बालोद.स्कूल
के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल व शिक्षकों की कमी का असर अब कुंदरुपारा
में संचालित प्राथमिक शाला के बच्चों की पढ़ाई पर पडऩे लगा है। बच्चों को
पढ़ाई छोड़कर पीने के लिए, शौचालय के लिए सौ मीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा
है। जिला मुख्यालय के कुंदरूपारा में संचालित प्राथमिक शाला में बच्चे
भगवान भरोसे हैं। बच्चे इन दिनों बाल्टी-बर्तन लेकर 100 मीटर दूर चलकर पानी
टंकी से अपने पीने के लिए पानी ला रहे हैं।
36 विद्यार्थी अध्ययनरत
यही नहीं शौचालय उपयोग के लिए भी बच्चों को पानी लाना पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण थोड़ी-बहुत होने वाली पढ़ाई भी ठप है। स्कूल कक्षा पहली से पाचवीं तक 36 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। आगामी 8 मार्च से परीक्षा शुरू हो रही है, ऐसे में बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
36 विद्यार्थी अध्ययनरत
यही नहीं शौचालय उपयोग के लिए भी बच्चों को पानी लाना पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण थोड़ी-बहुत होने वाली पढ़ाई भी ठप है। स्कूल कक्षा पहली से पाचवीं तक 36 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। आगामी 8 मार्च से परीक्षा शुरू हो रही है, ऐसे में बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
स्कूल में केवल एक शौचालय
स्कूल
में अव्यवस्था सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से बनी है।
सफाई कर्मचारी स्कूल में रहते थे, तो बच्चों को पीने के पानी और शौचालय के
लिए पानी लाने की जरूरत नहीं पड़ती थी। लेकिन सफाई कर्मचारियों के नहीं
होने की वजह से बच्चों पर पानी लाने का भार पड़ गया है। स्कूल में एक ही
शौचालय है, जिसका उपयोग बच्चे करते हैं।
स्कूल में नहीं है प्रधानपाठक
स्कूल
में शासन द्वारा एक प्रधान पाठक व 2 शिक्षकों का पद निर्धारित किया गया
है, लेकिन वर्तमान में यहां प्रधानपाठक नहीं है। मात्र 2 शिक्षक हैं।
प्रभारी प्रधान पाठिका का कार्य कर रहीं कल्पना उइके 1 मार्च से मेडिकल
छुट्टी पर चली गई हैं। अब एक शिक्षक के ही भरोसे स्कूल है। इकलौते शिक्षक
विभागीय कार्य में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में बच्चों को पढ़ाने वाला कोई
नहीं है।