तमनार के दरेगांव हाईस्कूल मेें पदस्थ करने की अनुशंसा की है।