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मूल्याकंन कार्य में लापरवाही,12 शिक्षकों को बोर्ड ने किया बाहर

जशपुरनगर नईदुनिया प्रतिनिधि। उत्तर पुस्तिका के मूल्याकंन में गड़बड़ी की लगातार हो रही शिकायत को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार मूल्याकंनकर्ताओं पर सख्ती बरतने के साथ ही नियमों में कुछ और भी फेरबदल किया है।
मूल्याकंन कार्य में लापरवाही बरतने वाले 12 शिक्षकों को मूल्याकंन कार्य से बाहर रखने का आदेश जारी कर बोर्ड के अधिकारियों ने मूल्याकंनकर्ताओं को सावधानीपूर्वक कॉपी जांचने का निर्देश भी दिया है ताकि परीक्षार्थियों को परिणाम घोषित होने के बाद अंकों की गड़बड़ियों से होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके। 10 वीं कक्षा का मूल्याकंन 15 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य है।
शहर के महारानी लक्ष्मी बाई कन्या उमा विद्यालय में इन दिनों बोर्ड परीक्षा के उत्तर पुस्तिका का मूल्याकंन कार्य किया जा रहा है। मूल्याकंन केंद्र की प्रभारी और संस्था की प्राचार्य आशा चौधरी ने बताया कि मूल्याकंन कार्य में गुरुवार को 262 शिक्षक ों की ड्यूटी लगाई गई थी। मूल्याकंन के दौरान शिक्षकों को केंद्र के अंदर ही सभी सुविधा उपलब्ध कराया गया है। प्राचार्य श्रीमती चौधरी ने बताया कि मूल्याकंनकर्ताओं के लिए विशेष रूप से कैंटीन की सुविधा दी गई है। उन्होंने बताया कि मूल्याकंन के दौरान माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्धारित किए गए नियम व मापदंडों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 10 वीं कक्षा की कॉपी का मूल्याकंन 15 मार्च तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है। बुधवार को 12 वीं कक्षा की परीक्षा खत्म होने के बाद उत्तर पुस्तिका आने की संभावना को देखते हुए इस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। 13 मार्च को होली होने की वजह से मूल्याकंनकर्ताओं की उपस्थिति प्रभावित होने से मूल्याकंन की गति प्रभावित होने की संभावना भी जताई जा रही है।
गड़बड़ी रोकने बोर्ड ने दिखाई सख्ती
उत्तर पुस्तिका के मूल्याकंन में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस बार मूल्याकंनकर्ताओं पर सख्ती भी दिखाई है। जानकारी के मुताबिक बोर्ड ने पिछले साल मूल्याकंन कार्य में लापरवाही बरतने वाले 13 शिक्षकों को इस साल मूल्याकंन कार्य से बाहर रखने का निर्देश केंद्राध्यक्ष व प्रशासन को दिया है। बताया जा रहा है कि जिन शिक्षकों को मूल्याकंन कार्य से अलग करने की कार्रवाई की गई है,उनके द्वारा जांचे गए उत्तर पुस्तिका में पुर्नगणना में 20 से लेकर 30 अंक तक की वृद्वि हुई थी। जानकारों के मुताबिक मूल्याकंनकर्ताओं द्वारा जल्दीबाजी या लापरवाही कारण अक्सर अंकों को योग में गड़बड़ी की जाती है। इसके साथ ही कई बार मूल्याकंनकर्ता कॉपी के एक या दो पन्नों को जांचना ही भूल जाते हैं। इससे पुर्नगणना में अंकों को भारी उलट फेर होती है,जिससे बोर्ड का पूरा परीक्षा परिणाम ना केवल प्रभावित होता है अपितु विवाद की स्थिति भी बनती है। इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए ही इस बार बोर्ड ने 13 मूल्याकनकर्ताओं को मूल्याकंन कार्य से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
व्यवस्था में भी किया बदलाव
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार प्रावीण्य सूची में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए भी सर्तकता बरतते नजर आ रहा है। मूल्याकंन केन्द्र प्रभारी प्राचार्य आशा चौधरी ने बताया कि बोर्ड ने इस बार 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों के उत्तर पुस्तिका का अलग से बंडल बना कर रखने का निर्देश दिया है। इतना ही इन कॉपियों के अंकों को अंतिम रूप देने से पहले केन्द्राध्यक्ष व सहायक केन्द्राध्यक्ष द्वारा विशेष रूप से जांच की जाएगी। इस दौरान केन्द्राध्यक्ष विशेष रूप से देखेगें कि कहीं मूल्याकंनकर्ता ने अंकों के योग में गड़बड़ी तो नहीं की है या फिर उत्तर पुस्तिका का कोई पेज जांच से छूट तो नहीं गया है। बोर्ड ने यह कदम प्रदेश के प्रावीण्य सूची में मूल्याकंन के दौरान होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के उद्देश्य से उठाया है।
जिले के परीक्षा परिणाम में टिकी नजर
कक्षा 10 वी और 12 वी की बोर्ड परीक्षा संपन्न होने के बाद अब जिलेवासियों की नजर माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा घोषित किए जाने वाले परीक्षा परिणाम पर टिकी हुई है। शिक्षा सत्र 2016-17 के दौरान बोर्ड परीक्षा में एक भी छात्र के प्रावीण्य सूची में स्थान बनाने में सफल नहीं हो पाया था। इसे देखते हुए कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला ने यशस्वी जशपुर नामक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान में शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों की विशेष ड्यूटी लगा कर अलग-अलग स्कूलों से छात्रों का चयन कर उन्हें विशेष कोचिंग दी गई है। प्रशासन का लक्ष्य कक्षा 10 वी और 12 वीं के बोर्ड परीक्षा परिणाम के टॉप 10 में जिले को स्थान दिलाना है।  

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