पढ़ाई के दौरान स्कूल से बेवजह गायब रहने वाले, अबसेंट करने वाले शिक्षकों पर सख्ती होगी। इन शिक्षकों की सूची तैयार होगी। साथ में एक-एक दिन का उनका डाटा तैयार होगा। इसमें यह जानकारी रहेगी कि
वे स्कूल आते हैं या नहीं, आते है तो बीच में गायब तो नहीं होते।
जिला शिक्षा विभाग से तैयार किए गए तथ्य में यह बातें सामने आई कि प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक जितने शिक्षक हैं, उनकी तुलना में वहां 20 फीसदी शिक्षक हर महीने अबसेंट मिले हैं। विभिन्न कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति प्रति महीने करीब 70 फीसदी तक है। इस व्यवस्था में बदलाव के लिए विभाग नया फार्मूला अपनाने की तैयारी कर रहा है। प्राइमरी-मिडिल के अलावा हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी बड़ी संख्या में शिक्षकों के अबसेंट होने की बात सामने आई है। जिला शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि अभी प्रारंभिक जानकारी में यह तथ्य सामने आ रहे हैं। बड़ी संख्या में शिक्षकों के स्कूल में नहीं रहने से दसवीं-बारहवीं के परिणाम पर भी असर पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षकों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है।
जिला शिक्षा विभाग के अफसरों के औचक निरीक्षण में भी शिक्षकों के क्लास से गायब रहने, अबसेंट रहने और समय से पहले बच्चों की छुट्टी देने के मामले सामने आए हैं। इसके बाद संबंधित शिक्षक और प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस दी गई, उनके अबसेंट वाले दिन की सैलरी भी कटवाई गई। जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा का कहना है कि अभी जो जानकारी सामने आई है उसके तहत स्कूलों में शिक्षकों की औसत उपस्थिति 80 से 90 फीसदी तक है। हाईस्कूल में स्थिति ठीक नहीं है। किन वजहों से औसत उपस्थिति कम हैं, इसे देखा जा रहा है। हो सकता है कि इसमें किसी ने छुट्टी ली हो, या फिर अन्य कारण हो। बेवजह स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षक पर सख्ती होगी। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
हाईस्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति कम :
प्राइमरी में करीब चार हजार शिक्षक हैं। इसमें शिक्षकों की औसत उपस्थिति 82 फीसदी है। मिडिल में 2167 शिक्षक हैं। इसमें शिक्षकों की औसत उपस्थिति 90 फीसदी, हाईस्कूल में इनकी औसत उपस्थिति 80 और हायर सेकेंडरी में 83 फीसदी तक है। इसके मुकाबले इन स्कूलों में बच्चों की 70 से 73 फीसदी तक है। हाईस्कूल में 71 फीसदी बच्चे नियमित क्लास आते हैं।
हर सप्ताह चुनेंगे बेस्ट : प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों तक बच्चों की क्लास में उपस्थिति बढ़ाने के लिए जिला शिक्षा विभाग नया फार्मूला अपनाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत आने वाले दिनों में यहां कुछ नई व्यवस्था होंगी। जिसके तहत स्कूलों में हर सप्ताह एक बेस्ट विद्यार्थी का चयन होगा। इसी तरह सप्ताह में एक दिन बच्चों के साथ उनके परिजनों को भी स्कूलों में बुलाया जाएगा यहां सभी शिक्षकों के सामने खुलकर अपनी बातें रखेंगे। बच्चों को स्कूल आना अच्छा लगे इसके लिए कुछ अन्य व्यवस्थाएं की जाएगी।
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जिला शिक्षा विभाग से तैयार किए गए तथ्य में यह बातें सामने आई कि प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक जितने शिक्षक हैं, उनकी तुलना में वहां 20 फीसदी शिक्षक हर महीने अबसेंट मिले हैं। विभिन्न कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति प्रति महीने करीब 70 फीसदी तक है। इस व्यवस्था में बदलाव के लिए विभाग नया फार्मूला अपनाने की तैयारी कर रहा है। प्राइमरी-मिडिल के अलावा हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी बड़ी संख्या में शिक्षकों के अबसेंट होने की बात सामने आई है। जिला शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि अभी प्रारंभिक जानकारी में यह तथ्य सामने आ रहे हैं। बड़ी संख्या में शिक्षकों के स्कूल में नहीं रहने से दसवीं-बारहवीं के परिणाम पर भी असर पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षकों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है।
जिला शिक्षा विभाग के अफसरों के औचक निरीक्षण में भी शिक्षकों के क्लास से गायब रहने, अबसेंट रहने और समय से पहले बच्चों की छुट्टी देने के मामले सामने आए हैं। इसके बाद संबंधित शिक्षक और प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस दी गई, उनके अबसेंट वाले दिन की सैलरी भी कटवाई गई। जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा का कहना है कि अभी जो जानकारी सामने आई है उसके तहत स्कूलों में शिक्षकों की औसत उपस्थिति 80 से 90 फीसदी तक है। हाईस्कूल में स्थिति ठीक नहीं है। किन वजहों से औसत उपस्थिति कम हैं, इसे देखा जा रहा है। हो सकता है कि इसमें किसी ने छुट्टी ली हो, या फिर अन्य कारण हो। बेवजह स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षक पर सख्ती होगी। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
हाईस्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति कम :
प्राइमरी में करीब चार हजार शिक्षक हैं। इसमें शिक्षकों की औसत उपस्थिति 82 फीसदी है। मिडिल में 2167 शिक्षक हैं। इसमें शिक्षकों की औसत उपस्थिति 90 फीसदी, हाईस्कूल में इनकी औसत उपस्थिति 80 और हायर सेकेंडरी में 83 फीसदी तक है। इसके मुकाबले इन स्कूलों में बच्चों की 70 से 73 फीसदी तक है। हाईस्कूल में 71 फीसदी बच्चे नियमित क्लास आते हैं।
हर सप्ताह चुनेंगे बेस्ट : प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों तक बच्चों की क्लास में उपस्थिति बढ़ाने के लिए जिला शिक्षा विभाग नया फार्मूला अपनाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत आने वाले दिनों में यहां कुछ नई व्यवस्था होंगी। जिसके तहत स्कूलों में हर सप्ताह एक बेस्ट विद्यार्थी का चयन होगा। इसी तरह सप्ताह में एक दिन बच्चों के साथ उनके परिजनों को भी स्कूलों में बुलाया जाएगा यहां सभी शिक्षकों के सामने खुलकर अपनी बातें रखेंगे। बच्चों को स्कूल आना अच्छा लगे इसके लिए कुछ अन्य व्यवस्थाएं की जाएगी।
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