भोपाल। 12वीं के बाद हर छात्र का सपना होता है कि देश के नामचीन कॉलेज में उच्च शिक्षा हासिल करे। किसी भी अच्छे कॉलेज में दाखिले के लिए 85 से 90 फीसदी अंकों की जरूरत होगी।
छात्रों को परीक्षा की तैयारी भी इस आधार करनी होगी। पत्रिका ने शहर के शिक्षा विशेषज्ञों से जाना कि छात्र परीक्षा की तैयारी कैसे करें ताकि वह इस स्तर पर पर अंक हासिल कर सकें। इस मामले में ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों को अच्छे अंक लाने के लिए किसी भी प्रकार के तनाव से दूर रहकर पढ़ाई करनी चाहिए, ताकि वे अपनी प्रतिभा का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल कर सकें।
सभी विषय की समान तैयारी
अक्सर छात्र गणित और विज्ञान को कठिन मानते हैं और पूरा जोर और समय इन्हीं विषयों में लगा देते हैं। शिक्षाविद् एसएन राय के मुताबिक परीक्षा में हर विषय की समान रूप से तैयारी करें। वहीं जब रिजल्ट आता है तो जिन विषयों को आसान समझ रहे थे उन्हीं में नंबर कम आते हैं।
शिक्षकों से संवाद जरूरी
कमला नेहरू स्कूल के प्राचार्य डॉ. आरएन शर्मा इस बारे में कहते हैं कि परीक्षा से पहले छात्र पूरी तरह घर पर रहकर पढ़ाई करते हैं। यह सही नहीं है। अगर स्कूल बंद हों तो भी अपने शिक्षकों से संपर्क बनाएं रखें। विषय में जो दिक्कत आ रही है उसे दूसरो से पूछने की बजाए अपने शिक्षक से पूछें, ज्यादा फायदेमंद होगा। साथ ही मॉडल प्रश्नपत्र और पुराने प्रश्नपत्रों को जरूर हल करें। इससे पैटर्न को समझने में सहायता मिलती है।
एेसे करें तैयारी
- 10वीं के छात्र 5 व 12वीं के 7 घंटे रोजाना पढ़ाई करें।
- किसी भी प्रकार का तनाव न लें।
- छात्र बोर्ड परीक्षा को तनाव के रूप में न लें, उत्साहित होकर पढ़ाई करें।
- याद किए गए विषय को लिखकर जरूर देखें। इससे लिखने की आदत बनी रहेगी।
- छात्र पढ़ाई के लिए एक निश्चित समय का निर्धारण करें।
अभिभावकों के लिए
- बच्चों पर पढऩे के लिए ज्यादा दबाव न बनाएं।
- घर में बच्चों को पढऩे के लिए अच्छा माहौल तैयार करें।
- बच्चों को उत्साहित करें, उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं।
- पढ़ाई में बच्चों का सहयोग करें।
- खेलने, टीवी देखने आदि पर अनावश्यक रोक न लगाएं।
घर में दें डमी परीक्षा
तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण काम है डमी परीक्षा लेना। छात्र इस तरीके को नहीं आजमाते। वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. कनक प्रसाद बताती हैं कि बच्चे पुराने प्रश्नपत्र को हल तो करते हैं लेकिन सही तरीके से नहीं। प्रश्नपत्र हल करने के लिए तीन घंटे का समय निश्चित करें। इसमें पूरा प्रश्नपत्र हल करें। इसका मूल्यांकन खुद या अपने शिक्षक से कराएं और कमियों को सुधारें। इसकी आदत हो जाने पर फाइनल परीक्षा में दवाब बिल्कुल कम हो जाएगा।
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छात्रों को परीक्षा की तैयारी भी इस आधार करनी होगी। पत्रिका ने शहर के शिक्षा विशेषज्ञों से जाना कि छात्र परीक्षा की तैयारी कैसे करें ताकि वह इस स्तर पर पर अंक हासिल कर सकें। इस मामले में ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों को अच्छे अंक लाने के लिए किसी भी प्रकार के तनाव से दूर रहकर पढ़ाई करनी चाहिए, ताकि वे अपनी प्रतिभा का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल कर सकें।
सभी विषय की समान तैयारी
अक्सर छात्र गणित और विज्ञान को कठिन मानते हैं और पूरा जोर और समय इन्हीं विषयों में लगा देते हैं। शिक्षाविद् एसएन राय के मुताबिक परीक्षा में हर विषय की समान रूप से तैयारी करें। वहीं जब रिजल्ट आता है तो जिन विषयों को आसान समझ रहे थे उन्हीं में नंबर कम आते हैं।
शिक्षकों से संवाद जरूरी
कमला नेहरू स्कूल के प्राचार्य डॉ. आरएन शर्मा इस बारे में कहते हैं कि परीक्षा से पहले छात्र पूरी तरह घर पर रहकर पढ़ाई करते हैं। यह सही नहीं है। अगर स्कूल बंद हों तो भी अपने शिक्षकों से संपर्क बनाएं रखें। विषय में जो दिक्कत आ रही है उसे दूसरो से पूछने की बजाए अपने शिक्षक से पूछें, ज्यादा फायदेमंद होगा। साथ ही मॉडल प्रश्नपत्र और पुराने प्रश्नपत्रों को जरूर हल करें। इससे पैटर्न को समझने में सहायता मिलती है।
एेसे करें तैयारी
- 10वीं के छात्र 5 व 12वीं के 7 घंटे रोजाना पढ़ाई करें।
- किसी भी प्रकार का तनाव न लें।
- छात्र बोर्ड परीक्षा को तनाव के रूप में न लें, उत्साहित होकर पढ़ाई करें।
- याद किए गए विषय को लिखकर जरूर देखें। इससे लिखने की आदत बनी रहेगी।
- छात्र पढ़ाई के लिए एक निश्चित समय का निर्धारण करें।
अभिभावकों के लिए
- बच्चों पर पढऩे के लिए ज्यादा दबाव न बनाएं।
- घर में बच्चों को पढऩे के लिए अच्छा माहौल तैयार करें।
- बच्चों को उत्साहित करें, उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं।
- पढ़ाई में बच्चों का सहयोग करें।
- खेलने, टीवी देखने आदि पर अनावश्यक रोक न लगाएं।
घर में दें डमी परीक्षा
तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण काम है डमी परीक्षा लेना। छात्र इस तरीके को नहीं आजमाते। वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. कनक प्रसाद बताती हैं कि बच्चे पुराने प्रश्नपत्र को हल तो करते हैं लेकिन सही तरीके से नहीं। प्रश्नपत्र हल करने के लिए तीन घंटे का समय निश्चित करें। इसमें पूरा प्रश्नपत्र हल करें। इसका मूल्यांकन खुद या अपने शिक्षक से कराएं और कमियों को सुधारें। इसकी आदत हो जाने पर फाइनल परीक्षा में दवाब बिल्कुल कम हो जाएगा।
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