कोरबा . शिक्षाकर्मियों के हड़ताल का तीसरा दिन काफी गहमागहमी भरा रहा। शासन स्तर से निर्देश मिले कि प्रेरक, रिटायर्ड शिक्षक या फिर कोई ऐसा वॉलेंटियर जो स्कूलों में सेवा देना चाहे ऐसे सभी की ड्यूटी स्कूलों में लगा दी जाए।
इधर कांग्रेस व जनता कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी हड़ताल को समर्थन देकर मंच साझा किया, तो दूसरी तरफ शिक्षक संघों में कुछ फूट जैसी स्थिति बनी और संघ के शिक्षक नेताओं के साथ कलेक्टर ने भी बैठक की।
शिक्षाकर्मियों की हड़ताल तीसरे दिन भी रही जारी, शिक्षक नेताओं के साथ कलेक्टर ने की बैठक, पढि़ए खबर...
तीसरे दिन सरकार थोड़ी सी बैकफुट पर होने के साथ ही कुछ बौखलाहट में ही दिखी। संविलियन, समान काम समान वेतन सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जा चुके शिक्षाकर्मियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत मिल रहे है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही विभाग द्वारा शिक्षाकर्मियों को काम पर वापस लौटने के लिए नोटिस जारी किया जा सकता है।
हड़ताली शिक्षाकर्मियों की जानकारी पहले ही किया जा चुका है। प्रदेश के साथ ही जिले के घंटाघर चौक में सैंकड़ों शिक्षाकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखा है। जिन्हें शहर विधायक जयसिंह अग्रवाल और जकांछ जिला अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया है।
मोर्चा से जिले का एक संगठन दूर
वर्तमान आंदोलन शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा संघ के बैनर तले किया जा रहा है। जिसका पूरे प्रेदश में व्यापक असर दिख रहा है। इस संघ में शिक्षाकर्मियों के कुछ आठ संघ शामिल हैं। लेकिन जिले में केवल तीन संघों का ही वर्चस्व है। जिसमें से एक संघ आंदोलन में शामिल है। जबकि दो संघ मोर्चा के बैनर तले मैदान में डटे हुए हैं। प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के कुल १३ संघ अस्तित्व में हैं। जिसमें से आठ संघ ने संगठित होकर एकता मंच बनाया था। एकता मंच के सभी संघ इस आंदोलन से दूरी बनाए हुए हैं।
कलेक्टर ने ली बैठक
शिक्षक नेताओं को हड़ताल के तीसरे दिन कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने बैठक के लिए बुलाया था। बैठक में संघ के शिक्षक नेता ओपी बघेल, मुकुंद उपाध्याय आदि शामिल रहे। जिन्हें कहा गया कि जो हड़ताल में नहीं जाना चाहते उन्हें स्कूल जाने से न रोका जाए। इसके अलावा जो शिक्षाकर्मी फिलहाल परिवीक्षा अवधि में हैं। उन्हें भी हड़ताल से दूर ही रखा जाए।
इधर कांग्रेस व जनता कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी हड़ताल को समर्थन देकर मंच साझा किया, तो दूसरी तरफ शिक्षक संघों में कुछ फूट जैसी स्थिति बनी और संघ के शिक्षक नेताओं के साथ कलेक्टर ने भी बैठक की।
शिक्षाकर्मियों की हड़ताल तीसरे दिन भी रही जारी, शिक्षक नेताओं के साथ कलेक्टर ने की बैठक, पढि़ए खबर...
तीसरे दिन सरकार थोड़ी सी बैकफुट पर होने के साथ ही कुछ बौखलाहट में ही दिखी। संविलियन, समान काम समान वेतन सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जा चुके शिक्षाकर्मियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत मिल रहे है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही विभाग द्वारा शिक्षाकर्मियों को काम पर वापस लौटने के लिए नोटिस जारी किया जा सकता है।
हड़ताली शिक्षाकर्मियों की जानकारी पहले ही किया जा चुका है। प्रदेश के साथ ही जिले के घंटाघर चौक में सैंकड़ों शिक्षाकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखा है। जिन्हें शहर विधायक जयसिंह अग्रवाल और जकांछ जिला अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया है।
मोर्चा से जिले का एक संगठन दूर
वर्तमान आंदोलन शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा संघ के बैनर तले किया जा रहा है। जिसका पूरे प्रेदश में व्यापक असर दिख रहा है। इस संघ में शिक्षाकर्मियों के कुछ आठ संघ शामिल हैं। लेकिन जिले में केवल तीन संघों का ही वर्चस्व है। जिसमें से एक संघ आंदोलन में शामिल है। जबकि दो संघ मोर्चा के बैनर तले मैदान में डटे हुए हैं। प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के कुल १३ संघ अस्तित्व में हैं। जिसमें से आठ संघ ने संगठित होकर एकता मंच बनाया था। एकता मंच के सभी संघ इस आंदोलन से दूरी बनाए हुए हैं।
कलेक्टर ने ली बैठक
शिक्षक नेताओं को हड़ताल के तीसरे दिन कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने बैठक के लिए बुलाया था। बैठक में संघ के शिक्षक नेता ओपी बघेल, मुकुंद उपाध्याय आदि शामिल रहे। जिन्हें कहा गया कि जो हड़ताल में नहीं जाना चाहते उन्हें स्कूल जाने से न रोका जाए। इसके अलावा जो शिक्षाकर्मी फिलहाल परिवीक्षा अवधि में हैं। उन्हें भी हड़ताल से दूर ही रखा जाए।