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शिक्षाकर्मियों के हौसले सामने पुलिस भी पस्त, जाने क्या है असली कारण

दंतेवाड़ा. रायपुर जा रहे वाहनों को शुक्रवार रात गीदम थाना पुलिस ने रोक लिया। रोके गए जिन वाहनों मेंं शिक्षक सवार थे उनको थाना में बैठा दिया गया। दुर्गा पंडाल में धरना स्थल पर बैठे शिक्षकों में सरकार के खिलाफ बेहद नाराजगी देखी जा रही है।
शिक्षकों का कहना है कि सरकार डेढ लाख शिक्षकों कुचल रही है और 50 लाख से अधिक बच्चों के भविष्य को खराब कर रही है। सरकार के दमनकारी कदम का अहिंसात्मक विरोध जारी रहेगा।
पार्टी की करनी कथनी में अंतर है
इधर रायुपर में चल रही कार्रवाई के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सभी जिला अध्यक्षों को उनका समर्थन करने के लिए निर्देशित किया है। धरना स्थल पर पहुंचे जिला अध्यक्ष विमल सुराना ने कहा कि भाजपा सरकार समान वेतन और समान पद का पूरा लाभ देना होगा। इस पार्टी की करनी कथनी में अंतर है। शिक्षकों की जायज मांगे जो खुद भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र और संकल्प पत्र में थी।
इस आंदोलन में शहीद हो गए साथी
जिला अध्यक्ष विमल सुराना ने कहा इस आंदोलन के चलते पांच शिक्षा कर्मियों की जान चली गई। सरकार के द्वारा की गई ये हत्या है। कोई सदमें तो किसी को हादसे ने निगल लिया। सरकार संवेदनहीनता की हदें पार कर चुकी है। सही मायने में देखा जाए तो इनकी शहादत है। ये शहीद हो गए है,सरकार इनको कुचलने में लगी हुई है।
यहां भी हुआ कुछ ऐसा ही
फरसगांव . शिक्षाकर्मी के बेमियादी हड़ताल का आज बारहवां दिन विखं फरसगांव के सभी शिक्षाकर्मी रायपुर कूच करने अपने-अपने व्यवस्था से गनतव्य पर निकल चुके हैं। शिक्षाकर्मी के हडताल रोकने सरकार जगह जगह अस्थाई बेरिकेट लगाकर कूच कर रहे शिक्षाकर्मियों को रोकने की कोशिश की जाती रही। जगह-जगह पुलिस की तैनाती गई थी। कांग्रेसी नेताओं ने इसे रमन सरकार दमनात्मक नीति पर अफसोस जताया और कहा कि इसका नतीजा चुनाव में भुगतने तैयार रहें।

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