अंबिकापुर. शिक्षाकर्मियों के पिछले 9 दिनों से चल रहे
आंदोलन और वृहद रूप लेने जा रहा है। शिक्षक मोर्चा द्वारा 29 नवंबर से 1
दिसंबर तक विकासखंड मुख्यालयों में क्रमिक भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया
गया है।
वहीं 2 दिसंबर को शिक्षाकर्मी परिवार सहित राजधानी रायपुर में शिक्षाकर्मी संविलियन महारैली करेंगे।
शिक्षाकर्मियों का कहना है कि उनकी हड़ताल से पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। सरगुजा जिले की हालत यह है कि कई स्कूलों में ताले तक नही खुल रहे हैं।
शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश सह संचालक हरेंद्र सिंह व रंजय सिंह ने बताया कि 28 नवंबर को शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक मंडल की बैठक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, केदार जैन, विकास राजपूत, चंद्रदेव राय व अन्य पदाधिकारियो की उपस्थिति में रायपुर में हुई।
उन्होंने बताया कि बैठक में 20 नवंबर से जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन की प्रदेश स्तरीय समीक्षा के साथ ही की जा रही कार्रवाई पर चर्चा की गई। नियम को ताक पर रखकर की गई बर्खास्तगी की कड़ी निंदा की गई। इस मामले में सरकार पर दमनात्मक व प्रजातंत्रिक आंदोलन का गला घोंटने का आरोप लगाया गया।
मोर्चा के संचालकों द्वारा प्रदेश के सभी शिक्षक पंचायत सवर्ग को भरोसा दिया गया कि साथी बिल्कुल न डरें। ऐसे साथियो को पहले मुख्यधारा में लाने का काम किया जाएगा और किसी का नुकसान होने नही दिया जाएगा। साथी डटे रहें, संविलियन की इस बड़ी लड़ाई में बड़ी आहूति के साथ हम सफल अवश्य होंगे।
5 पुरुष व 5 महिला बैठेंगे भूख हड़ताल में
मोर्चा के जिला संचालक मनोज वर्मा ने बताया कि सर्वसम्मति से आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 29 नवंबर से 01 दिसंबर तक 3 दिन सभी विकासखंड मुख्यालय में क्रमिक भूख हड़ताल किया जाएगा। भूख हड़ताल में 5 पुरुष व 5 महिला साथी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर को प्रदेश के शिक्षाकर्मी परिवार सहित रायपुर में बूढ़ा तलाब धरना स्थल में पहुचेंगे, जहां से संविलियन रैली निकालकर जंगी प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगों के प्रति असंवेदनशील बनी हुई है। सकारात्मक पहल की जगह दमनात्मक कार्रवाई जारी है, इसलिए अब आंदोलन को और तेज किया जायेगा।
पोस्टकार्ड अभियान चलाकर लिखीं मन की बातें
शिक्षाकर्मियों ने मंगलवार को सभी विकासखंडों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम पोस्टकार्ड अभियान चलाकर मन की बातें लिखीं हंै। सभी ने पोस्टकार्ड में अपनी व्यथा का उल्लेख करते हुए अपनी मांगों को जल्द पूरा करने का निवेदन किया है। बतौली में जिला पंचायत सदस्य मुन्ना टोप्पो ने धरना स्थल पर पहुंच कर आंदोलन का समर्थन किया।
साथ ही कहा कि जिले के शिक्षाकर्मियों पर कोई भी कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी। आज मैनपाट में शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को व्यापारी वर्ग ने भी समर्थन दिया। कारोबारी नरेश अग्रवाल, महेंद्र गुप्ता, अनिल गुप्ता व अन्य ने मांगों के समर्थन में अपनी सहमति दी है।
एक माह का वेतन रोकने के निर्देश
इधर कलक्टर किरण कौशल ने शिक्षक पंचायत संवर्ग के आंदोलनरत कर्मचारियों के इस माह का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि आंदोलनरत शिक्षक पंचायत संवर्ग कर्मचारियों द्वारा विद्यालय से लगातार अनुपस्थित रहने के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कलक्टर ने बताया कि परिवीक्षाधीन 125 शिक्षक पंचायत संवर्ग कर्मचारी विद्यालय में अपनी उपस्थिति दे चुके हैं।
वहीं 2 दिसंबर को शिक्षाकर्मी परिवार सहित राजधानी रायपुर में शिक्षाकर्मी संविलियन महारैली करेंगे।
शिक्षाकर्मियों का कहना है कि उनकी हड़ताल से पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। सरगुजा जिले की हालत यह है कि कई स्कूलों में ताले तक नही खुल रहे हैं।
शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश सह संचालक हरेंद्र सिंह व रंजय सिंह ने बताया कि 28 नवंबर को शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक मंडल की बैठक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, केदार जैन, विकास राजपूत, चंद्रदेव राय व अन्य पदाधिकारियो की उपस्थिति में रायपुर में हुई।
उन्होंने बताया कि बैठक में 20 नवंबर से जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन की प्रदेश स्तरीय समीक्षा के साथ ही की जा रही कार्रवाई पर चर्चा की गई। नियम को ताक पर रखकर की गई बर्खास्तगी की कड़ी निंदा की गई। इस मामले में सरकार पर दमनात्मक व प्रजातंत्रिक आंदोलन का गला घोंटने का आरोप लगाया गया।
मोर्चा के संचालकों द्वारा प्रदेश के सभी शिक्षक पंचायत सवर्ग को भरोसा दिया गया कि साथी बिल्कुल न डरें। ऐसे साथियो को पहले मुख्यधारा में लाने का काम किया जाएगा और किसी का नुकसान होने नही दिया जाएगा। साथी डटे रहें, संविलियन की इस बड़ी लड़ाई में बड़ी आहूति के साथ हम सफल अवश्य होंगे।
5 पुरुष व 5 महिला बैठेंगे भूख हड़ताल में
मोर्चा के जिला संचालक मनोज वर्मा ने बताया कि सर्वसम्मति से आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 29 नवंबर से 01 दिसंबर तक 3 दिन सभी विकासखंड मुख्यालय में क्रमिक भूख हड़ताल किया जाएगा। भूख हड़ताल में 5 पुरुष व 5 महिला साथी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर को प्रदेश के शिक्षाकर्मी परिवार सहित रायपुर में बूढ़ा तलाब धरना स्थल में पहुचेंगे, जहां से संविलियन रैली निकालकर जंगी प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगों के प्रति असंवेदनशील बनी हुई है। सकारात्मक पहल की जगह दमनात्मक कार्रवाई जारी है, इसलिए अब आंदोलन को और तेज किया जायेगा।
पोस्टकार्ड अभियान चलाकर लिखीं मन की बातें
शिक्षाकर्मियों ने मंगलवार को सभी विकासखंडों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम पोस्टकार्ड अभियान चलाकर मन की बातें लिखीं हंै। सभी ने पोस्टकार्ड में अपनी व्यथा का उल्लेख करते हुए अपनी मांगों को जल्द पूरा करने का निवेदन किया है। बतौली में जिला पंचायत सदस्य मुन्ना टोप्पो ने धरना स्थल पर पहुंच कर आंदोलन का समर्थन किया।
साथ ही कहा कि जिले के शिक्षाकर्मियों पर कोई भी कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी। आज मैनपाट में शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को व्यापारी वर्ग ने भी समर्थन दिया। कारोबारी नरेश अग्रवाल, महेंद्र गुप्ता, अनिल गुप्ता व अन्य ने मांगों के समर्थन में अपनी सहमति दी है।
एक माह का वेतन रोकने के निर्देश
इधर कलक्टर किरण कौशल ने शिक्षक पंचायत संवर्ग के आंदोलनरत कर्मचारियों के इस माह का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि आंदोलनरत शिक्षक पंचायत संवर्ग कर्मचारियों द्वारा विद्यालय से लगातार अनुपस्थित रहने के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कलक्टर ने बताया कि परिवीक्षाधीन 125 शिक्षक पंचायत संवर्ग कर्मचारी विद्यालय में अपनी उपस्थिति दे चुके हैं।