पीजी कॉलेज कवर्धा में जनभागीदारी मद की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कॉलेज में जनभागीदारी में अतिथि शिक्षक (गेस्ट टीचर) की भर्ती की गई है।
इनमें एक गेस्ट टीचर ऐसी भी है, जो अक्टूबर महीने में 20 दिन कॉलेज नहीं
आई। बॉयोमेट्रिक मशीन में भी सिर्फ 11 दिन की हाजिरी लगी है।
फिर भी प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसएस महापात्र ने उन्हें पूरे महीने की तनख्वाह दे दी है। गड़बड़ी छिपाने के लिए रजिस्टर में पूरे महीने की हाजिरी लगाई गई है। इस बात से नाराज स्टूडेंट्स से प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। साेमवार को कलेक्टाेरेट पहुंचकर उन्होंने मामले की लिखित शिकायत की। सबूत के तौर पर बायोमेट्रिक अटेंडर और हाजिरी रजिस्टर की कॉपी भी आवेदन के साथ लगाया। ताकि अधिकारियों को जांच करने में गड़बड़ी आसानी से समझ आ जाए। स्टूडेंट्स का कहना है कि पेश किए गए दस्तावेजों से भी पुष्टि नहीं होती है, तो कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच कराने मांग की है।
हर स्टूडेंट से 200 से 250 रु. लेते हैं जनभागीदारी शुल्क : छात्र रंजी वर्मा, अक्षय वर्मा, अखिलेश, राजेश पात्रे, सुधांशु बघेल बताते हैं कि कॉलेज में करीब 3 हजार रेगुलर स्टूडेंट्स हैं, जिनसे प्रवेश के समय 200 से 250 रुपए तक जनभागीदारी शुल्क लिया गया है। यहां नियमित प्राध्यापकों की कमी है, इसलिए 6- 7 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है। स्टूडेंट्स से लिए गए जनभागीदारी की राशि से इन्हें सैलरी दी जाती है।
फिर भी प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसएस महापात्र ने उन्हें पूरे महीने की तनख्वाह दे दी है। गड़बड़ी छिपाने के लिए रजिस्टर में पूरे महीने की हाजिरी लगाई गई है। इस बात से नाराज स्टूडेंट्स से प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। साेमवार को कलेक्टाेरेट पहुंचकर उन्होंने मामले की लिखित शिकायत की। सबूत के तौर पर बायोमेट्रिक अटेंडर और हाजिरी रजिस्टर की कॉपी भी आवेदन के साथ लगाया। ताकि अधिकारियों को जांच करने में गड़बड़ी आसानी से समझ आ जाए। स्टूडेंट्स का कहना है कि पेश किए गए दस्तावेजों से भी पुष्टि नहीं होती है, तो कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच कराने मांग की है।
हर स्टूडेंट से 200 से 250 रु. लेते हैं जनभागीदारी शुल्क : छात्र रंजी वर्मा, अक्षय वर्मा, अखिलेश, राजेश पात्रे, सुधांशु बघेल बताते हैं कि कॉलेज में करीब 3 हजार रेगुलर स्टूडेंट्स हैं, जिनसे प्रवेश के समय 200 से 250 रुपए तक जनभागीदारी शुल्क लिया गया है। यहां नियमित प्राध्यापकों की कमी है, इसलिए 6- 7 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है। स्टूडेंट्स से लिए गए जनभागीदारी की राशि से इन्हें सैलरी दी जाती है।