जिले के साढ़े पांच हजार शिक्षाकर्मियों ने सोमवार को धरना स्थल से पीएम
नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि आपकी सरकार ने वादाखिलाफी की है और धोखा
देने के बाद अब दमनकारी नीति अपना रही है।
संविलियन, शासकीयकरण, क्रमोन्नति सहित नौ सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षाकर्मियों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी रहा। आंदोलनरत शिक्षाकर्मियों के पंडाल में सामाजिक संगठनों ने भी पहुंचकर समर्थन दिया है। इधर शिक्षा विभाग से जिला पंचायत ने परीवीक्षा अवधि और एक वर्ष के भीतर ट्रांसफर वाले शिक्षाकर्मियों की सूची मंगाई है। डीईओ बीएल कुर्रे ने कहा है कि सोमवार शाम को यह सूची जिला पंचायत को सौंप दी है।
सोमवार से राजनीतिक सगंठनों के साथ सामाजिक और धार्मिक संगठन भी शिक्षाकर्मियों की मांगों के समर्थन में आ गए हैं। इस क्रम में साहू समाज, चंद्राकर समाज, सतनामी समाज और ध्रुव समाज के पदाधिकारी यहां पहुंचे थे। संगठनों ने सामने आकर शिक्षाकर्मियों की मांगों को जायज बताया और जारी आंदोलन का समर्थन भी किया। धरना स्थल पर संविलियन क्रांति के लिए शिक्षा कर्मियों ने एक बार फिर अपनी जोरदार उपस्थिति दिखाई। धरना स्थल पर 21 संकुलो के 1700 से अधिक शिक्षाकर्मी उपस्थित रहे।
जब शराब दुकान सरकारी तो हम स्थाई क्यों नहीं
बागबाहरा में शिक्षाकर्मियों ने विशाल रैली निकाली।िलाध्यक्ष नारायण चौधरी एवं ब्लाॅक अध्यक्ष विनोद यादव ने संबोधित किया और कहा कि विपक्ष में थी तब भाजपा उनके साथ थी, अब मुकर रही है। शराब दुकानों का शासकीयकरण किया जा रहा है पर हम सरकारी तंत्र में शामिल होने की मांग करें तो वो सरकार को क्यों गलत लग रहा है।
यह लिखा है पत्र में
पोस्टकार्ड में शिक्षाकर्मियों ने लिखा कि हम पिछले 22 वर्षों से शोषित हो रहे हैं। संवैधानिक तौर पर भी समान काम समान वेतन का प्रावधान है। छग राज्य सरकार अपने वादे से मुकर रही है और बार-बार शिक्षकीय कार्य से जुड़े लोगों को अपमानित कर रही है। अपने शिक्षकीय सम्मान की रक्षा के लिए वे अपनी मांगों के साथ सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं।
एकजुटता की बात कही
पिथौरा में शिक्षाकर्मियों ने शासन के हर अन्याय के खिलाफ एकजुट रहने की कसम खाई साथ ही आठवें दिन धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ से उमेश दीक्षित ने कहा कि एक शिक्षाकर्मी के ऊपर अन्याय हुआ तो पूरे प्रदेश के कर्मचारी आंदोलन के लिए एकजुट होकर विरोध करने के लिए आगे आएंगे।
सरपंच द्वारा लिखा पत्र।
महासमुंद/सराईपाली | उधर, सरायपाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत चकरदा के भाजपा सरपंच धाकड़ सिंग सिदार ने मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह व स्थानीय विधायक रामलाल चौहान को पत्र लिखकर शिक्षाकर्मियों की मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने पत्र में कहा कि अगर हमें 2018 का चुनाव जीतना है तो शिक्षाकर्मियों की मांगें माननी ही होंगी। उन्होंने लिखा कि अगर 3 दिन में शिक्षाकर्मियों की मांगें नहीं मानी गईं तो पंचायत के सभी पंच सामूहिक रूप से इस्तीफा दें देंगे। जब इस पूरे मामले में जानकारी लेने के लिए सरपंच धाकड़ सिंग को फोन लगाया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। वहीं स्थानीय विधायक रामलाल चौहान ने कहा कि उन्हें अब तक एेसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। सरपंच ने ऐसा क्यों किया मुझे नहीं पता।
संविलियन, शासकीयकरण, क्रमोन्नति सहित नौ सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षाकर्मियों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी रहा। आंदोलनरत शिक्षाकर्मियों के पंडाल में सामाजिक संगठनों ने भी पहुंचकर समर्थन दिया है। इधर शिक्षा विभाग से जिला पंचायत ने परीवीक्षा अवधि और एक वर्ष के भीतर ट्रांसफर वाले शिक्षाकर्मियों की सूची मंगाई है। डीईओ बीएल कुर्रे ने कहा है कि सोमवार शाम को यह सूची जिला पंचायत को सौंप दी है।
सोमवार से राजनीतिक सगंठनों के साथ सामाजिक और धार्मिक संगठन भी शिक्षाकर्मियों की मांगों के समर्थन में आ गए हैं। इस क्रम में साहू समाज, चंद्राकर समाज, सतनामी समाज और ध्रुव समाज के पदाधिकारी यहां पहुंचे थे। संगठनों ने सामने आकर शिक्षाकर्मियों की मांगों को जायज बताया और जारी आंदोलन का समर्थन भी किया। धरना स्थल पर संविलियन क्रांति के लिए शिक्षा कर्मियों ने एक बार फिर अपनी जोरदार उपस्थिति दिखाई। धरना स्थल पर 21 संकुलो के 1700 से अधिक शिक्षाकर्मी उपस्थित रहे।
जब शराब दुकान सरकारी तो हम स्थाई क्यों नहीं
बागबाहरा में शिक्षाकर्मियों ने विशाल रैली निकाली।िलाध्यक्ष नारायण चौधरी एवं ब्लाॅक अध्यक्ष विनोद यादव ने संबोधित किया और कहा कि विपक्ष में थी तब भाजपा उनके साथ थी, अब मुकर रही है। शराब दुकानों का शासकीयकरण किया जा रहा है पर हम सरकारी तंत्र में शामिल होने की मांग करें तो वो सरकार को क्यों गलत लग रहा है।
यह लिखा है पत्र में
पोस्टकार्ड में शिक्षाकर्मियों ने लिखा कि हम पिछले 22 वर्षों से शोषित हो रहे हैं। संवैधानिक तौर पर भी समान काम समान वेतन का प्रावधान है। छग राज्य सरकार अपने वादे से मुकर रही है और बार-बार शिक्षकीय कार्य से जुड़े लोगों को अपमानित कर रही है। अपने शिक्षकीय सम्मान की रक्षा के लिए वे अपनी मांगों के साथ सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं।
एकजुटता की बात कही
पिथौरा में शिक्षाकर्मियों ने शासन के हर अन्याय के खिलाफ एकजुट रहने की कसम खाई साथ ही आठवें दिन धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ से उमेश दीक्षित ने कहा कि एक शिक्षाकर्मी के ऊपर अन्याय हुआ तो पूरे प्रदेश के कर्मचारी आंदोलन के लिए एकजुट होकर विरोध करने के लिए आगे आएंगे।
सरपंच द्वारा लिखा पत्र।
महासमुंद/सराईपाली | उधर, सरायपाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत चकरदा के भाजपा सरपंच धाकड़ सिंग सिदार ने मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह व स्थानीय विधायक रामलाल चौहान को पत्र लिखकर शिक्षाकर्मियों की मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने पत्र में कहा कि अगर हमें 2018 का चुनाव जीतना है तो शिक्षाकर्मियों की मांगें माननी ही होंगी। उन्होंने लिखा कि अगर 3 दिन में शिक्षाकर्मियों की मांगें नहीं मानी गईं तो पंचायत के सभी पंच सामूहिक रूप से इस्तीफा दें देंगे। जब इस पूरे मामले में जानकारी लेने के लिए सरपंच धाकड़ सिंग को फोन लगाया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। वहीं स्थानीय विधायक रामलाल चौहान ने कहा कि उन्हें अब तक एेसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। सरपंच ने ऐसा क्यों किया मुझे नहीं पता।