कोरबा। नईदुनिया प्रतिनिधि
सहायक शिक्षक एलबी के लिए पिछले माह तीन दिन का शिविर लगाकर उनके मूल दस्तावेजों का परीक्षण कराया गया। कोरबा विकासखंड के लिए शुरू की गई प्रक्रिया में शामिल होने की बजाय नदारद रहने वाले सहायक शिक्षकों को रिमाइंडर जारी कर तीन दिन का वक्त दिया गया है। बीईओ कोरबा के निर्देश में कहा गया है कि अगर शेष रह गए शिक्षक स्वयं मौजूद रहकर मूल दस्तावेजों की जांच नहीं कराते हैं, तो उनका जून माह का वेतन रोकने की कार्रवाई की जा सकती है।
नौकरी के लिए प्रस्तुत किए गए गलत दस्तावेजों के संबंध में सामने आई शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग में पदस्थ शिक्षक जांच के दायरे में हैं। एक मामले में श्यांग के छिरहुट के शिक्षक को जांजगीर-चांपा पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जबकि प्रारंभिक जांच में एक अन्य के भी योग्यता प्रमाणपत्र के फर्जी होने की संभावना जताई गई थी। इस मामले को आधार रखते हुए कोरबा ब्लॉक के समस्त सहायक शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच करने पिछले माह तीन दिन का परीक्षण शिविर भी लगाया गया। शिविर में उपस्थिति दर्ज कराते हुए सहायक शिक्षकों से नियुक्ति के वक्त पेश किए गए दस्तावेज मांगे गए, जिनका शिक्षा मंडल के रिकॉर्ड के साथ मिलान भी किया गया। 12वीं में पूरक होकर भी फर्जी अंकसूची के सहारे शिक्षक की नौकरी में चयन होकर वर्षों शिक्षकीय कार्य करने के मामले के सामने आने के बाद हरकत में आए शिक्षा विभाग को उस निर्देश की याद आई, जो कुछ माह पहले मुख्यालय से भेजा गया था। इसमें संभागायुक्त से की गई एक शिकायत का हवाला देते हुए इस तरह का जांच-परीक्षण करने निर्देश दिया गया था। जब जांजगीर पुलिस ने मामले का पर्दाफाश किया, तब शिक्षा विभाग की ओर से आनन-फानन में एक समिति गठित कर जांच प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस दस्तावेज परीक्षण शिविर में कोरबा विकासखंड के सहायक शिक्षकों एलबी संवर्ग को अपने नियुक्ति के वक्त दिखाए गए योग्यता संबंधी दस्तावेजों के साथ जिला मुख्यालय पेश होने कहा गया था। शिविर में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करने के साथ बोर्ड के रिकॉर्ड से मिलान भी किया गया। निर्देश दरकिनार कर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों को एक और मौका दिया गया है। इस संबंध में कोरबा विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने एक निर्देश जारी किया है, जिसमें सहायक शिक्षकों को तीन दिन का अतिरिक्त समय दिया है। बीईओ ने चेतावनी दी है कि दिए गए समय में भी मूल दस्तावेजों की जांच नहीं कराने वाले सहायक शिक्षक एलबी के जून माह का वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी। जांच प्रक्रिया से छूटे शिक्षकों को 20 जून तक का वक्त दिया गया है, जिसमें स्वयं मौजूदगी दर्ज कराते हुए अपने मूल प्रमाणपत्रों का परीक्षण कराने कहा गया है।
संकुल शैक्षिक समन्वयकों को निर्देश
बीईओ कोरबा ने यह निर्देश विकासखंड अंतर्गत सभी संकुल शैक्षिक समन्वयकों को जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ब्लॉक अंतर्गत कार्यरत जिन सहायक शिक्षक एलबी के मूल प्रमाणपत्रों की जांच आज पर्यंत तक कार्यालय में नहीं कराई गई है, वे दिए गए तीन दिन के समय के भीतर कार्यालय उपस्थित होकर जांच कराएं। बीईओ ने विकासखंड अंतर्गत पदस्थ सभी संकुल शैक्षिक समन्वयकों को भी कहा है कि वे अपने संकुल के कर्मचारियों को उक्त तिथि को उपस्थित होने के निर्देशित करें। अफसरों के अनुसार दस्तावेजों के परीक्षण की प्रक्रिया का परिणाम क्या निकलकर आया है, इसके बारे में प्रक्रिया पूर्ण होने व जांच प्रतिवेदन तैयार होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा।
ब्लॉक में 1335 सहायक शिक्षक
दिए गए अतिरिक्त समय के अनुसार तीन दिन चलने वाले दस्तावेज परीक्षण शिविर में कोरबा विकासखंड के विभिन्न स्कूलों में अध्यापन कार्य कर रहे सहायक शिक्षक एलबी मौजूदगी दर्ज कराते हुए आंकलन से गुजरेंगे। उल्लेखनीय होगा कि कोरबा विकासखंड शिक्षा अधिकारी अंतर्गत कुल 1335 सहायक शिक्षक कार्यरत हैं, जिनके दस्तावेज परीक्षण की कार्रवाई अंतिम चरण पर है। पूर्व में 800 नियमित शिक्षक को भी कार्रवाई में शामिल करने की बात कही जा रही थी, लेकिन विभाग के अनुसार उन्हें मौजूदा प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। जांच का आदेश संभागायुक्त बिलासपुर की ओर से जारी किया गया था, जिसका पालन करते हुए परीक्षण शिविर के लिए टीम गठित कर पांच सदस्य को जिम्मेदारी दी गई थी।
इन गांवों के शिक्षक हो रहे शामिल
जांच कार्रवाई में जनशिक्षा केंद्र उरगा, भैसमा, तिलकेजा, चाकामार, बुंदेली, झगरहा, कोरकोमा, मदनपुर, रजगामार, कुदमुरा, चिर्रा, श्यांग, लेमरू, बड़गांव, अजगरबहार, सतरेंगा, जामबहार, देवपहरी, बरपाली, धनगांव, अंधरीकछार, लालघाट, परसाभाठा व सीतामण्ढ़ी अंतर्गत शिक्षकों को मूल दस्तावेजों समेत परीक्षण प्रक्रिया के लिए प्रस्तुत होने कहा गया था। अधिकतर शिक्षक प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। इस संबंध में बिलासपुर संभागायुक्त से शिकायत की गई थी, जिसमें यह आशंका व्यक्त की गई थी कि ब्लॉक में बड़ी संख्या में शिक्षक ऐसे हैं, जिनके दस्तावेज सही नहीं है। शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई थी व उसी के तहत दस्तावेज परीक्षण के लिए यह शिविर आयोजित किया जा रहा है।
सहायक शिक्षक एलबी के लिए पिछले माह तीन दिन का शिविर लगाकर उनके मूल दस्तावेजों का परीक्षण कराया गया। कोरबा विकासखंड के लिए शुरू की गई प्रक्रिया में शामिल होने की बजाय नदारद रहने वाले सहायक शिक्षकों को रिमाइंडर जारी कर तीन दिन का वक्त दिया गया है। बीईओ कोरबा के निर्देश में कहा गया है कि अगर शेष रह गए शिक्षक स्वयं मौजूद रहकर मूल दस्तावेजों की जांच नहीं कराते हैं, तो उनका जून माह का वेतन रोकने की कार्रवाई की जा सकती है।
नौकरी के लिए प्रस्तुत किए गए गलत दस्तावेजों के संबंध में सामने आई शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग में पदस्थ शिक्षक जांच के दायरे में हैं। एक मामले में श्यांग के छिरहुट के शिक्षक को जांजगीर-चांपा पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जबकि प्रारंभिक जांच में एक अन्य के भी योग्यता प्रमाणपत्र के फर्जी होने की संभावना जताई गई थी। इस मामले को आधार रखते हुए कोरबा ब्लॉक के समस्त सहायक शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच करने पिछले माह तीन दिन का परीक्षण शिविर भी लगाया गया। शिविर में उपस्थिति दर्ज कराते हुए सहायक शिक्षकों से नियुक्ति के वक्त पेश किए गए दस्तावेज मांगे गए, जिनका शिक्षा मंडल के रिकॉर्ड के साथ मिलान भी किया गया। 12वीं में पूरक होकर भी फर्जी अंकसूची के सहारे शिक्षक की नौकरी में चयन होकर वर्षों शिक्षकीय कार्य करने के मामले के सामने आने के बाद हरकत में आए शिक्षा विभाग को उस निर्देश की याद आई, जो कुछ माह पहले मुख्यालय से भेजा गया था। इसमें संभागायुक्त से की गई एक शिकायत का हवाला देते हुए इस तरह का जांच-परीक्षण करने निर्देश दिया गया था। जब जांजगीर पुलिस ने मामले का पर्दाफाश किया, तब शिक्षा विभाग की ओर से आनन-फानन में एक समिति गठित कर जांच प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस दस्तावेज परीक्षण शिविर में कोरबा विकासखंड के सहायक शिक्षकों एलबी संवर्ग को अपने नियुक्ति के वक्त दिखाए गए योग्यता संबंधी दस्तावेजों के साथ जिला मुख्यालय पेश होने कहा गया था। शिविर में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करने के साथ बोर्ड के रिकॉर्ड से मिलान भी किया गया। निर्देश दरकिनार कर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों को एक और मौका दिया गया है। इस संबंध में कोरबा विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने एक निर्देश जारी किया है, जिसमें सहायक शिक्षकों को तीन दिन का अतिरिक्त समय दिया है। बीईओ ने चेतावनी दी है कि दिए गए समय में भी मूल दस्तावेजों की जांच नहीं कराने वाले सहायक शिक्षक एलबी के जून माह का वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी। जांच प्रक्रिया से छूटे शिक्षकों को 20 जून तक का वक्त दिया गया है, जिसमें स्वयं मौजूदगी दर्ज कराते हुए अपने मूल प्रमाणपत्रों का परीक्षण कराने कहा गया है।
बीईओ कोरबा ने यह निर्देश विकासखंड अंतर्गत सभी संकुल शैक्षिक समन्वयकों को जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ब्लॉक अंतर्गत कार्यरत जिन सहायक शिक्षक एलबी के मूल प्रमाणपत्रों की जांच आज पर्यंत तक कार्यालय में नहीं कराई गई है, वे दिए गए तीन दिन के समय के भीतर कार्यालय उपस्थित होकर जांच कराएं। बीईओ ने विकासखंड अंतर्गत पदस्थ सभी संकुल शैक्षिक समन्वयकों को भी कहा है कि वे अपने संकुल के कर्मचारियों को उक्त तिथि को उपस्थित होने के निर्देशित करें। अफसरों के अनुसार दस्तावेजों के परीक्षण की प्रक्रिया का परिणाम क्या निकलकर आया है, इसके बारे में प्रक्रिया पूर्ण होने व जांच प्रतिवेदन तैयार होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा।
दिए गए अतिरिक्त समय के अनुसार तीन दिन चलने वाले दस्तावेज परीक्षण शिविर में कोरबा विकासखंड के विभिन्न स्कूलों में अध्यापन कार्य कर रहे सहायक शिक्षक एलबी मौजूदगी दर्ज कराते हुए आंकलन से गुजरेंगे। उल्लेखनीय होगा कि कोरबा विकासखंड शिक्षा अधिकारी अंतर्गत कुल 1335 सहायक शिक्षक कार्यरत हैं, जिनके दस्तावेज परीक्षण की कार्रवाई अंतिम चरण पर है। पूर्व में 800 नियमित शिक्षक को भी कार्रवाई में शामिल करने की बात कही जा रही थी, लेकिन विभाग के अनुसार उन्हें मौजूदा प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। जांच का आदेश संभागायुक्त बिलासपुर की ओर से जारी किया गया था, जिसका पालन करते हुए परीक्षण शिविर के लिए टीम गठित कर पांच सदस्य को जिम्मेदारी दी गई थी।
जांच कार्रवाई में जनशिक्षा केंद्र उरगा, भैसमा, तिलकेजा, चाकामार, बुंदेली, झगरहा, कोरकोमा, मदनपुर, रजगामार, कुदमुरा, चिर्रा, श्यांग, लेमरू, बड़गांव, अजगरबहार, सतरेंगा, जामबहार, देवपहरी, बरपाली, धनगांव, अंधरीकछार, लालघाट, परसाभाठा व सीतामण्ढ़ी अंतर्गत शिक्षकों को मूल दस्तावेजों समेत परीक्षण प्रक्रिया के लिए प्रस्तुत होने कहा गया था। अधिकतर शिक्षक प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। इस संबंध में बिलासपुर संभागायुक्त से शिकायत की गई थी, जिसमें यह आशंका व्यक्त की गई थी कि ब्लॉक में बड़ी संख्या में शिक्षक ऐसे हैं, जिनके दस्तावेज सही नहीं है। शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई थी व उसी के तहत दस्तावेज परीक्षण के लिए यह शिविर आयोजित किया जा रहा है।