नया शिक्षा सत्र फिर अधूरे सेटअप में शुरू होने वाला है। जिले में फिर
शिक्षकों की कमी के बीच पढ़ाई शुरू हो जाएगी और इसका असर जिले के रिजल्ट पर
पड़ेगा। यह सब तक हो रहा है जब प्रदेश में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश
बघेल ने कहा था कि जिला न्यास मद से शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। हालांकि
अभी तक शिक्षा विभाग और पंचायत विभाग में ऐसा कोई आदेश नहीं आया है।
जिम्मेदार इस समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय या पहल करने के बजाय पुरानी बातें दोहरा रहे हैं। कह रहे कि ज्यादा शिक्षक वाले स्कूलों से कमी वाले स्कूलों में शिक्षक भेजे जाएंगे। 1492 सरकारी स्कूलों वाले जिले में सिर्फ शिक्षकों के ही 675 और एचएम और प्राचार्य 862 पद खाली हैं। यह स्थिति करीब आठ साल से है। शिक्षकों की कमी का असर स्कूलों में पढ़ाई पर हो रहा है। रिजल्ट खराब आ रहे हैं। इस साल नगरी ब्लाॅक के बोरई में 10वीं बोर्ड का रिजल्ट मात्र 6 प्रतिशत आया था। शिक्षकों के सबसे ज्यादा पद खाली इस ब्लाॅक में हैं। ब्लाक का रिजल्ट आज तक 45 से 55 प्रतिशत के बीच ही आया है।
प्रभार के कारण पढ़ा भी नहीं पा रहे शिक्षक: जिन स्कूलों में एचएम या प्राचार्य के पद खाली हैं, वहां शिक्षकों को ही प्रभार दे दिया गया है। वे प्रभार के कारण ठीक से पढाई कार्य भी नहीं कर रहे हैं। इसका विपरीत असर रिजल्ट पर पड़ रहा है।
कोई स्पष्ट निर्देश नहीं: जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के. ने कहा कि खनिज न्यास मद से शिक्षक रखने जैसा कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिला है।
एचएम के 758 पद खाली
एचएम को प्राइमरी-मिडिल स्कूलों की जिम्मेदारी रहती है। विभागीय मिटिंग, कार्यालयीन काम एचएम ही करते हैं। इसके अलावा उन्हें पढ़ाने में भी सहयोग करना है। जिले के प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में सिर्फ एचएम के ही 758 पद खाली हैं। इसी तरह प्राचार्य के 167 पद में से 104 पद खाली हैं। जहां शिक्षकों की ज्यादा कमी है और एचएम, प्राचार्य भी नहीं है, वहां पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
जनभागीदारी से भी कोई व्यवस्था नहीं
नियमानुसार जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है वहां जनभागीदारी से भी शिक्षक रखे जा सकते हैं।इसके लिए भी कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है। न ही इसके लिए कोई दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
जानिए किस पद की क्या स्थिति
पद का नाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त
एचएम प्रायमरी स्कूल 857 241 616
एचएम मिडिल स्कूल 434 242 142
शिक्षक मिडिल स्कूल 1904 1570 334
शिक्षक प्रायमरी स्कूल 2341 2338 13
प्राचार्य 167 63 104
व्याख्याता 1710 1482 228
योग 7413 5936 1437
डीएमएफ से मिलते हैं 4 करोड़ रुपए
जिले में खनिज संपदा की कमी नहीं है। खनिज न्यास मद के रूप में जिले को 4 करोड़ रुपए सालाना मिलते हैं। यदि इस राशि को शिक्षकों की व्यवस्था करने में लगाई जाए, तो सारी समस्या दूर हो जाएगी।
डीईओ टीके साहू ने कहा कि जिन स्कूलों में शिक्षक अधिक हैं, वहां के शिक्षक को आवश्यकता वाले स्कूलों में भेजेंगे। पहले एक व दो शिक्षकों के स्कूलों का समाधान करेंगे।
जिन स्कूलों में जरूरत, वहां भेजे जाएंगे शिक्षक
जिम्मेदार इस समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय या पहल करने के बजाय पुरानी बातें दोहरा रहे हैं। कह रहे कि ज्यादा शिक्षक वाले स्कूलों से कमी वाले स्कूलों में शिक्षक भेजे जाएंगे। 1492 सरकारी स्कूलों वाले जिले में सिर्फ शिक्षकों के ही 675 और एचएम और प्राचार्य 862 पद खाली हैं। यह स्थिति करीब आठ साल से है। शिक्षकों की कमी का असर स्कूलों में पढ़ाई पर हो रहा है। रिजल्ट खराब आ रहे हैं। इस साल नगरी ब्लाॅक के बोरई में 10वीं बोर्ड का रिजल्ट मात्र 6 प्रतिशत आया था। शिक्षकों के सबसे ज्यादा पद खाली इस ब्लाॅक में हैं। ब्लाक का रिजल्ट आज तक 45 से 55 प्रतिशत के बीच ही आया है।
प्रभार के कारण पढ़ा भी नहीं पा रहे शिक्षक: जिन स्कूलों में एचएम या प्राचार्य के पद खाली हैं, वहां शिक्षकों को ही प्रभार दे दिया गया है। वे प्रभार के कारण ठीक से पढाई कार्य भी नहीं कर रहे हैं। इसका विपरीत असर रिजल्ट पर पड़ रहा है।
कोई स्पष्ट निर्देश नहीं: जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के. ने कहा कि खनिज न्यास मद से शिक्षक रखने जैसा कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिला है।
एचएम के 758 पद खाली
एचएम को प्राइमरी-मिडिल स्कूलों की जिम्मेदारी रहती है। विभागीय मिटिंग, कार्यालयीन काम एचएम ही करते हैं। इसके अलावा उन्हें पढ़ाने में भी सहयोग करना है। जिले के प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में सिर्फ एचएम के ही 758 पद खाली हैं। इसी तरह प्राचार्य के 167 पद में से 104 पद खाली हैं। जहां शिक्षकों की ज्यादा कमी है और एचएम, प्राचार्य भी नहीं है, वहां पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
जनभागीदारी से भी कोई व्यवस्था नहीं
नियमानुसार जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है वहां जनभागीदारी से भी शिक्षक रखे जा सकते हैं।इसके लिए भी कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है। न ही इसके लिए कोई दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
जानिए किस पद की क्या स्थिति
पद का नाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त
एचएम प्रायमरी स्कूल 857 241 616
एचएम मिडिल स्कूल 434 242 142
शिक्षक मिडिल स्कूल 1904 1570 334
शिक्षक प्रायमरी स्कूल 2341 2338 13
प्राचार्य 167 63 104
व्याख्याता 1710 1482 228
योग 7413 5936 1437
डीएमएफ से मिलते हैं 4 करोड़ रुपए
जिले में खनिज संपदा की कमी नहीं है। खनिज न्यास मद के रूप में जिले को 4 करोड़ रुपए सालाना मिलते हैं। यदि इस राशि को शिक्षकों की व्यवस्था करने में लगाई जाए, तो सारी समस्या दूर हो जाएगी।
डीईओ टीके साहू ने कहा कि जिन स्कूलों में शिक्षक अधिक हैं, वहां के शिक्षक को आवश्यकता वाले स्कूलों में भेजेंगे। पहले एक व दो शिक्षकों के स्कूलों का समाधान करेंगे।
जिन स्कूलों में जरूरत, वहां भेजे जाएंगे शिक्षक