बिलासपुर। Bilaspur High Court News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के एक आदेश से प्रदेश के उन शिक्षकों को राहत मिली है जिन्होंने आठ वर्ष की सेवावधि पूर्ण कर ली है। हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में ऐसे शिक्षकों को पुनरीक्षित वेतनमान देने का आदेश राज्य शासन को जारी किया है। कोर्ट के इस आदेश से सैकड़ों शिक्षकों को राहत मिलेगी।
बिलासपुर
जिले के विभिन्न् स्कूलों में पदस्थ प्रमोद लहरे,सहायता लाल पैकरा व 30
अन्य शिक्षकों ने वकील अजय श्रीवास्तव के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में
याचिका दायर की थी। याचिका में शिक्षकों ने कहा है कि वे सभी जिला पंचायत
बिलासपुर के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में पदस्थ हैं। याचिकाकर्ताओं के
अनुसार पहले वे सभी शिक्षाकर्मी वर्ग एक से तीन के पदों पर पदस्थ थे।
राज्य शासन की नई भर्ती प्रक्रिया के तहत आवेदन देकर समकक्ष पदों पर भर्ती
हो गए हैं। नई पदों पर राज्य शासन ने पदस्थापना आदेश तो जारी किया पर पूर्व
के सेवाकाल की गणना नहीं की गई।
इससे
उनकी वरिष्ठता पर प्रभाव पड़ रहा है। याचिकाकर्ताओं ने राज्य शासन द्वारा
बनाए गए नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि शासन के निर्देश में स्पष्ट
लिखा है कि शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के पद पर पदस्थ नई भर्ती प्रक्रिया के तहत
अगर नई भर्ती में शामिल होकर वर्ग एक या दो में पदस्थ हो जाते हैं तो
पूर्व में वर्ग तीन के रूप में जितने वर्ष सेवा दी है उस सेवावधि को वर्ग
एक या फिर वर्ग दो के पदस्थापना में शामिल किया जाएगा। उनके प्रकरणों में
ऐसा नहीं किया गया है।
इसके
चलते उनको पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। याचिका के
अनुसार राज्य शासन ने आठ वर्ष सेवावधि पूर्ण करने की तिथि से पुनरीक्षित
वेतनमान तो दिया पर एरियर्स का भुगतान आजतलक नहीं किया है। रिट याचिका की
सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी के सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद
जस्टिस कोशी ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ताओं को एरियर्स का
भुगतान करने का निर्देश दिया है। इसके लिए कोर्ट ने शासन को 90 दिनों की
मोहलत दी है।