कांकेर। नईदुनिया प्रतिनिधि पंचायत शिक्षक की आकस्मिक मृत्यु पर
परिजनों को पंचायत सचिव पद पर दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान
को शासन के नए आदेश के तहत समाप्त कर दिया है।
साथ ही पंचायत सचिव के पद पर सीधी भर्ती किए जाने का प्रावधान किया गया है, जिसमें सचिव पद पर अनुकंपा नियुक्ति किए जाने पर पंचायती राज व्यवस्था के कार्यों के निर्वहन में बाधा आने का हवाला भी दिया गया है। दूसरी ओर नए आदेश से पंचायत शिक्षकों के आश्रितों के लिए नई समस्या खड़ी हो सकती है। हालांकि नए आदेश को लेकर पंचायत शिक्षकों के किसी भी संगठन की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अवर सचिव छत्तसीगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय की ओर से 28 जून 2017 को पत्र क्रमांक एफ 6-2/22-2/2017/208 जारी किया गया है, जिसमें छत्तसीगढ़ के सभी कलेक्टर, सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को पंचायत शिक्षक के कर्मचारी की असामयिक मृत्यु हाने पर उसके परिवार के आश्रित सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने के संबंध में आदेश जारी किया गया है। मंत्रालय की ओर से पूर्व में जारी किए गए पत्र का हवाला भी दिया गया है, जिसमें उल्लेख है कि शिक्षक पंचायत संवर्ग के किसी कर्मचारी के असामयिक मृत्यु होने पर उसके आश्रित के पास सहायक शिक्षक पंचायत पद पर नियुक्ति पाने के लिए निर्धारित शैक्षणिक व व्यवसायिक अर्हता नहीं होने पर उन्हें ग्राम पंचायत सचिव के पद पर अनुकंप नियुक्ति प्रदान करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया गया था, जिसमें 8 जनवरी 2016 या उसके बाद जिन शिक्षक पंचायत संवर्ग के कर्मचारी की मृत्यु हुई है, उनके आश्रित को ही ग्राम पंचायत सचिव पर अनुकंपा नियुक्ति का पात्र बताया गया था। लेकिन अब नए आदेश के तहत पुराने आदेश में बदलाव कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि ग्राम पंचायत सचिव का पद एक महत्वपूर्ण पद होता है। छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 1993 में ग्राम पंचायत सचिव के कार्य, दायित्व व शक्तियां निर्धारित की गई हैं। जिसे जिम्मेदारी पूर्वक ग्राम पंचातय सचिव को संपादित करना होता है। विभाग को यह अनुभव हुआ है कि अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त ग्राम पंचायत सचिवों को ग्राम पंचायत के उपरोक्त कार्य करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है, जिसके फलस्वरूप ग्राम पंचायतों के कार्य सुचारु रूप से संपादित नहीं हो पा रहे हैं। जिसके चलते विभाग ने पूर्व में जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है और आदेश दिया है कि भविष्य में ग्राम पंचायत सचिव के रिक्त पदों को सीधी भर्ती से ही जिला पंचायतों द्वारा पूर्ति करने की कार्रवाई की जाए।
बाक्स
पंचायत शिक्षकों के आश्रित पर पड़ेगा प्रभाव
पंचायत शिक्षकों के लिए प्रारंभ में अनुकंपा का प्रावधान नहीं था। विभिन्न संगठनों ने अनुकंपा लागू करने की मां की थी और लंबे संघर्ष के बाद शासन ने इस संबंध में आदेश जारी किया था कि पंचायत शिक्षकों की आकस्मिक मृत्यु पर उनके परिजन के पंचायत सचिव के पद पर पदस्थ किया जाएगा। पंचायत की आरे से नियुक्त शिक्षक होने पर उन्हें पंचायत में ही नियुक्त करने का प्रावधान किया गया था। नए आदेश के तहत अब सचिव पद पर सीधी भर्ती होगी। सचिव पद नियुक्ति का आदेश समाप्त किए जाने से एक बार फिर पंचायत शिक्षकों के लिए अनुकंपा नियुक्ति में अड़चन खड़ी कर दी है।
साथ ही पंचायत सचिव के पद पर सीधी भर्ती किए जाने का प्रावधान किया गया है, जिसमें सचिव पद पर अनुकंपा नियुक्ति किए जाने पर पंचायती राज व्यवस्था के कार्यों के निर्वहन में बाधा आने का हवाला भी दिया गया है। दूसरी ओर नए आदेश से पंचायत शिक्षकों के आश्रितों के लिए नई समस्या खड़ी हो सकती है। हालांकि नए आदेश को लेकर पंचायत शिक्षकों के किसी भी संगठन की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अवर सचिव छत्तसीगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय की ओर से 28 जून 2017 को पत्र क्रमांक एफ 6-2/22-2/2017/208 जारी किया गया है, जिसमें छत्तसीगढ़ के सभी कलेक्टर, सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को पंचायत शिक्षक के कर्मचारी की असामयिक मृत्यु हाने पर उसके परिवार के आश्रित सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने के संबंध में आदेश जारी किया गया है। मंत्रालय की ओर से पूर्व में जारी किए गए पत्र का हवाला भी दिया गया है, जिसमें उल्लेख है कि शिक्षक पंचायत संवर्ग के किसी कर्मचारी के असामयिक मृत्यु होने पर उसके आश्रित के पास सहायक शिक्षक पंचायत पद पर नियुक्ति पाने के लिए निर्धारित शैक्षणिक व व्यवसायिक अर्हता नहीं होने पर उन्हें ग्राम पंचायत सचिव के पद पर अनुकंप नियुक्ति प्रदान करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया गया था, जिसमें 8 जनवरी 2016 या उसके बाद जिन शिक्षक पंचायत संवर्ग के कर्मचारी की मृत्यु हुई है, उनके आश्रित को ही ग्राम पंचायत सचिव पर अनुकंपा नियुक्ति का पात्र बताया गया था। लेकिन अब नए आदेश के तहत पुराने आदेश में बदलाव कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि ग्राम पंचायत सचिव का पद एक महत्वपूर्ण पद होता है। छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 1993 में ग्राम पंचायत सचिव के कार्य, दायित्व व शक्तियां निर्धारित की गई हैं। जिसे जिम्मेदारी पूर्वक ग्राम पंचातय सचिव को संपादित करना होता है। विभाग को यह अनुभव हुआ है कि अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त ग्राम पंचायत सचिवों को ग्राम पंचायत के उपरोक्त कार्य करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है, जिसके फलस्वरूप ग्राम पंचायतों के कार्य सुचारु रूप से संपादित नहीं हो पा रहे हैं। जिसके चलते विभाग ने पूर्व में जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है और आदेश दिया है कि भविष्य में ग्राम पंचायत सचिव के रिक्त पदों को सीधी भर्ती से ही जिला पंचायतों द्वारा पूर्ति करने की कार्रवाई की जाए।
बाक्स
पंचायत शिक्षकों के आश्रित पर पड़ेगा प्रभाव
पंचायत शिक्षकों के लिए प्रारंभ में अनुकंपा का प्रावधान नहीं था। विभिन्न संगठनों ने अनुकंपा लागू करने की मां की थी और लंबे संघर्ष के बाद शासन ने इस संबंध में आदेश जारी किया था कि पंचायत शिक्षकों की आकस्मिक मृत्यु पर उनके परिजन के पंचायत सचिव के पद पर पदस्थ किया जाएगा। पंचायत की आरे से नियुक्त शिक्षक होने पर उन्हें पंचायत में ही नियुक्त करने का प्रावधान किया गया था। नए आदेश के तहत अब सचिव पद पर सीधी भर्ती होगी। सचिव पद नियुक्ति का आदेश समाप्त किए जाने से एक बार फिर पंचायत शिक्षकों के लिए अनुकंपा नियुक्ति में अड़चन खड़ी कर दी है।