रायपुर नियमितकरण की मांग को लेकर रैली की योजना बना रहे शिक्षकों पर गुप्त रूप
से कार्रवाई करते हुए 24 हजार से ज्यादा शिक्षकों को हिरासत में लिया गया।
इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर रैली करने की वजह से शांति भंग हो सकती थी।
छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को देर रात व्यापक तौर पर 24 हजार से ज्यादा शिक्षकों को हिरासत में लिया गया, जिसमें से 2,343 शिक्षक रायपुर के थे। दरअसल, शिक्षामित्रों ने नियमितकरण की मांग को लेकर शनिवार को प्रदर्शन करते हुए रैली निकालने की योजना बनाई थी लेकिन इस प्रदर्शन से पहले ही उन पर कार्रवाई करने का आदेश दे दिया गया। इस मामले में कांग्रेस की ओर से विरोध प्रदर्शन करते हुए 5 दिसंबर को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया गया है।
रायपुर कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर दी, साथ ही उन्होंने प्रदर्शन स्थल के अंतर्गत 200 मीटर के क्षेत्र को नो-एंट्री जोन घोषित कर दिया। माना जा रहा है कि कार्रवाई के वक्त फोन जैमर का उपयोग किया गया, जिसकी वजह से आंदोलनकारी उस वक्त फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाए। शुक्रवार आधी रात शुरू हुए इस गुप्त ऑपरेशन में शिक्षकों को घरों से, रेलवे स्टेशन समेत बस स्टैंड से भी हिरासत में लिया गया।
गौरतलब है कि शिक्षामित्र पिछले 13 दिनों से हड़ताल पर थे और उन्होंने नियमितकरण की मांग को लेकर रायपुर में एक बड़ी रैली की घोषणा की थी। सूत्रों के मुताबिक शनिवार की शाम नेताओं के अलावा सभी शिक्षकों को छोड़ दिया गया। रायपुर कलेक्टर ओपी चौधरी ने कहा कि इतने बड़े स्तर पर शिक्षकों की रैली रायपुर में शांति व्यवस्था को भंग कर देती, जिसकी वजह से धारा 144 लगा दी गई।
इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर रैली करने की वजह से शांति भंग हो सकती थी।
छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को देर रात व्यापक तौर पर 24 हजार से ज्यादा शिक्षकों को हिरासत में लिया गया, जिसमें से 2,343 शिक्षक रायपुर के थे। दरअसल, शिक्षामित्रों ने नियमितकरण की मांग को लेकर शनिवार को प्रदर्शन करते हुए रैली निकालने की योजना बनाई थी लेकिन इस प्रदर्शन से पहले ही उन पर कार्रवाई करने का आदेश दे दिया गया। इस मामले में कांग्रेस की ओर से विरोध प्रदर्शन करते हुए 5 दिसंबर को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया गया है।
रायपुर कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर दी, साथ ही उन्होंने प्रदर्शन स्थल के अंतर्गत 200 मीटर के क्षेत्र को नो-एंट्री जोन घोषित कर दिया। माना जा रहा है कि कार्रवाई के वक्त फोन जैमर का उपयोग किया गया, जिसकी वजह से आंदोलनकारी उस वक्त फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाए। शुक्रवार आधी रात शुरू हुए इस गुप्त ऑपरेशन में शिक्षकों को घरों से, रेलवे स्टेशन समेत बस स्टैंड से भी हिरासत में लिया गया।
गौरतलब है कि शिक्षामित्र पिछले 13 दिनों से हड़ताल पर थे और उन्होंने नियमितकरण की मांग को लेकर रायपुर में एक बड़ी रैली की घोषणा की थी। सूत्रों के मुताबिक शनिवार की शाम नेताओं के अलावा सभी शिक्षकों को छोड़ दिया गया। रायपुर कलेक्टर ओपी चौधरी ने कहा कि इतने बड़े स्तर पर शिक्षकों की रैली रायपुर में शांति व्यवस्था को भंग कर देती, जिसकी वजह से धारा 144 लगा दी गई।