रायपुर. प्रश्नकाल में शिक्षक भर्ती के सवालों के बीच मंत्री टेकाम घिर गए. मंत्री टेकाम ने कहा कि शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को पूरा कर पाने का समय सीमा बता पाना संभव नहीं. स्कूल शिक्षा मंत्री के जवाब पर असंतोष जताते हुए सरकार को असंवेदनशील करार देते हुए बीजेपी विधायकों ने वॉकआउट किया.
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने उठाया स्कूलों 15580 शिक्षक में से शिक्षक, सहायक शिक्षक, व्याख्याता भर्ती का मामला, पूछा कितनी भर्ती हुई? कितनी भर्ती बची है? चयनितों की सूची कब कब जारी हुई? अतिथियों की संख्या कितनी है. इनका नियमितीकरण के लिए क्या प्लान है ? और कब तक नियमितीकरण होगा?
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स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का
जवाब दिया कि 14580 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में व्याख्याता 2548 ,
शिक्षक 2814, सहायक शिक्षक 2209 पदों पर भर्ती पूर्ण हुई. व्याख्याता
संवर्ग में 629, शिक्षक संवर्ग में 3083, सहायक शिक्षक 3297 पदों पर भर्ती
प्रक्रियाधीन है. व्याख्याता संवर्ग में 6130, शिक्षक संवर्ग में 7296,
सहायक शिक्षक 4268 पदों के लिए दस्तावेज सत्यापन पूरा हो चुका है. बाकी पर
प्रक्रिया चल रही है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बची हुई भर्ती प्रक्रिया को
पूरा कर पाने की समय सीमा बताना संभव नहीं है.
प्रदेश में 2020
से 6 दिसंबर 2021 तक अतिथि शिक्षकों की संख्या 1735 है, जिनके नियमितीकरण
का समय सीमा बता पाना संभव नहीं है. अजय चंद्राकर ने कहा कि अब तक सिर्फ 52
फ़ीसदी लोगों का सत्यापन किया गया है और 48 फीसदी अब भी बाकी है. बचे हुए
48 फीसदी लोगों का सत्यापन कब तक होगा? इस पर मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम
ने कहा कि कुछ मामले कोर्ट में हैं. दो बार समय सीमा बढ़ाई जा चुकी है.
स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों को
निर्देश देते हुए कहा कि किसी विषय पर पाइंटेड तैयारी कर आएं. नेता
प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये नियुक्ति का नहीं भ्रष्टाचार का मामला
है. इसलिए सत्यापन को दो बार बढ़ाया गया है. कौशिक ने कहा कि मंत्री थोड़ा
सचेत हो जाएं, उन्हें अपने ही विभाग में ट्रांसफर का अधिकार नहीं है. ये
अधिकार मुख्यमंत्री के पास है.
कौशिक ने सवाल किया कि बिलासपुर में डीईओ कार्यालय के कर्मचारियों को जेल भेजा गया था. क्या इससे जुड़ा मामला था? इस पर मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है. ये अलग मामला है. ये प्रश्न उद्भूत नहीं होता. अजय चंद्राकर ने कहा कि ये असंवेदनशील सरकार है. सरकार नियुक्ति पत्र तो नहीं दे पा रही है. इसके साथ ही मंत्री से जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए बीजेपी विधायकों ने वॉकआउट किया.
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