रायपुर । छत्तीसगढ़ के लाखों शिक्षकों को अब प्रदेश सरकार के नए नियम का फायदा मिलेगा। प्रमोशन के लिए जरूरी 5 साल के अनुभव वाले नियम को बदल दिया गया है। अब सिर्फ 3 साल के अनुभव में ही प्रमोशन मिलेगा। पढ़िए इस बारे में जारी किए गए आदेश में सरकार ने क्या कहा है।
सरकार का आदेश
शिक्षकों
की पदोन्नति के लिए न्यूनतम अनुभव 5 वर्ष को घटाकर 3 वर्ष की गई है। यह
शिथिलता एक बार के लिए दी गई है। राज्य शासन के इस फैसले से लगभग 28 हजार
एलबी शिक्षक संवर्ग के शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा। इनमें लगभग 22
हजार 500 सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला, सहायक शिक्षक से
शिक्षक पूर्व माध्यमिक शाला लगभग 3 हजार 500 और शिक्षक से प्रधान पाठक
पूर्व माध्यमिक शाला का लाभ लगभग ढाई हजार शिक्षकों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल की अध्यक्षता में विगत 22 नवम्बर को आयोजित मंत्री परिषद की
बैठक में शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत देते हुए शिक्षक संवर्ग में पदोन्नति
के प्रावधान को शिथिल करने का निर्णय लिया गया था, जिसके तहत प्रधान पाठक
प्राथमिक शाला, शिक्षक एवं व्याख्याता के पदों पर पदोन्नति के लिए विभागीय
भर्ती नियमों में प्रावधानित 5 वर्ष के अनुभव को एक बार के लिए शिथिल करते
हुए 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर पदोन्नति देने का निर्णय हुआ था। इस निर्णय
से संविलियन हुए शिक्षाकर्मियों को जहां उनकी सेवा अवधि का लाभ मिलने से
वे पदोन्नत हो सकेंगे वहीं बच्चों को उनके शिक्षकीय अनुभव का लाभ मिलेगा।
मंत्री
परिषद के निर्णय के परिपालन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़
राजपत्र (असाधारण) में अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार
शिक्षक, प्रधान पाठक प्राथमिक शाला (प्रशिक्षित स्नातकोत्तर) से
व्याख्याता, शिक्षक, प्रधान पाठक प्राथमिक शाला (प्रशिक्षित स्नातक) के
प्रमाण पत्र प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला, सहायक शिक्षक (प्रशिक्षित
स्नातक) से शिक्षक एवं सहायक शिक्षक (प्रशिक्षित) से प्रधान पाठक प्राथमिक
शाला के पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित न्यूनतम अनुभव 5 वर्ष को, केवल एक
बार के लिए शिथिल करते हुए, न्यूनतम अनुभव 3 वर्ष निर्धारित किया है।