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शिक्षकों को नहीं करना पड़ेगा अप-डाउन, गांव में ही बनाया जाएगा आवास

कोरबा। नईदुनिया प्रतिनिधि
शिक्षक प्रतिदिन अपने गृहग्राम से दूरदराज स्कूल तक आना जाना करने की बजाय गांव में ही रह कर पढ़ाई करा सकें, इसके लिए स्कूल परिसर में ही आवास की सुविधा दी जाएगी। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) की ओर से आगामी शैक्षणिक सत्र में मिडिल से हाईस्कूल में उन्नयन भवन की बजाय शिक्षक आवास निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।
शिक्षा विभाग ने इसके लिए जिले के 11 स्कूल में स्थल का चिन्हांकन किया है। प्रत्येक परिसर में 10-10 आवास का निर्माण किया जाएगा। आवास निर्माण का उद्देश्य शिक्षकों को स्कूल परिसर में रहने की सुविधा देकर शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करना है।
24 जून से शिक्षा नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो रही है। शिक्षा की दशा में बेहतर सुधार के लिए आरएमएसए ने स्कूल भवन की बजाय शिक्षकों के लिए भवन तैयार करने का निर्णय लिया है। विभाग की ओर से अब जिले में 86 मिडिल स्कूल का उन्नयन कर हाईस्कूल में तब्दील किया जा चुका है। शिक्षा अभियान की ओर शिक्षा की बेहतरी के लिए अब तक स्कूल भवन के अलावा अतिरिक्त भवन, लैब निर्माण आदि को स्वीकृति दी गई है। हाईस्कूल उन्नयन के बाद स्कूलों में शिक्षकों की कमी अब भी बरकरार है। उससे भी विकट स्थिति शिक्षकों के स्कूल में पर्याप्त समय तक नहीं रुकने को लेकर है। दूरस्थ ग्रामीण अंचल में पदस्थ शिक्षक प्रतिदिन में अपने रहवास स्थल से आवागमन करते हैं। स्कूल पहुंचने के बाद शिक्षकों को अध्यापन कराने से अधिक घर वापसी की चिंता लगी रहती है। स्कूल में पर्याप्त समय तक ठहरने की बजाय कई शिक्षक समय से पहले ही घर लौट जाते हैं। आवास की सुविधा नहीं होने से गांवों में शिक्षकों को ठहरने में असुविधा होती है। शिक्षकों को आवासीय सुविधा दिए जाने से समस्या का निराकरण होने के आसार नजर आ रहे हैं। बहरहाल प्रत्येक गांव में 10-10 आवास की निर्माण की प्लानिंग की जा रही है। सुविधायुक्त आवास का निर्माण स्कूल परिसर अथवा गांव के ही शासकीय भूमि में किया जाएगा। आवास निर्माण के लिए पᆬंड आरएमएसए की ओर से जारी किया जाएगा। आवासीय सुविधा के लिए दूरस्थ अंचल के हाईस्कूल का चयन किया गया है।
किराया खर्च में होगी बचत
आवास सुविधा दिए जाने से शिक्षकों को लंबी दूरी तय करने से निजात मिलेगी। विभागीय अधिकारी की मानें तो किराया के नाम पर नाममात्र की राशि की कटौती वेतन से की जाएगी। शिक्षक प्रति माह आवागमन में जितनी राशि खर्च कर देते हैं, उससे कम खर्च में शिक्षकों को आवास की सुविधा होगी। बिजली, पानी की सुविधा से युक्त आवास शिक्षकों के लिए उपयोगी साबित होगी। प्रतिदिन लंबी दूरी चलकर आवागमन में होने वाली लेटलतीपᆬी से बचने में शिक्षकों को सुविधा होगी।
दूसरे गांव के शिक्षक भी ले सकेंगे लाभ
आवास का निर्माण जिस गांव में होगा, वहां के स्कूलों में पदस्थ शिक्षक ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों पदस्थ शिक्षक भी आवास सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा यह सुविधा केवल हाई अथवा हायर सेकेंडरी पढ़ानें वाले शिक्षकों के लिए ही नहीं बल्कि प्राइमरी अथवा मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षकों के लिए भी होगा। शिक्षकों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को भी सहूलियत होगी।
इन स्कूलों में होगी आवास सुविधा
विकासखंडस्कूल
करतला-करतला, तुमान, बरपाली
कोरबा-बरपाली जिल्गा
पाली-पोड़ी लापᆬा, चोढ़ा
पोड़ी-उपरोड़ा-मोरगा, कोरबी-चोटिया, जटगा, गुरसिया, सिरमिना, पसान

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