विष्णु सोनी. बिलासपुर.
खजरी हायर सेकण्डरी स्कूल की प्रिंसिपल गीतश्री मजूमदार उस समय जांच के
घेरे में आ गईं जब उन्होंने पिछले दिनों स्कूल इंचार्ज के पास मोबाइल पर एक
मेसेज भेजा कि उनकी कार खराब है, ड्राइवर नहीं आया है, इसलिए वह स्कूल के
रजिस्टर पर उनकी ओडी (ऑन ड्यूटी) लगा दें।
प्रिंसिपल की बदकिस्मती से वह मैसेज जिला शिक्षा कार्यालय को मिल गया। अब इस मामले की जांच होगी। यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है कि स्कूल के प्राचार्य ही अगर बंक मारकर स्कूल से गायब होने लगे तो फिर वहां पढऩे वाले बच्चों और उनकी पढ़ाई का क्या होगा। जिले में एेसी कई स्कूल हैं जहां अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण में प्रिंसिपल बंक मार कर स्कूल से गायब मिले।
जिला शिक्षा विभाग विभाग ने अभी तक करीब आधा दर्जन से अधिक प्रिंसिपल के वेतन कटौती के निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, वहीं दूसरी ओर मरवाही विकासखण्ड के उसाढ़़ स्कूल के प्रिंसिपल तो बगैर सूचना के स्कूल से गायब होने के लिए पूरे जिले में जाने जाते हैं। इनकी शिकायत विभाग को पिछले वर्ष से मिल रही है। कई बार नोटिस और वेतन रोकने की कार्रवाई की गई, लेकिन वह नहीं सुधरे। अंतत: विभाग अब इन पर और सख्त कार्रवाई करने के मूड में है।
झूठ बोलकर होते हैं गायब
डीईओ ने पिछले दिनों तखतपुर विकासखण्ड की खपरी स्कूल का औचक निरीक्षण किया तो वहां प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार लाल गैर हाजिर थे। स्टाफ ने बताया कि प्रिंसिपल स्कूल के दस्तावेज जमा कराने आरएमएसए कार्यालय गए हुए हैं। डीईओ ने वहीं से फोन लगाकर कार्यालय में पूछा तो पता चला कि खपरी प्रिंसिपल तो एक दिन पहले ही अपने दस्तावेज ऑफिस में जमा कर गए हैं। एेसे ही तिफरा परसोदा, रटजा, उमरिया दादर के प्रिंसिपल द्वारा भी बगैर सूचना दिए स्कूल से गायब रहने पर उनका वेतन काटने की कार्रवाई की गई है।
जिले में 278 हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी स्कूल हैं। प्रिंसिपल के ऊपर जिले में दो या तीन अधिकारी ही होते हैं। इसलिए उन पर महीने भर नजर नहीं रखी जा सकती। एेसे में अगर स्कूल के प्रिंसिपल ही स्कूल से नदारद रहने लगे तो फिर वहां पदस्थ डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षकों व कर्मचारियों की कार्यशैली पर असर तो पड़ेगा ही। साथ ही उन स्कूलों में पढऩे वाले सैकड़ों बच्चों के भविष्य क्या होगा। विभाग ने अब तक करीब एक दर्जन प्रिंसिपल पर वेतन कटौती सहित अन्य दण्डात्मक कार्रवाई की है।
स्कूल से बगैर पूर्व सूचना के गायब रहने वाले प्रिंसिपलो ंके वेतन कटौती के निर्देश दिए गए हैं। जिले के अधिकारियों को अधिक से अधिक स्कूलों का औचक निरीक्षण करने को कहा गया है।
हेमंत उपाध्याय, डीईओ, बिलासपुर
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प्रिंसिपल की बदकिस्मती से वह मैसेज जिला शिक्षा कार्यालय को मिल गया। अब इस मामले की जांच होगी। यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है कि स्कूल के प्राचार्य ही अगर बंक मारकर स्कूल से गायब होने लगे तो फिर वहां पढऩे वाले बच्चों और उनकी पढ़ाई का क्या होगा। जिले में एेसी कई स्कूल हैं जहां अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण में प्रिंसिपल बंक मार कर स्कूल से गायब मिले।
जिला शिक्षा विभाग विभाग ने अभी तक करीब आधा दर्जन से अधिक प्रिंसिपल के वेतन कटौती के निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, वहीं दूसरी ओर मरवाही विकासखण्ड के उसाढ़़ स्कूल के प्रिंसिपल तो बगैर सूचना के स्कूल से गायब होने के लिए पूरे जिले में जाने जाते हैं। इनकी शिकायत विभाग को पिछले वर्ष से मिल रही है। कई बार नोटिस और वेतन रोकने की कार्रवाई की गई, लेकिन वह नहीं सुधरे। अंतत: विभाग अब इन पर और सख्त कार्रवाई करने के मूड में है।
झूठ बोलकर होते हैं गायब
डीईओ ने पिछले दिनों तखतपुर विकासखण्ड की खपरी स्कूल का औचक निरीक्षण किया तो वहां प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार लाल गैर हाजिर थे। स्टाफ ने बताया कि प्रिंसिपल स्कूल के दस्तावेज जमा कराने आरएमएसए कार्यालय गए हुए हैं। डीईओ ने वहीं से फोन लगाकर कार्यालय में पूछा तो पता चला कि खपरी प्रिंसिपल तो एक दिन पहले ही अपने दस्तावेज ऑफिस में जमा कर गए हैं। एेसे ही तिफरा परसोदा, रटजा, उमरिया दादर के प्रिंसिपल द्वारा भी बगैर सूचना दिए स्कूल से गायब रहने पर उनका वेतन काटने की कार्रवाई की गई है।
जिले में 278 हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी स्कूल हैं। प्रिंसिपल के ऊपर जिले में दो या तीन अधिकारी ही होते हैं। इसलिए उन पर महीने भर नजर नहीं रखी जा सकती। एेसे में अगर स्कूल के प्रिंसिपल ही स्कूल से नदारद रहने लगे तो फिर वहां पदस्थ डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षकों व कर्मचारियों की कार्यशैली पर असर तो पड़ेगा ही। साथ ही उन स्कूलों में पढऩे वाले सैकड़ों बच्चों के भविष्य क्या होगा। विभाग ने अब तक करीब एक दर्जन प्रिंसिपल पर वेतन कटौती सहित अन्य दण्डात्मक कार्रवाई की है।
स्कूल से बगैर पूर्व सूचना के गायब रहने वाले प्रिंसिपलो ंके वेतन कटौती के निर्देश दिए गए हैं। जिले के अधिकारियों को अधिक से अधिक स्कूलों का औचक निरीक्षण करने को कहा गया है।
हेमंत उपाध्याय, डीईओ, बिलासपुर
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