रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में चल रहा अटैचमेंट का खेल अब बंद होगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने सोमवार को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जो शिक्षक अटैचमेंट का लाभ लेकर स्कूलों में सालों से कार्यरत हैं, उन्हें उनके मूल विभाग यानी मूल स्कूल में तत्काल भेजा जाए। यदि शिक्षक अपनी मूल जगहों में नहीं जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि जब तक प्रदेश में पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करना जरूरी है।
छत्तीसगढ़ में 14 हजार 580 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी अभी अधूरी है। अब तक व्याख्याता के विज्ञापित तीन हजार 177 पद में से दो हजार 894 पदों पर नियुक्ति आदेश जारी किया जा चुका है। इसी तरह शिक्षक के पांच हजार 897 विज्ञापित पद में से दो हजार 110 पदों में नियुक्ति आदेश जारी किया जा चुका है, साथ ही सहायक शिक्षकों के विज्ञापित पद पांच हजार 506 में से दो हजार 184 पदों में नियुक्ति आदेश जारी किया जा चुका है।
एकल शिक्षकीय स्कूलों में अटैच शिक्षकों को करेंगे नियमित
वहीं ऐसे शिक्षक, जो शिक्षक विहीन स्कूल या एकल शिक्षक स्कूल में अटैच होकर अपनी सेवा दे रहे हैं, उन शिक्षकों का स्थायी रूप से स्थानांतरण करने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रस्ताव मांगे हैं। बताया जाता है कि ऐसे स्कूल, जहां पर शिक्षकों की संख्या कम है या शिक्षक अटैच होकर पढ़ा रहे हैं, वहां उनकी जरूरत को देखते हुए औपचारिक तरीके से उनका स्थानांतरण आदेश जारी किया जाएगा।
हटेंगे अतिशेष शिक्षक
कुछ साल पहले सभी सरकारी स्कूलों में युक्तियुक्तकरण करते हुए सभी अतिशेष शिक्षकों को हटाकर जरूरत वाले स्कूलों में भेजा गया था, लेकिन सरकारी व्यवस्था में गड़बड़ी की वजह से एक बार फिर शिक्षक अपनी मनमानी जगहों में पदस्थ हो गए हैं। इसमें कुछ जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से शिक्षकों का अटैचमेंट बदस्तूर जारी रहा है।
कोरोना संक्रमण काल में भी प्रदेश में लगातार शिक्षक एक-दूसरे स्कूल में अटैच होकर कार्य कर रहे हैं। बहरहाल देखना यह है कि लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से जारी इस निर्देश का विभाग के अधिकारी कितना पालन कर पाते हैं। बतादें कि प्रदेश में 57 हजार निजी और सरकारी स्कूलों में 60 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं।
पढ़ाई होती है प्रभावित
जानकारों की मानें तो स्कूलों में शिक्षकों के मनमानी अटैचमेंट करने से जिन स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत है, वहां शिक्षकों की कमी हो जाती है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। राज्य सरकार की मंशा के अनुसार हर बच्चे का शैक्षिक विकास करना है।
स्कूली शिक्षा में भले ही गुणवत्ता के दावे किए जाएं, पर अटैचमेंट के खेल के कारण जमीनी स्तर पर ये दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल के भीतर सात हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्तियां तो हुईं, पर अभी प्रदेश में चार हजार से अधिक स्कूलों में प्रति स्कूल एक ही स्थायी शिक्षक नियुक्त हैं।
इन स्कूलों में शिक्षकों को करेंगे स्थानांतरित
एक आंकड़े मुताबिक प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थायी रूप से एकल शिक्षक वाले कई स्कूल हैं। इनमें महासमुंद में 273, बलौदाबाजार 85, गरियाबंद 47, रायपुर 16, धमतरी 39, कवर्धा 64, बेमेतरा 5, दुर्ग 22, बालोद 10, राजनांदगांव 73, बिलासपुर 95, गौरेला-पेंड्रा- मरवाही 64, मुंगेली 29, कोरबा 265, सक्ती 47, जांजगीर-जांपा 19, रायगढ़ 72, कांकेर उत्तर-बस्तर में 287, नारायणपुर में 159, कोंडागांव में 438, जगदलपुर में 542, दंतेवाड़ा में 163, बीजापुर में 146, सुकमा 274, कोरिया 174, बलरामपुर-रामानुजगंज 230, सूरजपुर 241, जशपुर 196 और सरगुजा में 175 स्कूलों में एक-एक ही शिक्षक हैं। इन स्कूलों में व्यवस्था के तहत शिक्षकों को अटैच किया गया है। इनकी पदस्थापना यहां नियमित की जाएगी।
दिए गए हैं निर्देश
प्रदेश भर में शिक्षकों के अटैचमेंट को खत्म करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। - डा. आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा