रायपुर। मुख्यमंत्री रमन सिंह के तल्ख बोल हड़ताली शिक्षाकर्मियों को रास नहीं आ रहे हैं। शिक्षा विभाग में संविलियन और नियमितीकरण जैसी प्रमुख मांग को लेकर 21 नवम्बर से हड़ताल पर चल रहे शिक्षाकर्मियों के स्कूलों का रुख न करने से प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
दिसम्बर का महीना लगने वाला है और परीक्षाएं निकट हैं लिहाजा अब प्रदेश के बच्चों के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हड़ताल पर चल रहे शिक्षाकर्मियों पर सरकार के अल्टीमेटम और काम पर लौटने की अपील का कोई असर नहीं हो रहा है।
सोमवार को मुख्यमंत्री के अपने बयान में कहा था कि संविलियन असम्भव है। उनके इस बयान से शिक्षाकर्मी नाराज हो गए हैं। शिक्षाकर्मी नेता संजय शर्मा ने प्रदेश भर के शिक्षाकर्मियों को राजधानी रायपुर में आकर हड़ताल में शामिल होने की अपील की है। तो वहीं शिक्षाकर्मी नेता वीरेंद्र दुबे अनिश्चितकाल डटे रहने की बात कह रहे हैं। इधर सूचना है कि रायपुर जिला पंचायत ने 220 स्थांतरण शिक्षकों को काम पर लौटने का नोटिस जारी किया था। इसमें 203 शिक्षाकर्मी सोमवार को काम पर लौट आए हैं।
हड़ताल से प्रमोशन पर लग सकती है रोक
इधर एक जानकारी के मुताबिक शिक्षकों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से शैक्षणिक व्यवस्था में उत्पन्न व्यवधान से नाराज़ सरकार व्याख्याता (पंचायत) के पदों पर पदोन्नति होने वाले शिक्षकों के प्रमोशन रोक सकती है। अनिश्चितकालीन हड़ताल में सम्मिलित होने की वजह उनके पदोन्नति को 5 सालों के लिए निरस्त किया जा सकता है।
बच्चों को पढ़ा रहे हैं बेरोजगार युवा
इधर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ ही स्थानीय बेरोजगार युवा भी सामने आ गए हैं। बिलासपुर जिले के युवा लखन लाल कहते हैं कि शिक्षाकर्मियों को हड़ताल के बाद भी उनका पेमेंट मिल जाएगा। सरकार आज नहीं तो कल उनकी कुछ मांगे मां लेगी लेकिन बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा। इसलिए हम लोग बच्चों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
दिसम्बर का महीना लगने वाला है और परीक्षाएं निकट हैं लिहाजा अब प्रदेश के बच्चों के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हड़ताल पर चल रहे शिक्षाकर्मियों पर सरकार के अल्टीमेटम और काम पर लौटने की अपील का कोई असर नहीं हो रहा है।
सोमवार को मुख्यमंत्री के अपने बयान में कहा था कि संविलियन असम्भव है। उनके इस बयान से शिक्षाकर्मी नाराज हो गए हैं। शिक्षाकर्मी नेता संजय शर्मा ने प्रदेश भर के शिक्षाकर्मियों को राजधानी रायपुर में आकर हड़ताल में शामिल होने की अपील की है। तो वहीं शिक्षाकर्मी नेता वीरेंद्र दुबे अनिश्चितकाल डटे रहने की बात कह रहे हैं। इधर सूचना है कि रायपुर जिला पंचायत ने 220 स्थांतरण शिक्षकों को काम पर लौटने का नोटिस जारी किया था। इसमें 203 शिक्षाकर्मी सोमवार को काम पर लौट आए हैं।
हड़ताल से प्रमोशन पर लग सकती है रोक
इधर एक जानकारी के मुताबिक शिक्षकों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से शैक्षणिक व्यवस्था में उत्पन्न व्यवधान से नाराज़ सरकार व्याख्याता (पंचायत) के पदों पर पदोन्नति होने वाले शिक्षकों के प्रमोशन रोक सकती है। अनिश्चितकालीन हड़ताल में सम्मिलित होने की वजह उनके पदोन्नति को 5 सालों के लिए निरस्त किया जा सकता है।
बच्चों को पढ़ा रहे हैं बेरोजगार युवा
इधर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ ही स्थानीय बेरोजगार युवा भी सामने आ गए हैं। बिलासपुर जिले के युवा लखन लाल कहते हैं कि शिक्षाकर्मियों को हड़ताल के बाद भी उनका पेमेंट मिल जाएगा। सरकार आज नहीं तो कल उनकी कुछ मांगे मां लेगी लेकिन बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा। इसलिए हम लोग बच्चों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।