जांजगीर-चांपा। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आज दसवीं का परीक्षा परिणाम जारी किया गया। जिले का परीक्षा परिणाम 50.49 फीसदी रहा। परीक्षा में इस बार भी बेटियों ने बाजी मारी है। जिले के 5 होनहार विद्यार्थियों ने टापटेन में दूसरा, सातवा, नौवा व दसवां स्थान हासिल किया है।
विवेकानंद स्कूल की छात्रा सुरूचि साहू और ज्ञानदीप स्कूल की छात्रा आकृति राठौर ने टापटेन में दूसरा स्थान बनाया है। जबकि चांपा सरस्वती शिशु मंदिर के राहुल देवांगन ने सातवां, चंद्रपुर सशिमं के आलोक कुमार होता ने नौंवा व चांपा के प्रखर कौशल ने दसवां स्थान प्राप्त कर प्रदेश में जिले का नाम रोशन किया है।
माशिमं द्वारा मार्च में दसवीं-बारहवीं की परीक्षा ली गई थी और आज दसवीं के नतीजे घोषित किए गए। परीक्षा में इस बार भी छात्राओं ने बाजी मारी है। आज माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने परिणाम जारी किया। इस बार जिले में परीक्षा परिणाम 50.49 प्रतिशत रहा। छात्राओं ने इस बार भी बाजी मारी है। जिले में छात्राओं का परीक्षा परिणाम 51.20 और बालकों का 50 प्रतिशत रहा। जिले में कुल 34 हजार 638 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से 34 हजार 141 लोगों ने परीक्षा दी और 17 हजार 48 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। प्रथम श्रेणी में 4 हजार 10 विद्यार्थी, द्वितीय श्रेणी में 6 हजार 514 तथा तृतीय श्रेणी में 6 हजार 524 लोग उत्तीर्ण हुए। 3 हजार 103 विद्यार्थी विभिन्न विषयों में पूरक हैं। मण्डल द्वारा 142 विद्यार्थियों का परीक्षाफल नकल व अन्य कारणों से निरस्त किया गया, वहीं 35 परीक्षार्थियों का परीक्षाफल रोका गया है। सुबह 10 बजे माशिमं कार्यालय रायपुर से परिणाम जारी होते ही छात्र-छात्रा इंटरनेट से अपना परिणाम जानने उत्सुक दिखे। छात्र-छात्राओं ने मोबाइल व लेपटॉप तथा कंप्यूटर से घरों में ही अपना परिणाम देखा। परिणाम आते ही माध्यमिक शिक्षा मंडल की वेबसाइट में सपᆬर करने वालों की तादात एकाएक बढ़ने से सर्वर नाट पᆬाउंड मेसेज आने लगा। सपᆬल छात्र-छात्रा प्रसन्नचित दिखे, वहीं जिन्हें असपᆬलता हाथ लगी है वे मायूस नजर आए। इस बार जिले के 3 छात्र व 2 छात्राओं को प्रावीण्य सूची में जगह मिली है।
टापरों के घर बधाई देने वालों की भीड़
जैसे ही सुबह 10 बजे परीक्षा परिणाम की घोषणा हुई जिले के सभी टापर विद्यार्थियों के घरों में बधाई देने वाला तांता लग गया। परिजनों ने टापरों को मिठाईयां खिलाई और बधाई दी।
सरकारी स्कूलों से एक भी टापर नहीं
जिले में तीन विद्यार्थियों ने टाप टेन में जगह बनाई है। ये सभी विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों के हैं। ये विद्यार्थी वहां के शिक्षकों व अपनी मेहनत के बल पर सफल हुए हैं। निजी स्कूल के शिक्षकों ने कम वेतन के बावजूद बेहतर परिणाम दिया है जबकि जिले के सरकारी स्कूलों से एक भी छात्र-छात्रा प्रावीण्य सूची में जगह नहीं बना सके। निजी स्कूल के शिक्षकों को 4 से 5 हजार अधिकतम वेतन मिलता है मगर परिणाम में उन्होंने 50 हजार वेतन वालों को भी पीछे छोड़ दिया।
मां के साथ सिलाई करते की पढ़ाई
इंजीनियर बनकर करेगी देश की सेवा
पᆬोटो : सुरूचि साहू
जांजगीर-चाम्पा(निप्र)। मजदूर मां की बेटी सुरूचि साहू ने 10वीं की परीक्षा में 97.50 अंक के साथ प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, जब वह 11 साल की थी तभी उसके पिता सेवकराम साहू की मृत्यु हो गई, तब से सुरूचि अपनी मां के साथ नाना के घर में रहती है। वहां उसकी मां शकुंतला साहू मजदूरी व सिलाई कर खर्च चलाती है। सुरूचि ने बताया कि वह साइकिल से विवेकानंद जांजगीर आना-जाना करती है। घर में 8 घंटे पढ़ाई भी करती है।उसने कोचिंग व ट्यूशन का सहारा नहीं लिया। बड़ा भाई लक्ष्मीनारायण साहू बारहवीं का छात्र है। सुरूचि ने बताया कि सिलाई के काम में वह मां का हाथ बटाती है। वह बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहती है। सुरूचि का कहना है कि पढ़ाई के अलावा उसके क्रिकेट देखने व धारावाहिक देखने का शौक है। विवेकानंद स्कूल के प्राचार्य मनोज पाण्डेय ने बताया कि छात्रा के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने और उसकी प्रतिभा को देखते हुए पिछले 6 साल से उसकी पᆬीस नहीं ली जा रही है, साथ ही राज्य सराकर द्वारा जो प्रोत्साहन राशि छात्रा को दी जाएगी, उतनी ही राशि स्कूल की ओर से भी छात्रा को दी जाएगी।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. लक्ष्य निर्धारित किया।
2. मां व गुरुजनों का मार्गदर्शन व प्रोत्साहन।
3. दृढ़ इच्छा शक्ति।
4. सही दिशा में प्रयास।
5. कठोर परिश्रम।
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आईएएस अधिकारी बनना चाहती है आकृति
पᆬोटो : आकृति राठौर
जांजगीर-चाम्पा। दसवीं की परीक्षा में 97.50 अंक के साथ प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल करने वाली ज्ञानदीप स्कूल जांजगीर की छात्रा आकृति राठौर ने बताया कि वह आईएएस अधिकारी बनना चाहती है। पढ़ाई में उन्हें पूरे परिवार का पूरा सहयोग मिलता है। स्कूल के अलावा वह 6 घंटे रोज पढ़ती थी। उनके पिता अरविंद राठौर शिक्षक हैं। उनका मार्गदर्शन भी लगातार मिला। इसके अलावा स्कूल के शिक्षकों में भी उन्हें सही मार्गदर्शन दिया और हमेशा प्रोत्साहित किया। उसने बताया कि उसे इस बात की उम्मीद थी कि वह दसवीं में टाप करेगी, लेकिन ऐसा नहीं होने का उसे दुख है। आगामी परीक्षा में वह जमकर तैयारी करेगी। पढ़ाई के अलावा सिंगिंग व डांसिंग में भी उसकी रूचि है। गणित उसका पंसदीदा विषय है। घर में उसे सब लोग पढ़ने के लिए ही प्रोत्साहित करते हैं। उससे कोई काम नहीं लिया जाता। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि मन लगाकर पढ़ाई करें तो सपᆬलता निश्चित है।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. घर में बेहतर माहौल।
2. माता-पिता व शिक्षकों का मार्गदर्शन।
3. आत्मविश्वास।
4. मेहनत पर पूरा भरोसा।
5. लक्ष्य बनाकर कड़ी मेहनत।
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आईएएस अधिकारी बनने की तमन्ना
पᆬोटो : राहुल कुमार
चांपा। नगर के छात्र राहुल देवांगन ने दसवीं की परीक्षा में 96.67 अंक के साथ टापटेन में 7 वां स्थान प्राप्त किया। राहुल सरस्वती शिशु मंदिर चांपा का छात्र है। उसे 96.67 अंक मिले। राहुल आईएएस की परीक्षा पास कर प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है। राहुल इस सपᆬलता के लिए अपने स्कूल के शिक्षकों को देते हुए कहते हैं कि उनके मार्गदर्शन से उन्हें सपᆬलता मिली। पढ़ाई के साथ वह ट्यूशन भी करता था। उसने बताया कि गणित में उसकी खास रूचि है। उसने अन्य छात्र छात्राओं को संदेश देते हुए कहा है कि कठोर परिश्रम से सपᆬलता निश्चित है। उनके पिता सुशील देवांगन पं सुंदरलाल शर्मा ओपन विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र में सहायक समन्वयक हैं। वे मध्यम वर्गीय परिवार के हैं।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. योजनाबद्घ तरीके से तैयारी।
2. अभिावकों व शिक्षकों का मार्गदर्शन।
3. लक्ष्य पर नजर।
4. सकारात्मक दृष्टिकोण।
5. कड़ी मेहनत।
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प्रशासनिक सेवा में जाने की चाह
पᆬोटो : आलोक कुमार होता
जांजगीर-चाम्पा। टापटेन में 96.33 अंक के साथ नौंवा स्थान प्राप्त सरस्वती शिशु मंदिर चंद्रपुर के छात्र ग्राम बुनगा जिला रायगढ़ निवासी आलोक कुमार होता का कहना है कि उनके पिता गिरधारी लाल होता चंदली के स्कूल में अंग्रेजी के व्याख्याता हैं। उनका मार्गदर्शन निरंतर मिला। उसने ट्यूशन का सहारा नहीं लिया। वह पीएससी पास कर प्रशासनिक सेवा में जाना चाहता है। पढ़ाई के अलावा इंटरनेट व बैडमिंटन में उसकी विशेष रूचि है। उनकी सपᆬलता में माता-पिता के अलावा शिक्षकों का योगदान रहा। उसने कहा कि डट कर मेहनत करने से सपᆬलता निश्चित है।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. कठोर परिश्रम।
2. मेहनत पर विश्वास।
3. बड़ों का मार्गदर्शन।
4. पढ़ाई पर एकाग्रता।
5. लक्ष्य पर पूरी नजर।
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रेलवे में अधिकारी बनना चाहता है प्रखर
पᆬोटो : प्रखर
चांपा। दसवीं टापटेन में 96.17 प्रतिशत के साथ दसवां स्थान प्राप्त करने वाले शंकर नगर चांपा निवासी प्रखर कौशल पिता उपेन्द्र कौशल सरस्वती शिशु मंदिर चांपा का छात्र है। वह रेलवे का अधिकारी बनना चाहता है। उसने बताया कि कुछ महीने उसने ट्यूशन लिया, मगर स्कूल के शिक्षकों से ज्यादा सहयोग व मार्गदर्शन मिला। वह रोज 6 घंटा पढ़ाई करता था। उसकी दीदी प्रिया जो बिलासपुर में बीएससी कर रही है उसकी भी मदद मिली। पढ़ाई के अलावा पेंटिंग और क्रिकेट में उसकी खास रूचि है। उसने बताया कि स्कूल के आचार्य भी घर आ कर निःशुल्क पढ़ाई कराते थे। उन्होेंने कहा कि लगन व परिश्रम से सपᆬलता निश्चित है। उनके पिता डोंगाघाट के पास स्थित मंदिर में सेवा देते हैं।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. अध्ययन के प्रति लगाव।
2. समय की पाबंदी ।
3. शिक्षक व माता पिता तथा बड़ी बहन का योगदान।
4. नोट्स बनाकर क्रमवार पढ़ाई।
5. कड़ी मेहनत।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
विवेकानंद स्कूल की छात्रा सुरूचि साहू और ज्ञानदीप स्कूल की छात्रा आकृति राठौर ने टापटेन में दूसरा स्थान बनाया है। जबकि चांपा सरस्वती शिशु मंदिर के राहुल देवांगन ने सातवां, चंद्रपुर सशिमं के आलोक कुमार होता ने नौंवा व चांपा के प्रखर कौशल ने दसवां स्थान प्राप्त कर प्रदेश में जिले का नाम रोशन किया है।
माशिमं द्वारा मार्च में दसवीं-बारहवीं की परीक्षा ली गई थी और आज दसवीं के नतीजे घोषित किए गए। परीक्षा में इस बार भी छात्राओं ने बाजी मारी है। आज माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने परिणाम जारी किया। इस बार जिले में परीक्षा परिणाम 50.49 प्रतिशत रहा। छात्राओं ने इस बार भी बाजी मारी है। जिले में छात्राओं का परीक्षा परिणाम 51.20 और बालकों का 50 प्रतिशत रहा। जिले में कुल 34 हजार 638 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से 34 हजार 141 लोगों ने परीक्षा दी और 17 हजार 48 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। प्रथम श्रेणी में 4 हजार 10 विद्यार्थी, द्वितीय श्रेणी में 6 हजार 514 तथा तृतीय श्रेणी में 6 हजार 524 लोग उत्तीर्ण हुए। 3 हजार 103 विद्यार्थी विभिन्न विषयों में पूरक हैं। मण्डल द्वारा 142 विद्यार्थियों का परीक्षाफल नकल व अन्य कारणों से निरस्त किया गया, वहीं 35 परीक्षार्थियों का परीक्षाफल रोका गया है। सुबह 10 बजे माशिमं कार्यालय रायपुर से परिणाम जारी होते ही छात्र-छात्रा इंटरनेट से अपना परिणाम जानने उत्सुक दिखे। छात्र-छात्राओं ने मोबाइल व लेपटॉप तथा कंप्यूटर से घरों में ही अपना परिणाम देखा। परिणाम आते ही माध्यमिक शिक्षा मंडल की वेबसाइट में सपᆬर करने वालों की तादात एकाएक बढ़ने से सर्वर नाट पᆬाउंड मेसेज आने लगा। सपᆬल छात्र-छात्रा प्रसन्नचित दिखे, वहीं जिन्हें असपᆬलता हाथ लगी है वे मायूस नजर आए। इस बार जिले के 3 छात्र व 2 छात्राओं को प्रावीण्य सूची में जगह मिली है।
टापरों के घर बधाई देने वालों की भीड़
जैसे ही सुबह 10 बजे परीक्षा परिणाम की घोषणा हुई जिले के सभी टापर विद्यार्थियों के घरों में बधाई देने वाला तांता लग गया। परिजनों ने टापरों को मिठाईयां खिलाई और बधाई दी।
सरकारी स्कूलों से एक भी टापर नहीं
जिले में तीन विद्यार्थियों ने टाप टेन में जगह बनाई है। ये सभी विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों के हैं। ये विद्यार्थी वहां के शिक्षकों व अपनी मेहनत के बल पर सफल हुए हैं। निजी स्कूल के शिक्षकों ने कम वेतन के बावजूद बेहतर परिणाम दिया है जबकि जिले के सरकारी स्कूलों से एक भी छात्र-छात्रा प्रावीण्य सूची में जगह नहीं बना सके। निजी स्कूल के शिक्षकों को 4 से 5 हजार अधिकतम वेतन मिलता है मगर परिणाम में उन्होंने 50 हजार वेतन वालों को भी पीछे छोड़ दिया।
मां के साथ सिलाई करते की पढ़ाई
इंजीनियर बनकर करेगी देश की सेवा
पᆬोटो : सुरूचि साहू
जांजगीर-चाम्पा(निप्र)। मजदूर मां की बेटी सुरूचि साहू ने 10वीं की परीक्षा में 97.50 अंक के साथ प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, जब वह 11 साल की थी तभी उसके पिता सेवकराम साहू की मृत्यु हो गई, तब से सुरूचि अपनी मां के साथ नाना के घर में रहती है। वहां उसकी मां शकुंतला साहू मजदूरी व सिलाई कर खर्च चलाती है। सुरूचि ने बताया कि वह साइकिल से विवेकानंद जांजगीर आना-जाना करती है। घर में 8 घंटे पढ़ाई भी करती है।उसने कोचिंग व ट्यूशन का सहारा नहीं लिया। बड़ा भाई लक्ष्मीनारायण साहू बारहवीं का छात्र है। सुरूचि ने बताया कि सिलाई के काम में वह मां का हाथ बटाती है। वह बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहती है। सुरूचि का कहना है कि पढ़ाई के अलावा उसके क्रिकेट देखने व धारावाहिक देखने का शौक है। विवेकानंद स्कूल के प्राचार्य मनोज पाण्डेय ने बताया कि छात्रा के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने और उसकी प्रतिभा को देखते हुए पिछले 6 साल से उसकी पᆬीस नहीं ली जा रही है, साथ ही राज्य सराकर द्वारा जो प्रोत्साहन राशि छात्रा को दी जाएगी, उतनी ही राशि स्कूल की ओर से भी छात्रा को दी जाएगी।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. लक्ष्य निर्धारित किया।
2. मां व गुरुजनों का मार्गदर्शन व प्रोत्साहन।
3. दृढ़ इच्छा शक्ति।
4. सही दिशा में प्रयास।
5. कठोर परिश्रम।
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आईएएस अधिकारी बनना चाहती है आकृति
पᆬोटो : आकृति राठौर
जांजगीर-चाम्पा। दसवीं की परीक्षा में 97.50 अंक के साथ प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल करने वाली ज्ञानदीप स्कूल जांजगीर की छात्रा आकृति राठौर ने बताया कि वह आईएएस अधिकारी बनना चाहती है। पढ़ाई में उन्हें पूरे परिवार का पूरा सहयोग मिलता है। स्कूल के अलावा वह 6 घंटे रोज पढ़ती थी। उनके पिता अरविंद राठौर शिक्षक हैं। उनका मार्गदर्शन भी लगातार मिला। इसके अलावा स्कूल के शिक्षकों में भी उन्हें सही मार्गदर्शन दिया और हमेशा प्रोत्साहित किया। उसने बताया कि उसे इस बात की उम्मीद थी कि वह दसवीं में टाप करेगी, लेकिन ऐसा नहीं होने का उसे दुख है। आगामी परीक्षा में वह जमकर तैयारी करेगी। पढ़ाई के अलावा सिंगिंग व डांसिंग में भी उसकी रूचि है। गणित उसका पंसदीदा विषय है। घर में उसे सब लोग पढ़ने के लिए ही प्रोत्साहित करते हैं। उससे कोई काम नहीं लिया जाता। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि मन लगाकर पढ़ाई करें तो सपᆬलता निश्चित है।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. घर में बेहतर माहौल।
2. माता-पिता व शिक्षकों का मार्गदर्शन।
3. आत्मविश्वास।
4. मेहनत पर पूरा भरोसा।
5. लक्ष्य बनाकर कड़ी मेहनत।
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आईएएस अधिकारी बनने की तमन्ना
पᆬोटो : राहुल कुमार
चांपा। नगर के छात्र राहुल देवांगन ने दसवीं की परीक्षा में 96.67 अंक के साथ टापटेन में 7 वां स्थान प्राप्त किया। राहुल सरस्वती शिशु मंदिर चांपा का छात्र है। उसे 96.67 अंक मिले। राहुल आईएएस की परीक्षा पास कर प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है। राहुल इस सपᆬलता के लिए अपने स्कूल के शिक्षकों को देते हुए कहते हैं कि उनके मार्गदर्शन से उन्हें सपᆬलता मिली। पढ़ाई के साथ वह ट्यूशन भी करता था। उसने बताया कि गणित में उसकी खास रूचि है। उसने अन्य छात्र छात्राओं को संदेश देते हुए कहा है कि कठोर परिश्रम से सपᆬलता निश्चित है। उनके पिता सुशील देवांगन पं सुंदरलाल शर्मा ओपन विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र में सहायक समन्वयक हैं। वे मध्यम वर्गीय परिवार के हैं।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. योजनाबद्घ तरीके से तैयारी।
2. अभिावकों व शिक्षकों का मार्गदर्शन।
3. लक्ष्य पर नजर।
4. सकारात्मक दृष्टिकोण।
5. कड़ी मेहनत।
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प्रशासनिक सेवा में जाने की चाह
पᆬोटो : आलोक कुमार होता
जांजगीर-चाम्पा। टापटेन में 96.33 अंक के साथ नौंवा स्थान प्राप्त सरस्वती शिशु मंदिर चंद्रपुर के छात्र ग्राम बुनगा जिला रायगढ़ निवासी आलोक कुमार होता का कहना है कि उनके पिता गिरधारी लाल होता चंदली के स्कूल में अंग्रेजी के व्याख्याता हैं। उनका मार्गदर्शन निरंतर मिला। उसने ट्यूशन का सहारा नहीं लिया। वह पीएससी पास कर प्रशासनिक सेवा में जाना चाहता है। पढ़ाई के अलावा इंटरनेट व बैडमिंटन में उसकी विशेष रूचि है। उनकी सपᆬलता में माता-पिता के अलावा शिक्षकों का योगदान रहा। उसने कहा कि डट कर मेहनत करने से सपᆬलता निश्चित है।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. कठोर परिश्रम।
2. मेहनत पर विश्वास।
3. बड़ों का मार्गदर्शन।
4. पढ़ाई पर एकाग्रता।
5. लक्ष्य पर पूरी नजर।
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रेलवे में अधिकारी बनना चाहता है प्रखर
पᆬोटो : प्रखर
चांपा। दसवीं टापटेन में 96.17 प्रतिशत के साथ दसवां स्थान प्राप्त करने वाले शंकर नगर चांपा निवासी प्रखर कौशल पिता उपेन्द्र कौशल सरस्वती शिशु मंदिर चांपा का छात्र है। वह रेलवे का अधिकारी बनना चाहता है। उसने बताया कि कुछ महीने उसने ट्यूशन लिया, मगर स्कूल के शिक्षकों से ज्यादा सहयोग व मार्गदर्शन मिला। वह रोज 6 घंटा पढ़ाई करता था। उसकी दीदी प्रिया जो बिलासपुर में बीएससी कर रही है उसकी भी मदद मिली। पढ़ाई के अलावा पेंटिंग और क्रिकेट में उसकी खास रूचि है। उसने बताया कि स्कूल के आचार्य भी घर आ कर निःशुल्क पढ़ाई कराते थे। उन्होेंने कहा कि लगन व परिश्रम से सपᆬलता निश्चित है। उनके पिता डोंगाघाट के पास स्थित मंदिर में सेवा देते हैं।
सपᆬलता के सूत्र :-
1. अध्ययन के प्रति लगाव।
2. समय की पाबंदी ।
3. शिक्षक व माता पिता तथा बड़ी बहन का योगदान।
4. नोट्स बनाकर क्रमवार पढ़ाई।
5. कड़ी मेहनत।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC