एजुकेशन रिपोर्टर | बिलासपुर 179 अतिशेष व्याख्याताओं की पोस्टिंग दीपावली के बाद हो सकती है। पर अभी भी यह तय नहीं है कि इनकी डायरेक्ट पोस्टिंग होगी या फिर काउंसिलिंग के बाद उनकी स्कूलों में पोस्टिंग की जाएगी। अभी अतिशेष व्याख्याताओं से मिले दावा-आपत्ति के आवेदनों का परीक्षण हो रहा है।
शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में 117 व्याख्याता पंचायत तो 53 व्याख्याता अतिशेष है। इसमें 99 महिला व्याख्याता को 80 पुरुष व्याख्याता है। शिक्षकों ने अपनी पहुंच से शहर के आसपास के स्कूलों में पोस्टिंग करा रखी है, लेकिन अब उन्हें दूसरे स्कूलों में जाना होगा। हालांकि इसके लिए जुगाड़ भी शुरू हो गया है लेकिन जब तक फाइनल सूची जारी नहीं हो जाती, जुगाड़ चला या नहीं, कह पाना मुश्किल है। 179 अतिशेष व्याख्याताओं के अतिशेष होने की वजह से ही जिले के कई स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। वहां पढ़ाई की हालत बेहद खराब है। शिक्षक नहीं होने से बच्चे पढ़ाई में पिछड़े हुए हैं। न तो कोर्स पूरा होता और न ही वहां के नतीजे ही अच्छे आ रहे हैं। बिल्हा सबसे बड़ा ब्लॉक है। इस वजह से अतिशेष व्याख्याताओं की सर्वाधिक संख्या उसी ब्लॉक में ज्यादा है। वहां 81 व्याख्याता अतिशेष है। दावा-आपत्ति का समय खत्म होने के बाद अब आवेदनों का परीक्षण किया जा रहा है। दीपावली के बाद कभी भी पोस्टिंग लिस्ट जारी हो सकती है। अतिशेष व्याख्याताओं में महिलाओं की संख्या अधिक है। वे खुद या उनके पति किसी तरह यह पता लगाने में जुटे हैं कि उनकी पोस्टिंग कहां हो रही है। लेकिन अभी उन्हें कुछ पता नहीं चल रहा है, क्योंकि अभी तक सूची बनने की शुरुआत नहीं हुई। दीपावली के बाद डीईओ हेमंत उपाध्याय दावा-आपत्तियों का निराकरण कर फाइल कलेक्टर के पास ले जाएंगे। इसके बाद कलेक्टर पी.दयानंद यह निर्णय लेंगे कि सीधे पोस्टिंग करना है या फिर काउंसिलिंग के बाद पदस्थापना। गुरुवार को दीपावली है लेकिन छुट्टी का माहौल पिछले दो दिनों से ही जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में नजर आ रहा है। अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी ऐच्छिक अवकाश पर चले गए हैं। पिछले साल भी अतिशेष व्याख्याताओं की सूची निकालकर उनकी पोस्टिंग का प्रयास किया गया था लेकिन फिर विरोध और मामला कोर्ट तक पहुंचने के बाद शिक्षा विभाग को आदेश बदलना पड़ा। 2016 में तत्कालीन कलेक्टर अन्बलगन पी. के निर्देश पर 175 अतिशेष व्याख्याताओं की सूची जारी की गई थी।
दीपावली के बाद कलेक्टर निर्णय लेंगे
कांफ्रेंस में व्यस्त होने की वजह से अभी कलेक्टर के साथ मीटिंग नहीं हो सकी है। अब दीपावली के बाद कलेक्टर से चर्चा करेंगे। अतिशेष मामले में कलेक्टर को ही निर्णय लेने का अधिकार है। इसलिए पोस्टिंग में कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, यह कह पाना मुश्किल है। फिलहाल दावा-आपत्तियों का परीक्षण कर रहे हैं। हेमंत उपाध्याय, डीईओ बिलासपुर
शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में 117 व्याख्याता पंचायत तो 53 व्याख्याता अतिशेष है। इसमें 99 महिला व्याख्याता को 80 पुरुष व्याख्याता है। शिक्षकों ने अपनी पहुंच से शहर के आसपास के स्कूलों में पोस्टिंग करा रखी है, लेकिन अब उन्हें दूसरे स्कूलों में जाना होगा। हालांकि इसके लिए जुगाड़ भी शुरू हो गया है लेकिन जब तक फाइनल सूची जारी नहीं हो जाती, जुगाड़ चला या नहीं, कह पाना मुश्किल है। 179 अतिशेष व्याख्याताओं के अतिशेष होने की वजह से ही जिले के कई स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। वहां पढ़ाई की हालत बेहद खराब है। शिक्षक नहीं होने से बच्चे पढ़ाई में पिछड़े हुए हैं। न तो कोर्स पूरा होता और न ही वहां के नतीजे ही अच्छे आ रहे हैं। बिल्हा सबसे बड़ा ब्लॉक है। इस वजह से अतिशेष व्याख्याताओं की सर्वाधिक संख्या उसी ब्लॉक में ज्यादा है। वहां 81 व्याख्याता अतिशेष है। दावा-आपत्ति का समय खत्म होने के बाद अब आवेदनों का परीक्षण किया जा रहा है। दीपावली के बाद कभी भी पोस्टिंग लिस्ट जारी हो सकती है। अतिशेष व्याख्याताओं में महिलाओं की संख्या अधिक है। वे खुद या उनके पति किसी तरह यह पता लगाने में जुटे हैं कि उनकी पोस्टिंग कहां हो रही है। लेकिन अभी उन्हें कुछ पता नहीं चल रहा है, क्योंकि अभी तक सूची बनने की शुरुआत नहीं हुई। दीपावली के बाद डीईओ हेमंत उपाध्याय दावा-आपत्तियों का निराकरण कर फाइल कलेक्टर के पास ले जाएंगे। इसके बाद कलेक्टर पी.दयानंद यह निर्णय लेंगे कि सीधे पोस्टिंग करना है या फिर काउंसिलिंग के बाद पदस्थापना। गुरुवार को दीपावली है लेकिन छुट्टी का माहौल पिछले दो दिनों से ही जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में नजर आ रहा है। अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी ऐच्छिक अवकाश पर चले गए हैं। पिछले साल भी अतिशेष व्याख्याताओं की सूची निकालकर उनकी पोस्टिंग का प्रयास किया गया था लेकिन फिर विरोध और मामला कोर्ट तक पहुंचने के बाद शिक्षा विभाग को आदेश बदलना पड़ा। 2016 में तत्कालीन कलेक्टर अन्बलगन पी. के निर्देश पर 175 अतिशेष व्याख्याताओं की सूची जारी की गई थी।
दीपावली के बाद कलेक्टर निर्णय लेंगे
कांफ्रेंस में व्यस्त होने की वजह से अभी कलेक्टर के साथ मीटिंग नहीं हो सकी है। अब दीपावली के बाद कलेक्टर से चर्चा करेंगे। अतिशेष मामले में कलेक्टर को ही निर्णय लेने का अधिकार है। इसलिए पोस्टिंग में कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, यह कह पाना मुश्किल है। फिलहाल दावा-आपत्तियों का परीक्षण कर रहे हैं। हेमंत उपाध्याय, डीईओ बिलासपुर