राज्यभर में पिछले 18 दिनों से स्कूलों में पढ़ाई ठप कर धरने पर बैठे 78 हजार से ज्यादा सहायक शिक्षकों ने मंगलवार की रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिले आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त कर दी। मुख्यमंत्री ने उन्हें वेतन विसंगति के संबंध में सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उसी समय सहायक शिक्षकों ने आंदोलन समाप्त करने का ऐलान कर दिया।
सहायक शिक्षकों ने शिक्षकों के समान वेतन की मांग को लेकर 11 दिसंबर से हड़ताल शुरू की थी। उसके बाद से राज्यभर के आंदोलनकारी शिक्षक राजधानी में धरना दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सहायक शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा की है। सहायक शिक्षक पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे। हालांकि इस बीच शिक्षा विभाग के आला अफसरों ने उन्हें कई बार बातचीत के लिए बुलाया।
सहायक शिक्षक अपनी मांग पर अड़े थे। उनका कहना था कि मांग पूरी होने बाद ही आंदोलन समाप्त किया जाएगा। सहायक शिक्षकों और शिक्षकों के वेतन में 10 से 16 हजार तक अंतर है। इस वजह से तुरंत उनकी मांग नहीं मानी गई। हालांकि शिक्षकों विभाग के अफसरों ने उनकी मांगों के आधार पर आंकलन कर लिया था। सहायक शिक्षकों की मांग के मुताबिक वेतन बढ़ाने पर 800 करोड़ का सालाना बजट बढ़ रहा था। शिक्षाकर्मी वर्ग-3 से जिनका शिक्षा विभाग में संविलियन हुआ है उन्हें सहायक शिक्षक का पदनाम दिया गया है।