जिले के सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। बावजूद इन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो रही। इसका खुलासा रिकॉर्ड कर रहे हैं। जिले में इस समय 200 से ज्यादा शिक्षाकर्मी अटैचमेंट पर हैं। यह नियम के खिलाफ है। राज्य शासन के भी स्पष्ट निर्देश है कि शिक्षाकर्मियों को अटैचमेंट पर नहीं रखा जाए।
बावजूद यह व्यवस्था जिले में चल रही है। वहीं शासन ने प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के ट्रांसफर पर भी रोक लगा रखी है। 31 मई 2016 को इसके लिए आदेश भी जारी किया। बावजूद जिला पंचायत ने नए उन्नयन वाले स्कूलों के नए पदों को ट्रांसफर से भरने की तैयारी की है। इसके लिए सामान्य प्रशासन की बैठक में अनुमोदन भी कराया गया। आपत्ति के बाद पूरा मामला खुल गया।
पहले भी गुपचुप हुई भर्तियां
नवंबर महीने में जिला पंचायत ने सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर व्याख्याता पंचायत के 6 पदों पर गुपचुप भर्ती की गई। जिला पंचायत के 12 सदस्यों में किसी को भी इसकी जानकारी तक नहीं हुई। सीधे भर्ती के लिए सूची सामान्य प्रशासन की बैठक में अनुमोदन के लिए रखी गई। यह भर्तियां पाटन के पहंडोर, बेल्हारी, रानीतराई, भनसुली व धमधा के कन्हारपुरी स्कूल में 6 पदों के लिए की गई। इसके तहत केमेस्ट्री के 4 व फिजिक्स के 2 पद भरे जाएंगे। सारी जानकारी के बाद भी इस मामले को दबा दिया गया।
पहले भी मच चुका बवाल, सचिव ने भी जारी किया था आदेश
जिला पंचायत में शिक्षाकर्मी की प्रक्रिया को लेकर पहले भी बवाल मच चुका है। पहले वर्ग एक से भौतिक के सात में से चार, रसायन में छह में से चार पदों पर भर्ती होगी। वहीं वर्ग दो में गणित में 25 में से 15 अंग्रेजी में 180 में से 179 पदों पर भर्ती की बात कही गई। वर्ग तीन में 31 में से 13 पदों पर भर्ती का निर्णय लिया गया। बाद में गुपचुप काउंसिलिंग कर म्यूचल, ट्रांसफर, पदोन्नति व भर्ती के माध्यम से पदों को भरा गया। मामले को लेकर कलेक्टर से लेकर विभागीय सचिव से शिकायत भी की गई। तत्कालीन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग सुब्रत साहू ने 3 जून को आदेश जारी कर अटैचमेंट समाप्त करने कहा।
होगी रिक्त पदों पर भर्तियां
इधर जिला पंचायत का दावा है कि अब भी जिले में रिक्त पदों पर भर्तियां होंगी। सभी पद ट्रांसफर से नहीं भरे जाएंगे, आधे पदों पर भर्तियां होंगी। इस हिसाब से 21 पदों पर भर्ती की तैयारी है। इसके अलावा जिलों में पिछले दिनों पदोन्नति के बाद 40 से अधिक पद रिक्त हुए हैं। उनमें भी भर्ती होगी। इस हिसाब से अब भी 61 पदों पर भर्ती की संभावना बनी हुई है। पदों पर भर्ती कर कमी को दूर किया जाएगा।
अब तक नहीं की कार्रवाई
जिले में इस समय 585 प्राथमिक, 341 माध्यमिक व 35 हाई व 121 हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में औसत हर विषय के हिसाब से 6 शिक्षकों की जरूरत है। वर्तमान में 200 से अधिक शिक्षाकर्मी अटैचमेंट में हैं। वे शहर से लगे अन्य स्कूलों में अटैचमेंट में है, जबकि उनकी वास्तविक पदस्थापना अन्य जगह पर है। इसके कारण वास्तविक पदस्थापना वाली जगह पर शिक्षाकर्मियों की कमी है।
जिला पंचायत ने की पहले ट्रांसफर, फिर नई भर्ती की तैयारी
जिला पंचायत ने पिछली सामान्य सभा की बैठक में तय किया कि 7 स्कूलों का उन्नयन हुआ है। इन स्कूलों की शुरुआत भी हो चुकी है। इसमें धमधा का मोहरेंगा, पाटन के बटंग, तर्रीघाट, अचानकपुर, महकाकला, निपानी, सुरपा शामिल हैं। इन स्कूलों में करीब 250 बच्चे नवमी में अध्ययनरत हैं। स्कूलों के सेटअप को मंजूरी मिल चुकी है। हर स्कूल में एक प्राचार्य, 6 व्याख्याता पंचायत, लेखापाल 1, सहायक शिक्षक, सहायक ग्रेड-3 के पद पर 1, भृत्य के 2, चौकीदार के 1, अंशदायी पद 1 की मंजूरी दी गई। इनमें व्याख्याता पंचायत के पदों पर जिला पंचायत को भर्ती करनी है। करीब 42 पदों पर भर्तियां होनी है। जिला पंचायत ने तय किया कि पहले ट्रांसफर होंगे, फिर भर्तियां की जाएंगी।
सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी
वास्तविक जानकारी मंगी है, सूची मिलते ही अटैचमेंट खत्म कर देंगे
सीधी बात
जिला पंचायत में राज्य शासन के आदेशों की ही अनदेखी कर रहे
जिला पंचायत में राज्य शासन के आदेशों की अनदेखी कर दी गई है। जबकि राज्य शासन ने ट्रांसफर के मामलों में रोक लगा रखी है। जिले में अटैचमेंट का भी खेल चल रहा है। नियमत: अटैचमेंट होना ही नहीं है। व्यवस्था के तहत कलेक्टर को इसका अधिकार है। लेकिन उसमें भी शैक्षणिक सत्र समाप्त होने के बाद वापस अपनी जगह भेजा जाना है। जयंत देशमुख, जिला पंचायत सदस्य
जिला पंचायत में नियम विरुद्ध 200 से अधिक शिक्षाकर्मी अटैचमेंट में हैं। आपको जानकारी है?
-जानकारी है, मैंने स्वयं भी निरीक्षण किया। कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है। इसलिए सभी स्कूलों से जानकारी मंगाई गई है।
जब नियम विरुद्ध है, तो आपके तरफ से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
-वास्तविक जानकारी नहीं है, लेकिन जानकारी आते ही हम अटैचमेंट समाप्त कर देंगे।
सामान्य प्रशासन ने ट्रांसफर से पदों को भरने अनुमोदन किया है, यह नियम विरुद्ध नहीं है?
-हमने जानकारी ली है, ठीक है राज्य शासन का आदेश है, लेकिन दो जिला पंचायत अनापत्ति कर इस पर निर्णय ले सकते हैं।
आपको नहीं लगता इससे राज्य शासन के आदेशों की अनदेखी होगी?
-ऐसा नहीं है, हम राज्य शासन से भी मार्गदर्शन लेंगे। इसके बाद ही फैसला होगा।
बावजूद यह व्यवस्था जिले में चल रही है। वहीं शासन ने प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के ट्रांसफर पर भी रोक लगा रखी है। 31 मई 2016 को इसके लिए आदेश भी जारी किया। बावजूद जिला पंचायत ने नए उन्नयन वाले स्कूलों के नए पदों को ट्रांसफर से भरने की तैयारी की है। इसके लिए सामान्य प्रशासन की बैठक में अनुमोदन भी कराया गया। आपत्ति के बाद पूरा मामला खुल गया।
पहले भी गुपचुप हुई भर्तियां
नवंबर महीने में जिला पंचायत ने सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर व्याख्याता पंचायत के 6 पदों पर गुपचुप भर्ती की गई। जिला पंचायत के 12 सदस्यों में किसी को भी इसकी जानकारी तक नहीं हुई। सीधे भर्ती के लिए सूची सामान्य प्रशासन की बैठक में अनुमोदन के लिए रखी गई। यह भर्तियां पाटन के पहंडोर, बेल्हारी, रानीतराई, भनसुली व धमधा के कन्हारपुरी स्कूल में 6 पदों के लिए की गई। इसके तहत केमेस्ट्री के 4 व फिजिक्स के 2 पद भरे जाएंगे। सारी जानकारी के बाद भी इस मामले को दबा दिया गया।
पहले भी मच चुका बवाल, सचिव ने भी जारी किया था आदेश
जिला पंचायत में शिक्षाकर्मी की प्रक्रिया को लेकर पहले भी बवाल मच चुका है। पहले वर्ग एक से भौतिक के सात में से चार, रसायन में छह में से चार पदों पर भर्ती होगी। वहीं वर्ग दो में गणित में 25 में से 15 अंग्रेजी में 180 में से 179 पदों पर भर्ती की बात कही गई। वर्ग तीन में 31 में से 13 पदों पर भर्ती का निर्णय लिया गया। बाद में गुपचुप काउंसिलिंग कर म्यूचल, ट्रांसफर, पदोन्नति व भर्ती के माध्यम से पदों को भरा गया। मामले को लेकर कलेक्टर से लेकर विभागीय सचिव से शिकायत भी की गई। तत्कालीन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग सुब्रत साहू ने 3 जून को आदेश जारी कर अटैचमेंट समाप्त करने कहा।
होगी रिक्त पदों पर भर्तियां
इधर जिला पंचायत का दावा है कि अब भी जिले में रिक्त पदों पर भर्तियां होंगी। सभी पद ट्रांसफर से नहीं भरे जाएंगे, आधे पदों पर भर्तियां होंगी। इस हिसाब से 21 पदों पर भर्ती की तैयारी है। इसके अलावा जिलों में पिछले दिनों पदोन्नति के बाद 40 से अधिक पद रिक्त हुए हैं। उनमें भी भर्ती होगी। इस हिसाब से अब भी 61 पदों पर भर्ती की संभावना बनी हुई है। पदों पर भर्ती कर कमी को दूर किया जाएगा।
अब तक नहीं की कार्रवाई
जिले में इस समय 585 प्राथमिक, 341 माध्यमिक व 35 हाई व 121 हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में औसत हर विषय के हिसाब से 6 शिक्षकों की जरूरत है। वर्तमान में 200 से अधिक शिक्षाकर्मी अटैचमेंट में हैं। वे शहर से लगे अन्य स्कूलों में अटैचमेंट में है, जबकि उनकी वास्तविक पदस्थापना अन्य जगह पर है। इसके कारण वास्तविक पदस्थापना वाली जगह पर शिक्षाकर्मियों की कमी है।
जिला पंचायत ने की पहले ट्रांसफर, फिर नई भर्ती की तैयारी
जिला पंचायत ने पिछली सामान्य सभा की बैठक में तय किया कि 7 स्कूलों का उन्नयन हुआ है। इन स्कूलों की शुरुआत भी हो चुकी है। इसमें धमधा का मोहरेंगा, पाटन के बटंग, तर्रीघाट, अचानकपुर, महकाकला, निपानी, सुरपा शामिल हैं। इन स्कूलों में करीब 250 बच्चे नवमी में अध्ययनरत हैं। स्कूलों के सेटअप को मंजूरी मिल चुकी है। हर स्कूल में एक प्राचार्य, 6 व्याख्याता पंचायत, लेखापाल 1, सहायक शिक्षक, सहायक ग्रेड-3 के पद पर 1, भृत्य के 2, चौकीदार के 1, अंशदायी पद 1 की मंजूरी दी गई। इनमें व्याख्याता पंचायत के पदों पर जिला पंचायत को भर्ती करनी है। करीब 42 पदों पर भर्तियां होनी है। जिला पंचायत ने तय किया कि पहले ट्रांसफर होंगे, फिर भर्तियां की जाएंगी।
सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी
वास्तविक जानकारी मंगी है, सूची मिलते ही अटैचमेंट खत्म कर देंगे
सीधी बात
जिला पंचायत में राज्य शासन के आदेशों की ही अनदेखी कर रहे
जिला पंचायत में राज्य शासन के आदेशों की अनदेखी कर दी गई है। जबकि राज्य शासन ने ट्रांसफर के मामलों में रोक लगा रखी है। जिले में अटैचमेंट का भी खेल चल रहा है। नियमत: अटैचमेंट होना ही नहीं है। व्यवस्था के तहत कलेक्टर को इसका अधिकार है। लेकिन उसमें भी शैक्षणिक सत्र समाप्त होने के बाद वापस अपनी जगह भेजा जाना है। जयंत देशमुख, जिला पंचायत सदस्य
जिला पंचायत में नियम विरुद्ध 200 से अधिक शिक्षाकर्मी अटैचमेंट में हैं। आपको जानकारी है?
-जानकारी है, मैंने स्वयं भी निरीक्षण किया। कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है। इसलिए सभी स्कूलों से जानकारी मंगाई गई है।
जब नियम विरुद्ध है, तो आपके तरफ से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
-वास्तविक जानकारी नहीं है, लेकिन जानकारी आते ही हम अटैचमेंट समाप्त कर देंगे।
सामान्य प्रशासन ने ट्रांसफर से पदों को भरने अनुमोदन किया है, यह नियम विरुद्ध नहीं है?
-हमने जानकारी ली है, ठीक है राज्य शासन का आदेश है, लेकिन दो जिला पंचायत अनापत्ति कर इस पर निर्णय ले सकते हैं।
आपको नहीं लगता इससे राज्य शासन के आदेशों की अनदेखी होगी?
-ऐसा नहीं है, हम राज्य शासन से भी मार्गदर्शन लेंगे। इसके बाद ही फैसला होगा।