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शिक्षकों की नाराजगी से फिर बदलेगा शनिवार को स्कूलों का समय

सरकारी स्कूलों में हर शनिवार को टाइमिंग बदलने का निर्णय सरकार ने लिया ​है. इस निर्णय का शिक्षकों ने विरोध कर दिया है. शिक्षकों की आपत्ति के बाद प्रदेश स्तर पर एक कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी अब स्कूलों की टाइमिंग तय करेगी.


समय बदलने से हाई व हायर सेकंडरी स्कूल के बच्चों की सुबह से दोपहर एक बजे तक क्लास लगती है. इन बच्चों को मिड-डे मिल भोजन नहीं मिलता। बच्चों को घर पहुंचने तक 2 बज जाते हैं, ऐसे में उन्हें लंबे समय तक भूखे रहना पड़ जाता है.


छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने शनिवार को स्कूलों का समय बदला है.
समय बदलने से जिस स्कूल में एक पाली में कक्षाएं संचालित हो रही है वे बेहद प्रभावित हुए हैं. यानी इन स्कूलों में कक्षाएं सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक लगाई जा रही हैं. जो स्कूल दो शिफ्टों में लग रहे हैं, वहां यह दिक्कत इसलिए नहीं है कि पहली पाली सुबह 7 बजे से 11 बजे तक क्लास लगती है. दोपहर 12 बजे तक बच्चे अपने घर चले जाते हैं और उन्हे समय पर भोजन मिल जाता है. इसलिए शिक्षक संगठनों ने सरकार के समक्ष यह आपत्ति दर्ज कराई है.

प्रदेश स्तरीय कमेटी सरकार ने बनाई है. इस कमेटी में दुर्ग भिलाई के शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है. पदाधिकारियों के मुताबिक दिवाली की छुट्टियों के बाद शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों की बैठक होगी. बैठक में प्रस्ताव पारित किया जाएगा कि शनिवार को स्कूलों की टाइमिंग केवल चार घंटे की हो.

कक्षाएं लगने का समय दोनों पाली में बदली जानी है. इस कमेटी में अध्यक्ष लोक शिक्षण संचालनालय एस प्रकाश हैं. राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं परिषद के संचालक, सर्वशिक्षा अभियान के मिशन संचालक, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के प्रबंध संचालक, माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव, पाठ्य पुस्तक निगम प्रबंध संचालक, मदरसा बोर्ड सचिव, संस्कृत विद्या मंडलम्‌ सचिव, शिक्षा आयोग सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर व सूरजपुर, लोक शिक्षण संचालनालय के उपसंचालक, डीपीआई से नामित प्राचार्य और प्रधानपाठक इस कमेटी के सदस्य हैं. बैठक में मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

शिक्षक संगठनों ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि उसके मुताबिक स्कूल का समय सुबह 7 से 11 बजे तक और दूसरी पाली सुबह 11ः10 बजे से दोपहर 3 बजे तक लगाई जाए. यह प्रस्ताव सिर्फ शनिवार के लिए दिया गया है. इसके पीछे संगठनों ने यही तर्क दिया है कि हाई व हायर सेकंडरी स्कूल के बच्चे 5 से 10 किलोमीटर दूरी तय कर पढ़ने के लिए आते हैं. इसलिए हाई स्कूल के बच्चे को आधा घंटे पहले अपने घर से निकलना पड़ता है और हायर सेकंडरी के बच्चों को एक घंटे पहले. इसी तरह जब छुट्टी होती है तो इतना ही समय लगता है. इसलिए वे लंबे समय तक भूखे रहते हैं.

डीपीआई एस प्रकाश ने बताया कि शनिवार को समय बदलने का प्रस्ताव कमेटी के समक्ष रखेंगे. दिवाली के बाद इस संबंध में बैठक आयोजित की जाएगी. 

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