नई दिल्ली | केंद्र सरकार मेडिकल-इंजीनियरिंग की तरह शिक्षकों से जुड़े कोर्स में प्रवेश के लिए भी एक ही राष्ट्रीय परीक्षा कराने की तैयारी में है। यह कदम शिक्षक कोर्स में योग्य उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है।
प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए हो रही इस कवायद पर सैद्धांतिक सहमति भी बन चुकी है। राष्ट्रीय शिक्षक अध्यापक परिषद (एनसीटीई) स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के कुल 15 शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स चलाए जा रहे हैं। इनमें करीब 10 लाख सीटें हैं। सबसे ज्यादा सीटें बीएड की हैं। लेकिन इनमें आधी से अधिक सीटें खाली रह जाती हैं।
देश में अच्छे शिक्षकों की कमी की एक वजह लोगों के इस पेशे में आने के प्रति दिलचस्पी की कमी भी है। सरकार चाहती है कि अच्छे उम्मीदवार शिक्षक बनने के लिए आगे आएं। परीक्षा के जरिये इसे प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बनाए जाए।
प्रशिक्षण पर जोर : मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिल स्वरूप के अनुसार, अच्छे शिक्षक तैयार करने के लिए हम कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण पर विशेष जोर है। वहीं राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जैसे विकल्प पर विचार किया जा रहा है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर विमर्श की प्रक्रिया चल रही है।
राज्यों से बात होगी : सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस पर राज्यों से बात होगी। शिक्षक कोर्स में प्रवेश के लिए एकल परीक्षा को दो भागों में बांटा जा सकता है। एक स्नातक स्तर के कोर्स और दूसरे स्नातकोत्तर स्तर के कोर्स। सरकार का ज्यादा फोकस प्राइमरी शिक्षा से जुड़े प्रशिक्षण कोर्स पर है।
प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए हो रही इस कवायद पर सैद्धांतिक सहमति भी बन चुकी है। राष्ट्रीय शिक्षक अध्यापक परिषद (एनसीटीई) स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के कुल 15 शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स चलाए जा रहे हैं। इनमें करीब 10 लाख सीटें हैं। सबसे ज्यादा सीटें बीएड की हैं। लेकिन इनमें आधी से अधिक सीटें खाली रह जाती हैं।
देश में अच्छे शिक्षकों की कमी की एक वजह लोगों के इस पेशे में आने के प्रति दिलचस्पी की कमी भी है। सरकार चाहती है कि अच्छे उम्मीदवार शिक्षक बनने के लिए आगे आएं। परीक्षा के जरिये इसे प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बनाए जाए।
प्रशिक्षण पर जोर : मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिल स्वरूप के अनुसार, अच्छे शिक्षक तैयार करने के लिए हम कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण पर विशेष जोर है। वहीं राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जैसे विकल्प पर विचार किया जा रहा है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर विमर्श की प्रक्रिया चल रही है।
राज्यों से बात होगी : सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस पर राज्यों से बात होगी। शिक्षक कोर्स में प्रवेश के लिए एकल परीक्षा को दो भागों में बांटा जा सकता है। एक स्नातक स्तर के कोर्स और दूसरे स्नातकोत्तर स्तर के कोर्स। सरकार का ज्यादा फोकस प्राइमरी शिक्षा से जुड़े प्रशिक्षण कोर्स पर है।