महासमुंद (ब्यूरो)। जिला पंचायत एवं शिक्षा विभाग में इन दिनों
पति-पत्नी आधार पर स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों को उनके मनचाहे जगहों पर
पदस्थापना देने का खेल चल रहा है। इस खेल में यह भी नजरअंदाज किया जा रहा
है कि बीते कुछ महीने पहले जिन स्कूलों के शिक्षकों को अतिशेष बताकर अन्य
स्कूल स्थानांतरित किया गया है, उन्हीं स्कूलों में स्थानांतरण से आए नवागत
शिक्षकों को भेजा जा रहा है।
खासकर शहर से लगे स्कूलों में पदस्थापना के लिए शिक्षकों की मांग है और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शिक्षकों की जरूरत और मांग को देखते हुए नियम-कायदों को दरकिनार कर पदस्थापना देने में मस्त हैं। अधिकारियों के द्वारा इस तरह से पदस्थापना किए जाने के भी कई मायने सामने आ रहे हैं।
प्रधानपाठक ने मांगा मार्गदर्शन
शासकीय प्राथमिक शाला बेमचा के प्रधानपाठक ने बीईओ पीके शर्मा को पत्र लिखकर स्थानांतरण पर भेजे गए शिक्षक को पदभार ग्रहण कराने से पूर्व मार्गदर्शन मांगा है। सूत्रों से मिले पत्र के अनुसार प्रधानपाठक ने 1 जून को यह पत्र बीईओ कार्यालय को भेजा है, जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि वर्तमान में पति-पत्नी आधार पर स्थानांतरण हुआ है। इसी के तहत प्राथमिक शाला बेमचा में भी एक शिक्षक की नियुक्ति स्थानांतरण के तहत की गई है। प्रधानपाठक ने लिखा कि इसके पूर्व शाला में दर्ज संख्या 405 थी तब शिक्षकों की संख्या 16 थी। शासन के आदेश पर दिसंबर 2015 में युक्तियुक्तकरण के तहत दो शिक्षकों को अतिशेष बताकर अन्य शालाओं में स्थानांतरण किया गया। मौजूदा सत्र में अप्रैल 2016 तक दर्ज संख्या 372 है और स्कूल में शिक्षक 14 हैं। अब एक शिक्षक को स्थांनातरित कर प्राशा बेमचा भेजा गया है। भेजे गए शिक्षक को पदभार ग्रहण कराने के लिए प्रधानपाठक ने मार्गदर्शन मांगा है।
ज्ञात हो कि 30 बच्चों के पीछे एक शिक्षक होना आवश्यक है। लिहाजा 372 बच्चों के लिए 13 शिक्षक होने चाहिए। वहीं जब 5 महीने पहले इसी स्कूल से दो शिक्षकों को अतिशेष बताकर अन्यत्र भेजा गया है, तब नए स्थानांतरित शिक्षक को भेजने का आशय स्टाफ के ज्यादातर लोग समझ रहे हैं। बताना जरूरी होगा कि बेमचा, शहर से महज 3 किमी की दूरी पर स्थित है और ज्यादातर प्रभावशाली लोगों के पारिवारिक सदस्य यहां के स्कूलों में कार्यरत हैं।
दो बार लिया पति-पत्नी स्थानांतरण का लाभ
एक ही शिक्षक ने पति-पत्नी के आधार पर दो बार स्थानांतरण का लाभ ले लिया है। जानकारी के अनुसार सेवा नियमों के मुताबिक यह लाभ केवल एक बार ही दिया जाना है। बावजूद जिला पंचायत के शिक्षा शाखा ने प्रकरण का पूरा निरीक्षण किए बगैर सूची तैयार कर आदेश भी जारी करा दिया। 30 मई को जिला पंचायत सीईओ पुष्पेंद्र मीणा द्वारा जारी किए गए आदेश क्रमांक 3389 में एक शिक्षक का स्थानांतरण पति-पत्नी आधार पर दोबारा किया गया है।
'पदस्थापना आदेश जिला पंचायत से जारी हुआ है, वहीं बता पाएंगे। हमारी कोई भूमिका नहीं है।'
-पीके शर्मा, बीईओ महासमुंद
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खासकर शहर से लगे स्कूलों में पदस्थापना के लिए शिक्षकों की मांग है और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शिक्षकों की जरूरत और मांग को देखते हुए नियम-कायदों को दरकिनार कर पदस्थापना देने में मस्त हैं। अधिकारियों के द्वारा इस तरह से पदस्थापना किए जाने के भी कई मायने सामने आ रहे हैं।
प्रधानपाठक ने मांगा मार्गदर्शन
शासकीय प्राथमिक शाला बेमचा के प्रधानपाठक ने बीईओ पीके शर्मा को पत्र लिखकर स्थानांतरण पर भेजे गए शिक्षक को पदभार ग्रहण कराने से पूर्व मार्गदर्शन मांगा है। सूत्रों से मिले पत्र के अनुसार प्रधानपाठक ने 1 जून को यह पत्र बीईओ कार्यालय को भेजा है, जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि वर्तमान में पति-पत्नी आधार पर स्थानांतरण हुआ है। इसी के तहत प्राथमिक शाला बेमचा में भी एक शिक्षक की नियुक्ति स्थानांतरण के तहत की गई है। प्रधानपाठक ने लिखा कि इसके पूर्व शाला में दर्ज संख्या 405 थी तब शिक्षकों की संख्या 16 थी। शासन के आदेश पर दिसंबर 2015 में युक्तियुक्तकरण के तहत दो शिक्षकों को अतिशेष बताकर अन्य शालाओं में स्थानांतरण किया गया। मौजूदा सत्र में अप्रैल 2016 तक दर्ज संख्या 372 है और स्कूल में शिक्षक 14 हैं। अब एक शिक्षक को स्थांनातरित कर प्राशा बेमचा भेजा गया है। भेजे गए शिक्षक को पदभार ग्रहण कराने के लिए प्रधानपाठक ने मार्गदर्शन मांगा है।
ज्ञात हो कि 30 बच्चों के पीछे एक शिक्षक होना आवश्यक है। लिहाजा 372 बच्चों के लिए 13 शिक्षक होने चाहिए। वहीं जब 5 महीने पहले इसी स्कूल से दो शिक्षकों को अतिशेष बताकर अन्यत्र भेजा गया है, तब नए स्थानांतरित शिक्षक को भेजने का आशय स्टाफ के ज्यादातर लोग समझ रहे हैं। बताना जरूरी होगा कि बेमचा, शहर से महज 3 किमी की दूरी पर स्थित है और ज्यादातर प्रभावशाली लोगों के पारिवारिक सदस्य यहां के स्कूलों में कार्यरत हैं।
दो बार लिया पति-पत्नी स्थानांतरण का लाभ
एक ही शिक्षक ने पति-पत्नी के आधार पर दो बार स्थानांतरण का लाभ ले लिया है। जानकारी के अनुसार सेवा नियमों के मुताबिक यह लाभ केवल एक बार ही दिया जाना है। बावजूद जिला पंचायत के शिक्षा शाखा ने प्रकरण का पूरा निरीक्षण किए बगैर सूची तैयार कर आदेश भी जारी करा दिया। 30 मई को जिला पंचायत सीईओ पुष्पेंद्र मीणा द्वारा जारी किए गए आदेश क्रमांक 3389 में एक शिक्षक का स्थानांतरण पति-पत्नी आधार पर दोबारा किया गया है।
'पदस्थापना आदेश जिला पंचायत से जारी हुआ है, वहीं बता पाएंगे। हमारी कोई भूमिका नहीं है।'
-पीके शर्मा, बीईओ महासमुंद
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