रायपुर। आज के छात्र स्कूल के बजाय घर की पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देते हैं। वहीं जानकी सपहा, जिन्होंने घर में कम और क्लास रूम में शिक्षकों के द्वारा पढ़ाए जाने वाले विषय की थ्योरी व प्रैक्टिकल पर ज्यादा ध्यान दिया। इसी का परिणाम है कि उन्होंने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में 96.83 प्रतिशत अंक हासिल कर राज्य में छठवां स्थान प्राप्त किया।
सेंट विसेंट पैलोटी स्कूल कांपा की छात्र जानकी ने कहा कि सफलता तभी मिलेगी, जब शिक्षकों का कहना मानेंगे। रोजाना होमवर्क पूरा करें। उन्होंने बताया कि सफलता का दूसरा कारण दादा-दादी का प्यार है।
शौक - पेंटिंग और कुकिंग
प्रतिशत - 96.83
लक्ष्य - डॉक्टर बनना
प्रेरणास्रोत - बड़ा भाई
तनाव दूर - भ्रामरी योग से
सक्सेस मंत्र - रोजाना होमवर्क करें
रोजाना दोनों मेरी पढ़ाई के बारे में पूछते थे। कई बार दादी मेरे बगल में घंटों तक बैठी रहती थी, ताकि मैं बोर न हो जाऊं। जानकी के पिता सुरेश सपहा सेजबहार स्थित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में कर्मचारी हैं। मां तलेश्वरी गृहिणी हैं। जानकी इस परीक्षा में असफल छात्रों से कहती हैं कि अधिकांश महापुरुषों ने अपनी बड़ी सफलता अपनी सबसे बड़ी विफलता से एक कदम आगे हासिल की है।
दादा-दादी से सीखा भ्रामरी योग
जानकी ने बताया कि दादा मायाराम व दादी श्यामबाई उनका बहुत ख्याल रखते हैं। महाभारत व गीत की घटनाओं को सुनाते हैं। इनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है। दादी ने भ्रामरी सिखाया, ताकि दिमाग हर वक्त रिफ्रेश रहे। इसी तरह दादा प्यार से डांटते और मजाक करते हैं। स्कूली गतिविधि के बारे में भी पूछते रहते हैं।
ननिहाल में छाई दोहरी खुशी
गुरुवार को सुबह 10 बजे दसवी का रिजल्ट आया। उस वक्त जानकी अपने ननिहाल दुर्ग स्थित ग्राम उतई में मामा की शादी में व्यस्त थी। उनका नाम मेरिट सूची में होने की जानकारी घर से पापा ने दी। यह खबर सुनते ही ननिहाल में दोहरी खुशी छा गई। शादी छोड़ सभी मेहमान व रिश्तेदार जानकी को बधाई देने व मिठाई खिलाने में व्यस्त हो गए।
कोचिंग जाने से मना कर दिया
जानकी सभी कक्षाओं में अव्वल नंबर पर रही है। दसवीं बोर्ड में अच्छे नंबर आए, इसलिए पिता ने कोचिंग जॉइन करने को कहा, लेकिन जानकी ने मना कर दिया। उनके बड़े भाई इंजीनियर हैं। उन्होंने ही घर में पढ़ाया। जानकी ने बताया कि उनका सपना है कि वह एक डॉक्टर बनकर समाज के गरीब तपके के लिए कुछ कर सके।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
सेंट विसेंट पैलोटी स्कूल कांपा की छात्र जानकी ने कहा कि सफलता तभी मिलेगी, जब शिक्षकों का कहना मानेंगे। रोजाना होमवर्क पूरा करें। उन्होंने बताया कि सफलता का दूसरा कारण दादा-दादी का प्यार है।
शौक - पेंटिंग और कुकिंग
प्रतिशत - 96.83
लक्ष्य - डॉक्टर बनना
प्रेरणास्रोत - बड़ा भाई
तनाव दूर - भ्रामरी योग से
सक्सेस मंत्र - रोजाना होमवर्क करें
रोजाना दोनों मेरी पढ़ाई के बारे में पूछते थे। कई बार दादी मेरे बगल में घंटों तक बैठी रहती थी, ताकि मैं बोर न हो जाऊं। जानकी के पिता सुरेश सपहा सेजबहार स्थित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में कर्मचारी हैं। मां तलेश्वरी गृहिणी हैं। जानकी इस परीक्षा में असफल छात्रों से कहती हैं कि अधिकांश महापुरुषों ने अपनी बड़ी सफलता अपनी सबसे बड़ी विफलता से एक कदम आगे हासिल की है।
दादा-दादी से सीखा भ्रामरी योग
जानकी ने बताया कि दादा मायाराम व दादी श्यामबाई उनका बहुत ख्याल रखते हैं। महाभारत व गीत की घटनाओं को सुनाते हैं। इनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है। दादी ने भ्रामरी सिखाया, ताकि दिमाग हर वक्त रिफ्रेश रहे। इसी तरह दादा प्यार से डांटते और मजाक करते हैं। स्कूली गतिविधि के बारे में भी पूछते रहते हैं।
ननिहाल में छाई दोहरी खुशी
गुरुवार को सुबह 10 बजे दसवी का रिजल्ट आया। उस वक्त जानकी अपने ननिहाल दुर्ग स्थित ग्राम उतई में मामा की शादी में व्यस्त थी। उनका नाम मेरिट सूची में होने की जानकारी घर से पापा ने दी। यह खबर सुनते ही ननिहाल में दोहरी खुशी छा गई। शादी छोड़ सभी मेहमान व रिश्तेदार जानकी को बधाई देने व मिठाई खिलाने में व्यस्त हो गए।
कोचिंग जाने से मना कर दिया
जानकी सभी कक्षाओं में अव्वल नंबर पर रही है। दसवीं बोर्ड में अच्छे नंबर आए, इसलिए पिता ने कोचिंग जॉइन करने को कहा, लेकिन जानकी ने मना कर दिया। उनके बड़े भाई इंजीनियर हैं। उन्होंने ही घर में पढ़ाया। जानकी ने बताया कि उनका सपना है कि वह एक डॉक्टर बनकर समाज के गरीब तपके के लिए कुछ कर सके।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC