रायपुर। संविलियन-शासकीयकरण की मांग पर अड़े शिक्षाकर्मी सातवें दिन भी धरनास्थल पर डटे रहे। सरकार ने शिक्षाकर्मियों को सोमवार को दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है, इसके बाद वे बर्खास्त किए जा सकते हैं।
साथ ही जिन शिक्षा कर्मियों का स्थानांतरण किया गया था, उसे रद किया जाएगा। शनिवार को अंबिकापुर में तंबू उखाड़ दिया गया था। वहां रविवार को शिक्षाकर्मियों ने छाता लेकर आंदोलन किया। इधर रायपुर में 5 शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी पर छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा ने आरोप लगाया है कि सहायक शिक्षक पंचायत वर्ग तीन की नियोक्ता जनपद पंचायत है।
ऐसे में जिला पंचायत ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह आदेश जारी किया है। अभी करीब दो हजार परिवीक्षा वाले शिक्षक स्कूल नहीं लौटे हैं। अल्टीमेटम खत्म होने के बाद सरकार परिवीक्षा के शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करेगी।
छत्तीसगढ़ आम शिक्षक संवर्ग कर्मचारी एकता मंच ने सरकार के खिलाफ स्कूल में ही काली पट्टी बांधकर विरोध करने का निर्णय लिया है। रायपुर में 400 शिक्षाकर्मी लौट आए हैं।
रायपुर जिला पंचायत के सीईओ नीलेश क्षीरसागर ने ग्रामीण शालाओं में कार्यरत पांच शिक्षक को नियमानुसार बर्खास्त कर दिया था। इनमें अभनपुर ब्लॉक के झांकी प्राइमरी स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक जितेन्द्र सिन्हा की बर्खास्तगी पर मोर्चा ने आपत्ति की है। जिला पंचायत अध्यक्ष शारदा देवी वर्मा ने इसे नियमों के खिलाफ बताया है।
- राज्य सरकार की मंशा शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने की नहीं है। हम तो इस पर जुटे हुए हैं कि शिक्षण व्यवस्था किस तरह निरंतर रखी जाए। स्कूलों में प्रेरक, वालेंटियर, रिटायर्ड शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 12वीं पास शिक्षक भी काम कर रहे हैं। - एमके राउत, पीएस, पंचायत विभाग
- शिक्षकों को नियम तोड़कर प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे हम डरने वाले नहीं हैं। सरकार के पास वाजिब मांगें रख रहे हैं। आर-पार की लड़ाई चलेगी। ट्रांसफर करेंगे तो करें। - वीरेंद्र दुबे, प्रांतीय संचालक, शिक्षक पंचायत
- नगरीय निकाय मोर्चा जिन शिक्षकों की नियोक्ता जनपद पंचायत है, उन्हें जिला पंचायत की ओर से बर्खास्त करना ठीक नहीं है। हम इन शिक्षकों के समर्थन में उतरेंगे। - शारदा देवी वर्मा, अध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर
साथ ही जिन शिक्षा कर्मियों का स्थानांतरण किया गया था, उसे रद किया जाएगा। शनिवार को अंबिकापुर में तंबू उखाड़ दिया गया था। वहां रविवार को शिक्षाकर्मियों ने छाता लेकर आंदोलन किया। इधर रायपुर में 5 शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी पर छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा ने आरोप लगाया है कि सहायक शिक्षक पंचायत वर्ग तीन की नियोक्ता जनपद पंचायत है।
ऐसे में जिला पंचायत ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह आदेश जारी किया है। अभी करीब दो हजार परिवीक्षा वाले शिक्षक स्कूल नहीं लौटे हैं। अल्टीमेटम खत्म होने के बाद सरकार परिवीक्षा के शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करेगी।
छत्तीसगढ़ आम शिक्षक संवर्ग कर्मचारी एकता मंच ने सरकार के खिलाफ स्कूल में ही काली पट्टी बांधकर विरोध करने का निर्णय लिया है। रायपुर में 400 शिक्षाकर्मी लौट आए हैं।
रायपुर जिला पंचायत के सीईओ नीलेश क्षीरसागर ने ग्रामीण शालाओं में कार्यरत पांच शिक्षक को नियमानुसार बर्खास्त कर दिया था। इनमें अभनपुर ब्लॉक के झांकी प्राइमरी स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक जितेन्द्र सिन्हा की बर्खास्तगी पर मोर्चा ने आपत्ति की है। जिला पंचायत अध्यक्ष शारदा देवी वर्मा ने इसे नियमों के खिलाफ बताया है।
- राज्य सरकार की मंशा शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने की नहीं है। हम तो इस पर जुटे हुए हैं कि शिक्षण व्यवस्था किस तरह निरंतर रखी जाए। स्कूलों में प्रेरक, वालेंटियर, रिटायर्ड शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 12वीं पास शिक्षक भी काम कर रहे हैं। - एमके राउत, पीएस, पंचायत विभाग
- शिक्षकों को नियम तोड़कर प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे हम डरने वाले नहीं हैं। सरकार के पास वाजिब मांगें रख रहे हैं। आर-पार की लड़ाई चलेगी। ट्रांसफर करेंगे तो करें। - वीरेंद्र दुबे, प्रांतीय संचालक, शिक्षक पंचायत
- नगरीय निकाय मोर्चा जिन शिक्षकों की नियोक्ता जनपद पंचायत है, उन्हें जिला पंचायत की ओर से बर्खास्त करना ठीक नहीं है। हम इन शिक्षकों के समर्थन में उतरेंगे। - शारदा देवी वर्मा, अध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर