दंतेवाडा। 16 जून से छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में स्कूल खुल गये है। शासन की योजना पढ़ाई तूहर दुवार के तहत शिक्षक-शिक्षिका बच्चों को पढ़ाने के लिए आनलाईन पढ़ाई एवं मोहल्ला क्लास भी लगा रहे हैं। बस्तर संभाग के सभी जिलों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण स्थानीय अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति विषय शिक्षक के रूप में विगत कई वर्षों से किया जाता रहा है। लेकिन पर्याप्त मात्रा में विषय शिक्षक नहीं होने के कारण मोहल्ला क्लास जैसे योजना में सभी विषयों की पढ़ाई नहीं हो रही है, जिन विषयों की पढ़ाई स्थानीय अतिथि शिक्षकों के द्वारा कराई जाती है। वे सभी विषयों की पढ़ाई पूरी तरह बंद होने से दंतेवाड़ा जिले के आदिवासी बच्चों का भविष्य खराब होता नजर आ रहा है।
मोहल्ला क्लास में जाकर पढ़ाने के लिए सभी स्थानीय अतिथि शिक्षक तैयार बैठे हैं और शासन प्रशासन से लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी मोहल्ला क्लास में पढ़ाने का मौका दिया जाय। लेकिन जिला प्रशासन को इसकी कोई चिंता नहीं है। भले ही आदिवासी स्कूली बच्चों का भविष्य खराब ही क्यू न हो जाए। जिला प्रशासन ने कह कर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से दूर भाग रही है कि स्कूल खुलने पर करेंगे अभी नहीं कर सकते, ऐसे में सभी स्थानीय अतिथि शिक्षकों का भविष्य बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर है।
अतिथि शिक्षकों का पूरा परिवार, जो इनके भरोसे चलता है, आज इनके बेरोजगार होने के चलते आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान है।विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य को देखते हुए सभी स्थानीय अतिथि शिक्षकों ने यह मांग रखी है कि जिला प्रशासन उन्हें मोहल्ला क्लास में पढ़ाने का मौका दें। ज्ञात हो की कोरोना महामारी के चलते थे, अतिथि शिक्षक पिछले साल मार्च 2020 से बेरोजगार है।
छह सालों से पढ़ा रहे
इस साल 2021 में जिला प्रशासन के द्वारा जनवरी में लिया गया था तो सभी अतिथि शिक्षको को एक रोशनी की किरण जगी लगा अब काम मिला घर चला पाएंगे पर फिर कोरोना की दूसरी लहर ने इनके इस उम्मीद को अंधेरे में घेर दिया। अप्रैल के बाद फिर बेरोजगार होकर घर में बैठा दिया। ये अतिथि शिक्षक पिछले 6 सालो से अपनी भूमिका देकर जिले में अंदरूनी इलाकों में रहकर अपना कार्य कर रहे अब शासन को चाहिए कि इतने वर्षो से करने वालो के लिए कोई उचित रास्ता निकाल जाए।
अतिथि शिक्षकों के भरोसे स्कूल
दंतेवाडा के नक्सल प्रभावित स्कूल इन्ही अतिथि शिक्षकों के भरोसे चलता है, एक शिक्षकीय शाला में भी ये निभाते है, इसे लेकर कलेक्टर से चर्चा हुई है। 15 अगस्त तक अतिथि शिक्षकों को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
राजेश कर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी दंतेवाड़ा