बिलासपुर। अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी को सी टेट में 10 फीसद आरक्षण न देकर शिक्षक की नियुक्ति से वंचित कर दिया गया। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही प्रकरण की अंतिम सुनवाई तक अंग्रेजी विषय के लिए एक पद रिक्त रखने का आदेश दिया है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने मार्च 2019 में 14 हजार 580 पदों पर सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याताओं की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके तहत रायगढ़ निवासी नवसागर पटेल ने अंग्रेजी शिक्षक के लिए आवेदन पत्र जमा किया। इसके लिए उन्होंने परीक्षा भी दी। सफल होने के बाद उन्हें 22 फरवरी 2021 को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाया गया।
इस दौरान अंकसूची सहित अन्य दस्तावेज लेकर उपस्थित होने पर उन्हें केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) में 55 प्रतिशत अंक नहीं पाने के कारण अपात्र कर दिया गया। भर्ती से वंचित करने पर उन्होंने अपने अधिवक्ता घनश्याम कश्यप के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका लगाई। उनके वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आते हैं।
आरक्षण नियम के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी को सी टेट इस परीक्षा में नियमानुसार 10 प्रतिशित की छूट देने का प्रविधान है। याचिकाकर्ता ने सी टेट में 52 प्रतिशत अंक हासिल किया है। इस हिसाब से उनके अंक अपेक्षाकृत कम नहीं हैं।
इस मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता को छूट का लाभ देना चाहिए। जस्टिस पी सैम कोशी ने मामले में राज्य शासन के शिक्षा विभाग सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही प्रकरण की अंतिम सुनवाई तक अंग्रेजी विषय में एक पद रिक्त रखने का आदेश दिया है।