रायपुर.प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में राज्य स्तर
पर आयोजित की जा रही परीक्षाएं अंतिम चरणों में हैं। पहली से पांचवीं की
परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं, जबकि छठवीं से आठवीं की परीक्षाएं 16 अप्रैल
को खत्म होंगी। इनके परिणाम को लेकर शिक्षा विभाग ने विशेष कार्ययोजना बनाई
है।
विभाग द्वारा परिणाम जारी करने से पहले अधिकारियों द्वारा इनका आंकलन किया जाएगा, जिससे बच्चों में शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं, इसी आधार पर अगले सत्र के लिए रोडमैप तैयार कर शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। जबकि इससे पूर्व पहली से आठवीं तक बच्चों को प्रमोट करने की नीति से असल खामियां निकलकर सामने नहीं आ पाती थीं, जिस वजह से इस सत्र से परीक्षा पद्धति में बदलाव किया गया है।
रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर. चंद्राकर ने बताया कि जिन कक्षाओं की परीक्षाएं पूर्ण हो चुकी हैं, उनका मूल्यांकन शुरू किया जा चुका है। जैसे-जैसे और परीक्षाएं होती जा रही हैं, मूल्यांकन को गति देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, चुनावी कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने से परिणामों में देरी होने की संभावना जताई जा रही है।
फैक्ट फाइल
- प्राथमिक स्कूलों की संख्या - 33 हजार 257
- प्राथमिक स्कूलों में बच्चे - 26 लाख 36 हजार 276
- पूर्व माध्यमिक स्कूलों की संख्या - 16 हजार 450
- पूर्व माध्यमिक स्कूलों में बच्चे - 15 लाख 17 हजार 321
15 तारीख से एंट्री होगी शुरू
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार राज्य स्तर पर बेसलाइन परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विभाग पर्चों की छपाई से लेकर ऑनलाइन एंट्री में करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। वहीं, एनआईसी द्वारा इसके लिए एप्लीकेशन तैयार किया गया है, जिसमें सभी स्कूलों द्वारा बच्चों के परफार्मेंस की रिपोर्ट अपलोड की जाएगी। जिसमें लगभग १५-२० दिनों का समय लगेगा। अधिकारियों के मुताबिक डाटा फीडिंग के बाद आंकलन प्रक्रिया आयोजित की जाएगी।
ग्रेड में होंगे परिणाम
अधिकारियों के मुताबिक किसी भी बच्चे को फेल तो नहीं किया जाएगा, जबकि निजी स्कूलों की भांति उनकी ग्रेडिंग की जाएगी। साथ ही कॉपियों के मूल्यांकन के बाद राज्य स्तर पर एक-एक बच्चे को मिले अंकों का रिकार्ड तैयार किया जाएगा। जिसके आधार पर निम्न, मध्यम और उच्च स्तर के बच्चों को पृथक कर डेटाबेस तैयार होगा और आगे की रूपरेख तैयार करने में विभाग को सहूलियत होगी।
आंकलन से मिलेगी दिशा
बेसलाइन परीक्षाओं के परिणाम से पहले उनका आंकलन किया जाएगा। जिससे प्रदेश के सभी बच्चों का शैक्षणिक स्तर सामने आएगा। जिसके बाद आगे की रूपरेखा तैयार करने में सहूलियत होगी।
विभाग द्वारा परिणाम जारी करने से पहले अधिकारियों द्वारा इनका आंकलन किया जाएगा, जिससे बच्चों में शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं, इसी आधार पर अगले सत्र के लिए रोडमैप तैयार कर शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। जबकि इससे पूर्व पहली से आठवीं तक बच्चों को प्रमोट करने की नीति से असल खामियां निकलकर सामने नहीं आ पाती थीं, जिस वजह से इस सत्र से परीक्षा पद्धति में बदलाव किया गया है।
रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर. चंद्राकर ने बताया कि जिन कक्षाओं की परीक्षाएं पूर्ण हो चुकी हैं, उनका मूल्यांकन शुरू किया जा चुका है। जैसे-जैसे और परीक्षाएं होती जा रही हैं, मूल्यांकन को गति देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, चुनावी कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने से परिणामों में देरी होने की संभावना जताई जा रही है।
फैक्ट फाइल
- प्राथमिक स्कूलों की संख्या - 33 हजार 257
- प्राथमिक स्कूलों में बच्चे - 26 लाख 36 हजार 276
- पूर्व माध्यमिक स्कूलों की संख्या - 16 हजार 450
- पूर्व माध्यमिक स्कूलों में बच्चे - 15 लाख 17 हजार 321
15 तारीख से एंट्री होगी शुरू
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार राज्य स्तर पर बेसलाइन परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विभाग पर्चों की छपाई से लेकर ऑनलाइन एंट्री में करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। वहीं, एनआईसी द्वारा इसके लिए एप्लीकेशन तैयार किया गया है, जिसमें सभी स्कूलों द्वारा बच्चों के परफार्मेंस की रिपोर्ट अपलोड की जाएगी। जिसमें लगभग १५-२० दिनों का समय लगेगा। अधिकारियों के मुताबिक डाटा फीडिंग के बाद आंकलन प्रक्रिया आयोजित की जाएगी।
ग्रेड में होंगे परिणाम
अधिकारियों के मुताबिक किसी भी बच्चे को फेल तो नहीं किया जाएगा, जबकि निजी स्कूलों की भांति उनकी ग्रेडिंग की जाएगी। साथ ही कॉपियों के मूल्यांकन के बाद राज्य स्तर पर एक-एक बच्चे को मिले अंकों का रिकार्ड तैयार किया जाएगा। जिसके आधार पर निम्न, मध्यम और उच्च स्तर के बच्चों को पृथक कर डेटाबेस तैयार होगा और आगे की रूपरेख तैयार करने में विभाग को सहूलियत होगी।
आंकलन से मिलेगी दिशा
बेसलाइन परीक्षाओं के परिणाम से पहले उनका आंकलन किया जाएगा। जिससे प्रदेश के सभी बच्चों का शैक्षणिक स्तर सामने आएगा। जिसके बाद आगे की रूपरेखा तैयार करने में सहूलियत होगी।