बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
कोरोना ड्यूटी में लगाए गए जिले के 9235 शिक्षक हाई रिस्क में हैं। इन्हें रेलवे स्टेशन और क्वारंटाइन सेंटर जैसे कोरोना संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है। जहां लगातार कोरोना संदेहियों के संपर्क में आ रहे हैं। इसके बाद भी उनके पास सुरक्षा के लिए सिर्फ मास्क व दस्ताने हैं। पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण ही एक शिक्षक कोरोना संक्रमित हो चुका है। इसके बाद से कोरोना ड्यूटी कर रहे शिक्षक डरे हुए हैं।
रेलवे स्टेशन में 11 मई से शिक्षकों की ड्यूटी लग चुकी है। जहां पर हर रोज दूसरे राज्य से बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचते हैं। उनकी थर्मल स्क्रीनिंग व ट्रेवल हिस्ट्री लेने के बाद मास्क और सैनिटाइजर बांटने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। लेकिन इन शिक्षकों को अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ मास्क और दस्ताने दिए गए हैं। ये दोनों खतरनाक वायरस से बचाने के काफी नहीं है। इसी तरह क्वारंटाइन सेंटर में भी शिक्षकों को ड्यूटी लगाई गई है। जहां वे रोजाना आठ घंटे तैनात रहते हैं। क्वारंटाइन सेंटर में बड़ी संख्या में बाहर आए श्रमिक कोरोना पॉजिटिव मिल रह हैं। इससे शिक्षकों के भी चपेट में आने की आशंका है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग इन शिक्षकों को सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं करा रहा है। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन में ड्यूटी करने वाले एक शिक्षक कोरोना से संक्रमित भी हो गए हैं।
इसकी है जरूरत
कोरोना ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को कुछ खास संसाधन चाहिए ताकि वे संदेहियों के बीच खुद को सुरक्षित रहकर काम कर सकें। इसमें आवश्यकता पड़ने पर पीपीई किट, फेस शील्ड, हैंड सैनिटाइजर बहुत जरूरी है। रेलवे स्टेशन में कार्यरत कर्मियों को से संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
इनको भी है खतरा
ऐसा नहीं है कि सिर्फ शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी लगाई गई है। उनके अलावा पंचायत विभाग, नगर निगम, महिला बाल विकास विभाग के दो हजार से ज्यादा कर्मचारी स्टेशन व विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके पास सुरक्षा के पर्याप्त उपकरण नहीं हैं।
सख्ती की वजह से हैं चुप
एक साथी के कोरोना से संक्रमित होने के बाद शिक्षकों में दहशत है। वे कोरोना ड्यूटी करने से घबरा रहे हैं। लेकिन इसे लेकर प्रशासन बहुत सख्त है। इसकी वजह से खुलकर कुछ कह नहीं पा रहे हैं।
जिला प्रशासन के निर्देश पर शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षा संसाधन मुहैया कराया जा रहा है। यदि किसी और चीज की जरूरत है तो इसकी जानकारी प्रशासन को दी जाएगी। शिक्षकों को खुद भी सुरक्षा पर ध्यान देना होगा।
अशोक कुमार भार्गव
डीईओ, बिलासपुर
जिस तरह की डिमांड आती है उस तरह से सुरक्षा उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। संसाधन की कमी है। इसकी व्यवस्था की जाएगा।
डॉ. प्रमोद महाजन
सीएमएचओ, बिलासपुर
कोरोना ड्यूटी में लगाए गए जिले के 9235 शिक्षक हाई रिस्क में हैं। इन्हें रेलवे स्टेशन और क्वारंटाइन सेंटर जैसे कोरोना संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है। जहां लगातार कोरोना संदेहियों के संपर्क में आ रहे हैं। इसके बाद भी उनके पास सुरक्षा के लिए सिर्फ मास्क व दस्ताने हैं। पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण ही एक शिक्षक कोरोना संक्रमित हो चुका है। इसके बाद से कोरोना ड्यूटी कर रहे शिक्षक डरे हुए हैं।
रेलवे स्टेशन में 11 मई से शिक्षकों की ड्यूटी लग चुकी है। जहां पर हर रोज दूसरे राज्य से बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचते हैं। उनकी थर्मल स्क्रीनिंग व ट्रेवल हिस्ट्री लेने के बाद मास्क और सैनिटाइजर बांटने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। लेकिन इन शिक्षकों को अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ मास्क और दस्ताने दिए गए हैं। ये दोनों खतरनाक वायरस से बचाने के काफी नहीं है। इसी तरह क्वारंटाइन सेंटर में भी शिक्षकों को ड्यूटी लगाई गई है। जहां वे रोजाना आठ घंटे तैनात रहते हैं। क्वारंटाइन सेंटर में बड़ी संख्या में बाहर आए श्रमिक कोरोना पॉजिटिव मिल रह हैं। इससे शिक्षकों के भी चपेट में आने की आशंका है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग इन शिक्षकों को सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं करा रहा है। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन में ड्यूटी करने वाले एक शिक्षक कोरोना से संक्रमित भी हो गए हैं।
कोरोना ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को कुछ खास संसाधन चाहिए ताकि वे संदेहियों के बीच खुद को सुरक्षित रहकर काम कर सकें। इसमें आवश्यकता पड़ने पर पीपीई किट, फेस शील्ड, हैंड सैनिटाइजर बहुत जरूरी है। रेलवे स्टेशन में कार्यरत कर्मियों को से संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
इनको भी है खतरा
ऐसा नहीं है कि सिर्फ शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी लगाई गई है। उनके अलावा पंचायत विभाग, नगर निगम, महिला बाल विकास विभाग के दो हजार से ज्यादा कर्मचारी स्टेशन व विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके पास सुरक्षा के पर्याप्त उपकरण नहीं हैं।
एक साथी के कोरोना से संक्रमित होने के बाद शिक्षकों में दहशत है। वे कोरोना ड्यूटी करने से घबरा रहे हैं। लेकिन इसे लेकर प्रशासन बहुत सख्त है। इसकी वजह से खुलकर कुछ कह नहीं पा रहे हैं।
जिला प्रशासन के निर्देश पर शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षा संसाधन मुहैया कराया जा रहा है। यदि किसी और चीज की जरूरत है तो इसकी जानकारी प्रशासन को दी जाएगी। शिक्षकों को खुद भी सुरक्षा पर ध्यान देना होगा।
डीईओ, बिलासपुर
जिस तरह की डिमांड आती है उस तरह से सुरक्षा उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। संसाधन की कमी है। इसकी व्यवस्था की जाएगा।
डॉ. प्रमोद महाजन
सीएमएचओ, बिलासपुर