छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने जिला पंचायत
पर शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर जिला पंचायत
सीईओ फरिहा आलम सिद्धिकी ने कहा है कि नई शिक्षा नीति आने तक शिक्षकों के
ट्रांसफर नहीं होंगे। वर्तमान में सिर्फ युक्तियुक्तकरण होंगे।
विभागों में ट्रांसफर होने के लिए कयास लगाए जा रहे हैं। ट्रांसफर लिस्ट में नाम जुड़वाने और कटाने के लिए जोर आजमाइश चल रही है। जिले की स्कूलों में पदस्थ शिक्षाकर्मियों के ट्रांसफर अभी नहीं हो रहे हैं। अधिकारी यह नहीं बता पा रहे कि यह स्थिति कब तक रहेगी। वर्तमान में आपसी सहमति से भी ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं । ट्रांसफर नहीं होने से शिक्षाकर्मियों में बेचैनी तो है लेकिन वे भी सिर्फ कोसने के अलावा कुछ कर नहीं पा रहे हैं। जिले में करीब 9500 शिक्षक हैं। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ ने स्पष्ट तौर पर कहा कि शासन की नई शिक्षा नीति आने तक ट्रांसफर नहीं होंगे। शासन की आने वाली शिक्षा नीति के अनुसार ही आगे कोई भी निर्णय लिया जा सकेगा। इधर, छत्तीसगढ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के संजय शर्मा ने कहा कि दूसरे जिलों में ट्रांसफर हो रहे हैं। वह किस आदेश के आधार पर हो रहे हैं। पंचायत सचिव एमके राउत ने कहा है कि कम से कम आपसी सहमति से ट्रांसफर तो किए जा ही सकते हैं लेकिन जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि उनके पास फिलहाल ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। शासन से स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं आने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी शिक्षकों को हो रही है। शासन ने सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर अपनी स्थानांतरण नीति पहले ही जारी कर दी है। शिक्षाकर्मियों ने सवाल उठाया है कि दूसरे जिलों में किस आदेश के तहत तबादले किए जा रहे हैं।
विभागों में ट्रांसफर होने के लिए कयास लगाए जा रहे हैं। ट्रांसफर लिस्ट में नाम जुड़वाने और कटाने के लिए जोर आजमाइश चल रही है। जिले की स्कूलों में पदस्थ शिक्षाकर्मियों के ट्रांसफर अभी नहीं हो रहे हैं। अधिकारी यह नहीं बता पा रहे कि यह स्थिति कब तक रहेगी। वर्तमान में आपसी सहमति से भी ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं । ट्रांसफर नहीं होने से शिक्षाकर्मियों में बेचैनी तो है लेकिन वे भी सिर्फ कोसने के अलावा कुछ कर नहीं पा रहे हैं। जिले में करीब 9500 शिक्षक हैं। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ ने स्पष्ट तौर पर कहा कि शासन की नई शिक्षा नीति आने तक ट्रांसफर नहीं होंगे। शासन की आने वाली शिक्षा नीति के अनुसार ही आगे कोई भी निर्णय लिया जा सकेगा। इधर, छत्तीसगढ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के संजय शर्मा ने कहा कि दूसरे जिलों में ट्रांसफर हो रहे हैं। वह किस आदेश के आधार पर हो रहे हैं। पंचायत सचिव एमके राउत ने कहा है कि कम से कम आपसी सहमति से ट्रांसफर तो किए जा ही सकते हैं लेकिन जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि उनके पास फिलहाल ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। शासन से स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं आने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी शिक्षकों को हो रही है। शासन ने सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर अपनी स्थानांतरण नीति पहले ही जारी कर दी है। शिक्षाकर्मियों ने सवाल उठाया है कि दूसरे जिलों में किस आदेश के तहत तबादले किए जा रहे हैं।