बिश्रामपुर (नईदुनिया न्यूज)। जिले के महाविद्यालयों में प्रबंधकीय
लापरवाही से शासन के निर्देशों के बावजूद ऑनलाइन अध्यापन कार्य प्रारंभ
नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होने को लेकर छात्र
संगठन जोगी के जिलाध्यक्ष कुंदन विश्वकर्मा ने उच्च शिक्षा संचालनालय
आयुक्त को ज्ञापन ई-मेल कर कार्रवाई की मांग की है।
छात्र संगठन जोगी के जिलाध्यक्ष कुंदन विश्वकर्मा का आरोप लगाया है कि सूरजपुर जिले के अग्रणी महाविद्यालय शासकीय रेवती रमण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा आज पयर्त अतिथि व्याख्याताओं से सेवा लेना शुरू नहीं किया गया है। जिस कारण छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य संकट में है। उन्होंने बताया कि सूरजपुर अग्रणी महाविद्यालय में आठ विषयों का भार अतिथि व्याख्याता संभाल रहे हैं लेकिन इन विषयों का ऑनलाइन अध्यापन कार्य 13 मार्च से बंद पड़ा है। इस संबंध में विभाग द्वारा जारी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। कमोबेश जिले के समस्त शासकीय महाविद्यालयों की में यही स्थिति निर्मित होने से छात्र छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य संकट में पड़ता नजर आने से छात्र-छात्राओं में आक्रोश व्याप्त है। अन्य जिलों के पीजी महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य शुरू कर दिया गया है, वहीं सूरजपुर जिले के समस्त स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में अध्यापन बाधित रख कर प्राचायोर् द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिले के शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर समेत अन्य यूजी महाविद्यालयों के सहायक प्राध्यापकों द्वारा जिला मुख्यालय एवं कार्यालय से स्वघोषित अवकाश ले लिया गया है। छात्र संगठन जोगी ने मांग की है कि विभाग द्वारा दोनों मामलों को संज्ञान में लेते हुए सूरजपुर जिले की उच्च शिक्षा व्यवस्था बेहतर की जाए तथा जिले के अतिथि व्याख्याताओं के मार्च अप्रैल माह का लंबित वेतन भुगतान किया जाए।
छात्र संगठन जोगी के जिलाध्यक्ष कुंदन विश्वकर्मा का आरोप लगाया है कि सूरजपुर जिले के अग्रणी महाविद्यालय शासकीय रेवती रमण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा आज पयर्त अतिथि व्याख्याताओं से सेवा लेना शुरू नहीं किया गया है। जिस कारण छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य संकट में है। उन्होंने बताया कि सूरजपुर अग्रणी महाविद्यालय में आठ विषयों का भार अतिथि व्याख्याता संभाल रहे हैं लेकिन इन विषयों का ऑनलाइन अध्यापन कार्य 13 मार्च से बंद पड़ा है। इस संबंध में विभाग द्वारा जारी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। कमोबेश जिले के समस्त शासकीय महाविद्यालयों की में यही स्थिति निर्मित होने से छात्र छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य संकट में पड़ता नजर आने से छात्र-छात्राओं में आक्रोश व्याप्त है। अन्य जिलों के पीजी महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य शुरू कर दिया गया है, वहीं सूरजपुर जिले के समस्त स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में अध्यापन बाधित रख कर प्राचायोर् द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिले के शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर समेत अन्य यूजी महाविद्यालयों के सहायक प्राध्यापकों द्वारा जिला मुख्यालय एवं कार्यालय से स्वघोषित अवकाश ले लिया गया है। छात्र संगठन जोगी ने मांग की है कि विभाग द्वारा दोनों मामलों को संज्ञान में लेते हुए सूरजपुर जिले की उच्च शिक्षा व्यवस्था बेहतर की जाए तथा जिले के अतिथि व्याख्याताओं के मार्च अप्रैल माह का लंबित वेतन भुगतान किया जाए।