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Govt Jobs : Opening

अफसरों ने कहा- शिक्षकों को करेंगे ऑनलाइन ट्रेंड तो शुरू हुआ विवाद

रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एससीईआरटी) ने शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण देने का फार्मूला तैयार किया है।
एससीईआरटी के अफसरों का कहना है कि इस कार्यक्रम में राज्य स्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्रोत प्रशिक्षक हाई स्कूल, हायर सेकंडरी, डाइट, व्याख्याता, प्राचार्य और संकाय सदस्य होंगे। राज्य स्रोत प्रशिक्षक हाई स्कूल, हायर सेकंडरी विद्यालयों के प्राचार्य को बनाया जाए। राज्य स्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्रोत प्रशिक्षक प्रशिक्षण देने के लिए अच्छा संप्रेषण एवं व्यवहार कुशल होना चाहिए और इनके पास स्मार्ट फोन होना आवश्यक है। शिक्षकों ने ऑनलाइन कामों को लेकर आपत्ति की है। शिक्षकों का कहना है कि पहले सरकार मोबाइल भत्ता दे इसके बाद यह कार्यक्रम चलाए। गौरतलब है कि इसमें प्रशिक्षण से पूर्व और प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों का ऑनलाइन टेस्ट लिया जाएगा। इसके लिए सभी शिक्षकों की ई-मेल आईडी बनाई जाएगी। सभी शिक्षकों को फेस-टू-फेस प्रशिक्षण दिया जाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार के निष्ठा(नेशनल इनिसिएटिव ऑन स्कूल टीचर हेड हॉलीस्टिक एडवांसमेंट) कार्यक्रम के तहत राज्य में कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना है।
ऐसे बनेंगे दल
150 शिक्षकों को प्रत्येक दल एक बार देंगे प्रशिक्षण
750 शिक्षकों को पांच चरणों में मिलेगा प्रशिक्षण
750 तक शिक्षकों का एक और 1500 सौ तक के लिए दो दल
1700 से 2000 हजार तक के लिए तीन दलों का गठन होगा
निष्ठा कार्यक्रम का यह है मकसद
सरकारी स्कूल के शिक्षकों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ खेल-खेल में पढ़ाई, लर्निंग आउटकम, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। निष्ठा योजना प्रारंभिक स्तर पर सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने का मिशन है। प्रारंभिक स्तर पर सभी सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षक, विद्यालय प्रमुख, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, कलस्टर समन्वयक, शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभी संकाय सदस्य शामिल होंगे। निष्ठा एकीकृत कार्यक्रम में शिक्षकों के प्रशिक्षण में किताबों के बजाय बच्चों के बौद्घिक विकास, बच्चों के महत्वपूर्ण सोच को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने शिक्षकों को प्रेरित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों के बीच जागरूकता फैलाएगा और उनको कौशल विकसित करने में सक्षम बनाएगा।
वर्जन
पहले मोबाइल भत्ता तो दें
शिक्षक स्मार्टफोन रखें तो यह अच्छी बात है। इसके पहले डीईओ और बीईओ भी स्मार्टफोन रखें। जनगणना के लिए कर्मचारियों को मोबाइल भत्ता मिलता है। शिक्षकों को मोबाइल भत्ता मिलना चाहिए। ऑनलाइन पर काम हो रहे हैं पर कईयों के पास मोबाइल भी नहीं है।- संजय शर्मा, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन रायपुर
गुणवत्ता के लिए प्रशिक्षण
- हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का हक है। मोबाइल सिर्फ मास्टर ट्रेनर्स के लिए कहा गया होगा। यह कार्यक्रम एमएचआडी का है। - पी.दयानंद, संचालक, एससीईआरटी

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