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12वीं में सुधरा जिले का रिकार्ड, टॉप टेन से चूके

कांकेर। बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष बारहवीं का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा। परीक्षा परिणाम बेहतर होने के बाद भी जिले का कोई भी छात्र टॉप टेन में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो सका।
गुरूवार को बारहवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित हुए। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष परीक्षा परिणाम बेहतर रहे। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बालिकाएं बालकों से आगे रही।
इस वर्ष जिले के परीक्षा परिणाम में काफी सुधार देखा गया। जिले में बारहवीं की परीक्षा में 84.20 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। जिसमें 82.98 प्रतिशत बालक और 85.36 प्रतिशत बालिकाएं परीक्षा में सफल रही। पिछले वर्ष के परीक्षा परिणाम पर नजर डाली जाए तो बारहवीं की परीक्षा में जिले के 69.29 परीक्षार्थी उत्तीर्ण रहे थे, जिसमें 68.23 प्रतिशत बालक उत्तीर्ण हुए थे और 70.36 प्रतिशत बालिकाएं उत्तीर्ण हुई थी। परीक्षा परिणाम जारी होने के पहले से ही छात्रों में अपना परीक्षा परिणाम जानने के लिए उत्सुकता बनी हुई थी और परिणाम जारी होते ही परीक्षार्थी अपना परीक्षा परिणाम को जानने के लिए स्मार्ट फोन, कम्प्यूटर सेंटर आदि में पहुंचते रहे।
बारहवीं की परीक्षा में जिले में इस बार 9111 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, 4481 बालक व 4630 बालिकाएं शामिल थीं, जिनमें से 4375 बालक और 4582 बालिकाएं कुल 8957 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए और 8934 परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। जिले में प्रथम श्रेणी 1492 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। द्वितीय श्रेणी से 4011, तृतीय श्रेणी से 1980 से उत्तीर्ण हुए। जिले में 3620 बालक और 3903 बालक कुल 7523 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए।
छह वर्षों में सबसे बेहतर
जिले में पिछले छह सालों के बारहवीं कक्षा के घोषित परिणामों में यह सबसे बेहतर परीक्षा परिणाम रहा है। 2011 के बाद से इस प्रकार का परीक्षा परिणाम प्राप्त नहीं हुआ था। बीते वर्षों में 72 प्रतिशत का आंकड़ा ही प्राप्त हो सका था। लेकिन इस बार बेहतर परीक्षा परिणाम देखने को मिले। जिले में बेहतर परिणाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए प्रज्ञा कार्यक्रम को भी जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों की कमी से जूझे रहे जिले में पढाई को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया था। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी, वहां कठिन विषयों को विडियो के माध्यम से पढाई की व्यवस्था की गई थी। जिले की कलेक्टर शम्मी आबिदी ने पदभार ग्रहण करने के बाद ही शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाए जाने पर जोर दिया था।


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