बालोद. गुरुर विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला के दो
शिक्षक फर्जी डिग्री से नौकरी करने का मामला सामने के बाद दोनों शिक्षक
मंगलवार को स्कूल से गायब मिले। जांच में स्कूल पहुं्चे ब्लॉक शिक्षा
अधिकारी ने टीम के साथ स्थिति की जानकारी ली, तो पता चला दोनों शिक्षक
नदारद मिले। मामले का खुलासा पत्रिका ने 19 मार्च के अंक में किया था।
अब एक शिक्षक के भरोसे हो गया स्कूल
इस दौरान टीम ने पाया कि एक शिक्षक के भरोसे ही कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे अध्ययन करते रहे। इस गंभीर मामले पर अब शिक्षा विभाग भी कड़ा रुख अपनाया है। दोनों फर्जी शिक्षकों को तीन दिनों के भीतर जवाब देने कहा है। यही नहीं विभाग ने इन दोनों शिक्षकों का वेतन तक रोकने के आदेश दिए हैं। अब जल्द ही इन पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी क्योंकि दोनों ने फर्जी डीएड के दस्तावेज जमा करके बीते 10 वर्षों से वर्ग तीन शिक्षाकर्मी के पद पर नौकरी कर रहे थे।
ग्रामीण बोले दोषी पर करें कार्रवाई, लेकिन यहां शिक्षक भी दें
जब गुरुर बीईओ प्रदीप राय ने सुबह 11 बजे ग्राम साल्हेभाट स्कूल का जायजा लेने पहुंचे, तो स्कूल में देखा केवल एक ही शिक्षक मिला, लेकिन दोनों फर्जी शिक्षक नदारद रहे। बता दें कि स्कूल के भगवती प्रसाद देवांगन व चंद्रभूषण बांधे 10 वर्षों से फर्जी डीएड की मार्कशीट जमा कर नौकरी कर रहे थे। पर इनकी फर्जी डिग्री पकड़ी गई। इधझ्र ग्रामीण बोल रहे हैं कि जो गलत किया है उन पर कार्रवाई की जाए, पर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए यहां शिक्षक की व्यवस्था करें। इस दौरान बीईओ ने शिक्षक की व्यवस्था जल्द करने आश्वासन दिए।
तीन दिनों में नहीं दिए जवाब तो होगी बड़ी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने दोनों शिक्षकों को तीन दिन का समय दिया है। इतने दिनों में उन्हें मामले में अपना जवाब देना है क्योंकि फर्जी डिग्री का मामला सही पाया गया है। जांच में दोनों शिक्षाकर्मी दोषी भी पाए गए हैं। कार्रवाई भी तय है। हालांकि शिक्षा विभाग ने दोनों के वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।
नदारद थे दोनों, कार्रवाई तो तय है : बीईओ
मामले में गुरुर बीईओ प्रदीप राय ने बताया मंगलवार को स्कूल गए थे। जहां दोनों शिक्षक नदारद मिले। शाला प्रबंधन समिति से चर्चा की गई। उन्होंने शिक्षक की मांग किए हैं। एक शिक्षक की पदस्थापना के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। जल्द ही शिक्षक की व्यवस्था हो जाएगी।
अब एक शिक्षक के भरोसे हो गया स्कूल
इस दौरान टीम ने पाया कि एक शिक्षक के भरोसे ही कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे अध्ययन करते रहे। इस गंभीर मामले पर अब शिक्षा विभाग भी कड़ा रुख अपनाया है। दोनों फर्जी शिक्षकों को तीन दिनों के भीतर जवाब देने कहा है। यही नहीं विभाग ने इन दोनों शिक्षकों का वेतन तक रोकने के आदेश दिए हैं। अब जल्द ही इन पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी क्योंकि दोनों ने फर्जी डीएड के दस्तावेज जमा करके बीते 10 वर्षों से वर्ग तीन शिक्षाकर्मी के पद पर नौकरी कर रहे थे।
ग्रामीण बोले दोषी पर करें कार्रवाई, लेकिन यहां शिक्षक भी दें
जब गुरुर बीईओ प्रदीप राय ने सुबह 11 बजे ग्राम साल्हेभाट स्कूल का जायजा लेने पहुंचे, तो स्कूल में देखा केवल एक ही शिक्षक मिला, लेकिन दोनों फर्जी शिक्षक नदारद रहे। बता दें कि स्कूल के भगवती प्रसाद देवांगन व चंद्रभूषण बांधे 10 वर्षों से फर्जी डीएड की मार्कशीट जमा कर नौकरी कर रहे थे। पर इनकी फर्जी डिग्री पकड़ी गई। इधझ्र ग्रामीण बोल रहे हैं कि जो गलत किया है उन पर कार्रवाई की जाए, पर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए यहां शिक्षक की व्यवस्था करें। इस दौरान बीईओ ने शिक्षक की व्यवस्था जल्द करने आश्वासन दिए।
तीन दिनों में नहीं दिए जवाब तो होगी बड़ी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने दोनों शिक्षकों को तीन दिन का समय दिया है। इतने दिनों में उन्हें मामले में अपना जवाब देना है क्योंकि फर्जी डिग्री का मामला सही पाया गया है। जांच में दोनों शिक्षाकर्मी दोषी भी पाए गए हैं। कार्रवाई भी तय है। हालांकि शिक्षा विभाग ने दोनों के वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।
नदारद थे दोनों, कार्रवाई तो तय है : बीईओ
मामले में गुरुर बीईओ प्रदीप राय ने बताया मंगलवार को स्कूल गए थे। जहां दोनों शिक्षक नदारद मिले। शाला प्रबंधन समिति से चर्चा की गई। उन्होंने शिक्षक की मांग किए हैं। एक शिक्षक की पदस्थापना के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। जल्द ही शिक्षक की व्यवस्था हो जाएगी।