छत्तीगढ़ के बालोद जिले में कलेक्टर ने एक अनोखा अभियान
चलाया है। वहां के 50 स्कूलों में तकरीबन 2,313 बच्चों को अब बस्ता लेकर
स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। यह सुविधा पहली से पांचवी तक के स्कूल के बच्चों
को दी गई है।
कलेक्टर राजेश सिंह राणा के निर्देश और प्रदेश के
शिक्षा विभाग की प्रयास से कम उम्र के बच्चों के स्वस्थ तन और मन के विकास
के लिए बोझमुक्त वातावरण में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए किया गया है।
इसके लिए जिले के पांचों विकासखंडों के चयनित दस-दस प्राथमिक शालाओं सहित
कुल पचास प्राथमिक शालाओं में बच्चों के लिए व्यवस्था की गई है।
जिले के कुल 50 प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की पुस्तकें और नोटबुक रखने के लिए हर क्लास में रेक बनाए गए हैं। रैक पर ही बच्चों के नाम लिखे गए हैं, जिसमें वह अपने सामान रखते हैं। हर बच्चे को दो-दो सेट पुस्तकें दी गई हैं। वे एक सेट पुस्तक घर पर और एक सेट रेख में रखते हैं। होमवर्क मिलने पर बच्चे सिर्फ नोटबुक लेकर घर जाते हैं।
बालोद विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला नयापारा, कुंदरूपारा, जुरीर्पारा
बालोद, पर्रेगुड़ा, परसाही, अंगारी, जामगांव (बी), मड़वापथरा, मनौद,
सोंहतरा में साथ ही डौंडी विकासखंड के प्राथमिक शाला बासाटोला, ककरेल,
जबकसा, हिड़कापार, वनपंडेल, बांधापारा, बनगांव, कंजेली, औराटोला, गंगोलीडीह
में, डौंडीलोहारा विकासखंड के प्राथमिक शाला जोगीभाट, कापसी, साल्हे,
किसना, मरसकोला, रानीतराई, खामतराई, आलीवारा, भंडेरा, बीजाभाठा में,
गुंडरदेही विकासखंड के प्राथमिक शाला धर्मी, चाराचार, खलारी, परसतराई,
पायला, सिरसिदा, मोखा, कचांदुर, चैनगंज, मटिया में और गुरूर विकासखंड के
प्राथमिक शाला मुजगहन, भुलनडबरी, मरकाटोला, कोसमी, ओड़ेनाडीह, पड़कीभाट,
पुरूर, नयापारा, सोरर, मंगचुवा और डोकला में यह व्यवस्था शुरू की गई है।जिले के कुल 50 प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की पुस्तकें और नोटबुक रखने के लिए हर क्लास में रेक बनाए गए हैं। रैक पर ही बच्चों के नाम लिखे गए हैं, जिसमें वह अपने सामान रखते हैं। हर बच्चे को दो-दो सेट पुस्तकें दी गई हैं। वे एक सेट पुस्तक घर पर और एक सेट रेख में रखते हैं। होमवर्क मिलने पर बच्चे सिर्फ नोटबुक लेकर घर जाते हैं।
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