जिले में बीईओ,डीइओ द्वारा शिक्षकों के रिक्त पदों के दिए गए आंकड़े लोक
शिक्षण संचालनालय से मेल नहीं खा रहे हैं। मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी
स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए एक जैसी जानकारी नहीं होने से
जिले में 2 सालों से पदोन्नति नहीं हो सकी है और विसंगति पूर्ण आंकड़ों के
कारण पदोन्नति एवं भर्ती नहीं हो पाने से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई
प्रभावित हो रही है।
रायगढ़ जिले की सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की जानकारी को लेकर विकासखंड शिक्षाधिकारी से लेकर जिला शिक्षाधिकारी एवं लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारी अलग अलग बयान दे रहे हैं। मिडिल स्कूल, हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में हर साल सत्र शुरू होने पर रिक्त पदों की जानकारी बनाई जाती है। ब्लाक से आने वाली जानकारी के बाद डीइओ इसे जिपं एवं डीपीआई को भेजते हैं, जिसके बाद रिक्त पदों पर सीधी भर्ती एवं पदोन्नति से पद भरे जाने के लिए आदेश जारी होते हैं| शेष पेज 14
लेकिन जिले में आंकड़ों के उलटफेर में उलझे अधिकारी जानकारी तक सही नहीं बना पा रहे हैं। इसके कारण जिले में ना तो रिक्त पदों पर सीधी भर्ती हो पा रही है और ना ही पदोन्नति के जरिए योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों को पदस्थ किया जा रहा है। जिले में साल 2014 की शुरुआत में शिक्षकों की पदोन्नति हुई थी। उसके बाद से मामला लंबित है। जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार हर साल पदोन्नति अनिवार्य रूप से की जानी है। शासन के आदेश के अनुसार जून महीने तक यह प्रकिया पूरी करनी होती है लेकिन शिक्षा विभाग के भ्रामक आंकड़ों के कारण मामला उलझ गया है।
विधानसभा में भी
अलग जानकारी
नुकसान क्या
रिक्त पदों की जानकारी एक जैसी नहीं हो पाने के कारण शिक्षकों के पद ना तो पदोन्नति से भरे जा रहे हैं और ना ही इनमें सीधी भर्ती के लिए परमिशन मिल पा रही है। जिससे जिले की 3114 सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
जिला शिक्षाधिकारी के अनुसार वर्तमान में रायगढ़ में व्याख्याता पंचायत के कुल 1 हजार115 पद रिक्त हैं। 3 महीनें पहले विधानसभा को भेजी गई जानकारी में विभाग ने 611 व्याख्याता पंचायत के पद रिक्त होना बताया था। इस दौरान इतनी बड़ी संख्या में रिक्त पद कैसे बढ़ गए, इसका कोई जवाब विभाग के पास नहीं है।
संचालनालय में रिकार्ड गलत
लोक शिक्षण संचालनालय से जिले में व्याख्याता पंचायत के जो रिक्त पद की जानकारी जिले में भेजी गई है। उसके अनुसार जिले में इसके 375 पद रिक्त हैं, जबकि विधानसभा के प्रश्न में इसे 611 बताया गया और वर्तमान में यह बढ़कर आश्चर्यजनक रूप से 1115 तक पहुंच गया।
मिडिल स्कूल में भी यही हाल
मिडिल स्कूल में शिक्षक पंचायत के रिक्त पदों को लेकर भी जिले में यही हाल है। डीइओ के अनुसार इसमें कुल रिक्त पद 219 के करीब हैं, जबकि सभी बीईओ से जो जानकारी मिली, उसके अनुसार जिले में इसके लिए करीब 629 पद रिक्त हैं।
सीधी बात
आरएन हीराधर, डीइओ,रायगढ़
जिले में मिडिल हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं?
रिक्त पदों की जानकारी हम ऐसे ही किसी को नहीं दे सकते हैं। विभागीय मामला है।
गोपनीय जानकारी नहीं है, स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होने से जनता का भी मामला है?
आप कह रहे हैं, डीपीआई ने जानकारी किसी को भी देने से मना किया है।
बीईओ कार्यालय और आपके विभाग के आंकड़े अलग-अलग हैं?
नहीं ऐसा नहीं है, आप लोग डीपीआई से बात कीजिए ।
डीपीआई में भी आंकड़े अलग-अलग बताए जा रहे हैं?
नहीं मालूम, ऐसा नहीं हो सकता।
विधानसभा में भेजी गई जानकारी और अापकी जानकारी में काफी अंतर है?
मुझे आए कुछ ही महीने हुए हैं, विधानसभा की जानकारी नहीं है।
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रायगढ़ जिले की सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की जानकारी को लेकर विकासखंड शिक्षाधिकारी से लेकर जिला शिक्षाधिकारी एवं लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारी अलग अलग बयान दे रहे हैं। मिडिल स्कूल, हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में हर साल सत्र शुरू होने पर रिक्त पदों की जानकारी बनाई जाती है। ब्लाक से आने वाली जानकारी के बाद डीइओ इसे जिपं एवं डीपीआई को भेजते हैं, जिसके बाद रिक्त पदों पर सीधी भर्ती एवं पदोन्नति से पद भरे जाने के लिए आदेश जारी होते हैं| शेष पेज 14
लेकिन जिले में आंकड़ों के उलटफेर में उलझे अधिकारी जानकारी तक सही नहीं बना पा रहे हैं। इसके कारण जिले में ना तो रिक्त पदों पर सीधी भर्ती हो पा रही है और ना ही पदोन्नति के जरिए योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों को पदस्थ किया जा रहा है। जिले में साल 2014 की शुरुआत में शिक्षकों की पदोन्नति हुई थी। उसके बाद से मामला लंबित है। जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार हर साल पदोन्नति अनिवार्य रूप से की जानी है। शासन के आदेश के अनुसार जून महीने तक यह प्रकिया पूरी करनी होती है लेकिन शिक्षा विभाग के भ्रामक आंकड़ों के कारण मामला उलझ गया है।
विधानसभा में भी
अलग जानकारी
नुकसान क्या
रिक्त पदों की जानकारी एक जैसी नहीं हो पाने के कारण शिक्षकों के पद ना तो पदोन्नति से भरे जा रहे हैं और ना ही इनमें सीधी भर्ती के लिए परमिशन मिल पा रही है। जिससे जिले की 3114 सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
जिला शिक्षाधिकारी के अनुसार वर्तमान में रायगढ़ में व्याख्याता पंचायत के कुल 1 हजार115 पद रिक्त हैं। 3 महीनें पहले विधानसभा को भेजी गई जानकारी में विभाग ने 611 व्याख्याता पंचायत के पद रिक्त होना बताया था। इस दौरान इतनी बड़ी संख्या में रिक्त पद कैसे बढ़ गए, इसका कोई जवाब विभाग के पास नहीं है।
संचालनालय में रिकार्ड गलत
लोक शिक्षण संचालनालय से जिले में व्याख्याता पंचायत के जो रिक्त पद की जानकारी जिले में भेजी गई है। उसके अनुसार जिले में इसके 375 पद रिक्त हैं, जबकि विधानसभा के प्रश्न में इसे 611 बताया गया और वर्तमान में यह बढ़कर आश्चर्यजनक रूप से 1115 तक पहुंच गया।
मिडिल स्कूल में भी यही हाल
मिडिल स्कूल में शिक्षक पंचायत के रिक्त पदों को लेकर भी जिले में यही हाल है। डीइओ के अनुसार इसमें कुल रिक्त पद 219 के करीब हैं, जबकि सभी बीईओ से जो जानकारी मिली, उसके अनुसार जिले में इसके लिए करीब 629 पद रिक्त हैं।
सीधी बात
आरएन हीराधर, डीइओ,रायगढ़
जिले में मिडिल हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं?
रिक्त पदों की जानकारी हम ऐसे ही किसी को नहीं दे सकते हैं। विभागीय मामला है।
गोपनीय जानकारी नहीं है, स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होने से जनता का भी मामला है?
आप कह रहे हैं, डीपीआई ने जानकारी किसी को भी देने से मना किया है।
बीईओ कार्यालय और आपके विभाग के आंकड़े अलग-अलग हैं?
नहीं ऐसा नहीं है, आप लोग डीपीआई से बात कीजिए ।
डीपीआई में भी आंकड़े अलग-अलग बताए जा रहे हैं?
नहीं मालूम, ऐसा नहीं हो सकता।
विधानसभा में भेजी गई जानकारी और अापकी जानकारी में काफी अंतर है?
मुझे आए कुछ ही महीने हुए हैं, विधानसभा की जानकारी नहीं है।
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