देवभोग। बाड़ीगांव पूर्व माध्यमिक शाला एक शिक्षकीय
होने के कारण तीन दिन शिक्षक के नहीं पहुंचने से बंद रहा। चौथे दिन शिक्षक
डमरूधर निषाद स्कूल पहुंचा तो शराब पीकर। इसकी जानकारी स्कूल पहुंचे बच्चों
ने परिजनों को दी, इसके बाद परिजनों के साथ ही ग्रामीणों ने स्कूल पहुंचकर
शिक्षक से स्कूल नहीं लगाने का कारण पूछा।
शिक्षक गोलमोल जवाब देता रहा और बारिश होने के कारण स्कूल बंद करने की बात कहता रहा। शराब पीकर स्कूल पहुंचने के कारण ग्रामीण शिक्षक पर भड़क गए। ग्रामीणों के मुताबिक शिक्षक आए दिन शराब पीकर स्कूल पहुंच रहा है, लेकिन उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
शिक्षक को कई बार समझाइश दी जा चुकी है, लेकिन वह सुधरने को तैयार नहीं है। शिक्षक की कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीणों ने शाला बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया, इसके बाद सभी बच्चे अपने घर चले गए।
शिक्षक नहीं तो स्कूल नहीं
गांव के सरपंच देवेन्द्र सोनी बताते हैं कि यहां 6वीं से लेकर आठवीं तक 49 बच्चों के लिए एक शिक्षक डमरूधर निषाद है। वह भी आए दिन शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। ग्रामीण प्रमोद यादव के मुताबिक यहां पदस्थ शिक्षकों को व्यवस्था कर दूसरे जगह भेज दिया गया है।
गांव के गुलाब और मायाधर के मुताबिक शिक्षक की मनमानी बढ़ती जा रही है। वह रोज शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। उसे कई बार समझाया गया लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। मायाधर के मुताबिक शिक्षक शराब पीकर बच्चों के बीच भी सो जाता है।
ऐसे में शिक्षक डमरूधर को लेकर बच्चों में एक अलग तरह का डर बैठ गया है। कई बच्चे शिक्षक के डर से स्कूल आना भी बंद कर दिया है। गांव के सरपंच के मुताबिक जब तक यहां शिक्षक नहीं भेजा जाएगा, तब तक पूरे गांव के लोगों ने निर्णय लिया है कि शाला बहिष्कार किया जाएगा।
मध्यान्ह भोजन चार दिन से बंद
स्कूल का रसोइया दीनोराम यादव बताता है कि स्कूल में पिछले चार दिनों से मध्यान्ह भोजन नहीं बन पा रहा है। शिक्षक ही स्कूल नहीं पहुंचा है तो ऐसे में बच्चे भी स्कूल नहीं आए, जिसके चलते मध्यान्ह भोजन भी नहीं बन पाया।
वहीं 7वीं का छात्र टेकराम नागेश बताता है कि उनके साथ करीब 20 बच्चे सोमवार को स्कूल आए थे। करीब एक घंटा तक इंतजार करने के बाद भी शिक्षक नहीं पहुंचा। इसके बाद वे वापस घर लौटकर चले गए। वहीं स्कूल लगातार पिछले चार दिनों से बंद है, लेकिन जिम्मेदारों ने उसे खुलवाने में कोई रुचि नहीं दिखाई।
49 बच्चों का भविष्य दांव पर
बाड़ीगांव के सरपंच देवेन्द्र सोनी के मुताबिक जिस तरह की परिस्थितियां पिछले दो साल में स्कूल में घटित हो रही हैं उसे देखकर बच्चों के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों के मुताबिक शिक्षक शराब पीकर पहुंचकर अपनी मनमानी स्कूल में करता है उसे पढ़ाने में कोई रुचि नहीं रहती।
ऐसे में सिर्फ एक ही शिक्षक पदस्थ है, जिसके चलते बच्चे भी दिन ब दिन स्कूल आना छोड़ रहे हैं। मामले को लेकर संकुल समन्वयक का कहना है कि मुरगुरा के एक शिक्षक वैष्णव को बाड़ीगांव के पूर्व माध्यमिक शाला के संचालन की जिम्मेदार बीईओ द्वारा दी गई थी, लेकिन वह कैसे नहीं पहुंचा, इसकी जानकारी लेता हूं। संकुल समन्वयक ने भी माना कि शिक्षक आज की स्थिति में भी शराब पीकर स्कूल पहुंचा हुआ है।
शिक्षक के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव उच्च कार्यालय को भेजा जा रहा है। मामले में ग्रामीणों की मांग पर मुरगुरा के एक शिक्षक को व्यवस्था करने की तैयारी चल रही है। वहीं शाला के बहिष्कार करने की जानकारी मुझे नहीं है। दौरे पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी लूंगा। -प्रदीप शर्मा, बीईओ, देवभोग
जब तक ऐसे लापरवाही बरतने वाले शिक्षक पर कार्रवाई नहीं होगी और यहां शिक्षक की व्यवस्था नहीं की जाएगी, तब तक शाला का बहिष्कार करने का निर्णय ग्रामीणों ने लिया है। ग्रामीण इस बार साफ कह रहे हैं कि शिक्षक नहीं तो स्कूल नहीं। - देवेन्द्र सोनी, सरपंच, बाड़ीगांव।
यहां एक मात्र शिक्षक है, वह भी लापरवाही बरतता है। आए दिन बच्चे शिकायत करते हैं कि वह शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। मामले में इस बार हम भी कार्रवाई चाहते हैं। - प्रमोद यादव, अध्यक्ष, शाला विकास प्रबंधन समिति।
शिक्षक गोलमोल जवाब देता रहा और बारिश होने के कारण स्कूल बंद करने की बात कहता रहा। शराब पीकर स्कूल पहुंचने के कारण ग्रामीण शिक्षक पर भड़क गए। ग्रामीणों के मुताबिक शिक्षक आए दिन शराब पीकर स्कूल पहुंच रहा है, लेकिन उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
शिक्षक को कई बार समझाइश दी जा चुकी है, लेकिन वह सुधरने को तैयार नहीं है। शिक्षक की कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीणों ने शाला बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया, इसके बाद सभी बच्चे अपने घर चले गए।
शिक्षक नहीं तो स्कूल नहीं
गांव के सरपंच देवेन्द्र सोनी बताते हैं कि यहां 6वीं से लेकर आठवीं तक 49 बच्चों के लिए एक शिक्षक डमरूधर निषाद है। वह भी आए दिन शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। ग्रामीण प्रमोद यादव के मुताबिक यहां पदस्थ शिक्षकों को व्यवस्था कर दूसरे जगह भेज दिया गया है।
गांव के गुलाब और मायाधर के मुताबिक शिक्षक की मनमानी बढ़ती जा रही है। वह रोज शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। उसे कई बार समझाया गया लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। मायाधर के मुताबिक शिक्षक शराब पीकर बच्चों के बीच भी सो जाता है।
ऐसे में शिक्षक डमरूधर को लेकर बच्चों में एक अलग तरह का डर बैठ गया है। कई बच्चे शिक्षक के डर से स्कूल आना भी बंद कर दिया है। गांव के सरपंच के मुताबिक जब तक यहां शिक्षक नहीं भेजा जाएगा, तब तक पूरे गांव के लोगों ने निर्णय लिया है कि शाला बहिष्कार किया जाएगा।
मध्यान्ह भोजन चार दिन से बंद
स्कूल का रसोइया दीनोराम यादव बताता है कि स्कूल में पिछले चार दिनों से मध्यान्ह भोजन नहीं बन पा रहा है। शिक्षक ही स्कूल नहीं पहुंचा है तो ऐसे में बच्चे भी स्कूल नहीं आए, जिसके चलते मध्यान्ह भोजन भी नहीं बन पाया।
वहीं 7वीं का छात्र टेकराम नागेश बताता है कि उनके साथ करीब 20 बच्चे सोमवार को स्कूल आए थे। करीब एक घंटा तक इंतजार करने के बाद भी शिक्षक नहीं पहुंचा। इसके बाद वे वापस घर लौटकर चले गए। वहीं स्कूल लगातार पिछले चार दिनों से बंद है, लेकिन जिम्मेदारों ने उसे खुलवाने में कोई रुचि नहीं दिखाई।
49 बच्चों का भविष्य दांव पर
बाड़ीगांव के सरपंच देवेन्द्र सोनी के मुताबिक जिस तरह की परिस्थितियां पिछले दो साल में स्कूल में घटित हो रही हैं उसे देखकर बच्चों के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों के मुताबिक शिक्षक शराब पीकर पहुंचकर अपनी मनमानी स्कूल में करता है उसे पढ़ाने में कोई रुचि नहीं रहती।
ऐसे में सिर्फ एक ही शिक्षक पदस्थ है, जिसके चलते बच्चे भी दिन ब दिन स्कूल आना छोड़ रहे हैं। मामले को लेकर संकुल समन्वयक का कहना है कि मुरगुरा के एक शिक्षक वैष्णव को बाड़ीगांव के पूर्व माध्यमिक शाला के संचालन की जिम्मेदार बीईओ द्वारा दी गई थी, लेकिन वह कैसे नहीं पहुंचा, इसकी जानकारी लेता हूं। संकुल समन्वयक ने भी माना कि शिक्षक आज की स्थिति में भी शराब पीकर स्कूल पहुंचा हुआ है।
शिक्षक के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव उच्च कार्यालय को भेजा जा रहा है। मामले में ग्रामीणों की मांग पर मुरगुरा के एक शिक्षक को व्यवस्था करने की तैयारी चल रही है। वहीं शाला के बहिष्कार करने की जानकारी मुझे नहीं है। दौरे पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी लूंगा। -प्रदीप शर्मा, बीईओ, देवभोग
जब तक ऐसे लापरवाही बरतने वाले शिक्षक पर कार्रवाई नहीं होगी और यहां शिक्षक की व्यवस्था नहीं की जाएगी, तब तक शाला का बहिष्कार करने का निर्णय ग्रामीणों ने लिया है। ग्रामीण इस बार साफ कह रहे हैं कि शिक्षक नहीं तो स्कूल नहीं। - देवेन्द्र सोनी, सरपंच, बाड़ीगांव।
यहां एक मात्र शिक्षक है, वह भी लापरवाही बरतता है। आए दिन बच्चे शिकायत करते हैं कि वह शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। मामले में इस बार हम भी कार्रवाई चाहते हैं। - प्रमोद यादव, अध्यक्ष, शाला विकास प्रबंधन समिति।