बतौली। बतौली जनपद कार्यालय में सामान्य प्रशासन स्थाई समिति सभा की
बैठक कोरम पूरा न होने की वजह से स्थगित कर दी गई। युक्तियुक्तकरण पश्चात्
जनपद पंचायत बतौली के अतिशेष सहायक शिक्षक पंचायत को अन्य जिले या जनपद
पंचायत में रिक्त पदों के आधार पर समायोजन पदस्थापना करने हेतु अनुमोदन के
लिए सामान्य प्रशासन के स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई थी।
लगभग तीन घंटे इंतजार के बाद तक जनपद अध्यक्ष सहित एक सदस्य के अलावा कोई सदस्य नहीं आए। अब पूरा प्रकरण कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
बतौली जनपद कार्यालय में रविवार को सामान्य प्रशासन स्थाई समिति सभा की बैठक आयोजित की जानी थी। बकायदा सभी सभापतियों को बैठक हेतु सूचना दी गई थी। बैठक का मुख्य एजेंडा युक्तियुक्तकरण के बाद अतिशेष हुए सहायक शिक्षक पंचायतों को अन्य जिले में पदस्थापना समायोजन का अनुमोदन प्राप्त करना था। निर्धारित समय 11 बजे तक जनपद अध्यक्ष राजमनी कुजूर व सलेयाडीह जनपद सदस्य गीता खेस पहुंच चुके थे। कुल 12 जनपद सदस्यों में से पांच सभापति व अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को आवश्यक रूप से बैठक में आना था। कोरमपूर्ति हेतु कम से कम पांच सभापतियों की उपस्थिति होनी चाहिए,लेकिन ढाई बजे तक अन्य सभापति आए ही नहीं। अंततः कोरम पूर्ण न होने का हवाला देकर बैठक स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि इससे पहले तीन बार सामान्य प्रशासन की बैठक में अतिशेष शिक्षकों को जिले से बाहर पदस्थापना का प्रस्ताव बहुमत से खारिज हो चुका है। इस बार आयोजित बैठक में भी प्रस्ताव खारिज करने की ही तैयारी थी। रविवार को बैठक आयोजन के संबंध में सूचना पर शिक्षक पंचायत संघ भी कार्यालय परिसर आया हुआ था। संघ का कहना था कि युक्तियुक्तकरण को आधार बनाकर शिक्षकों को जिले से बाहर भेजना सर्वथा अनुचित है। शासन सेटअप में परिवर्तन कर नए सर्वे कराकर अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना जिले के अंदर ही करे। इस संबंध में स्थानीय विधायक अमरजीत भगत ने भी कई बार शासन-प्रशासन के सम्मुख अपनी मांग रखी है। इस संबंध में आगे यह भी बताया गया कि यदि चौथी बार भी जनपद की सामान्य प्रशासन की स्थाई समिति सभा अनुमोदन के संबंध विरोध में प्रस्ताव पास करती है तो जिला कलेक्टर विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए पंचायत अधिनियम की धारा 85 के अनुपालन में शिक्षक पंचायतों के लिए पदस्थापना हेतु निर्णय करेगी।
जनपद में आयोजित बैठक कोरमपूर्ति के अभाव में स्थगित कर दी गई है। शासन के आदेशानुसार अतिशेष शिक्षकों का पदस्थापना समायोजन रिक्त पदों के आधार पर करना है। तीन बार जिले से बाहर भेजने का प्रस्ताव अस्वीकृत किया गया है। ऐसे में शासन द्वारा विहित अधिकारी के रूप में जिला कलेक्टर पंचायत अधिनियम की धारा 85 का प्रयोग करते हुए शासन के आदेशानुसार निर्णय लेंगी। चौथी बार बैठक का प्रयोजन ही नहीं था लेकिन जिला प्रशासन ने एकबार और बैठक कर अतिशेष शिक्षकों के पदस्थापना जिले से बाहर करने हेतु समीक्षा करने का मन बनाया था।
यूएस बंदे
सीईओ, जनपद बतौली
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
लगभग तीन घंटे इंतजार के बाद तक जनपद अध्यक्ष सहित एक सदस्य के अलावा कोई सदस्य नहीं आए। अब पूरा प्रकरण कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
बतौली जनपद कार्यालय में रविवार को सामान्य प्रशासन स्थाई समिति सभा की बैठक आयोजित की जानी थी। बकायदा सभी सभापतियों को बैठक हेतु सूचना दी गई थी। बैठक का मुख्य एजेंडा युक्तियुक्तकरण के बाद अतिशेष हुए सहायक शिक्षक पंचायतों को अन्य जिले में पदस्थापना समायोजन का अनुमोदन प्राप्त करना था। निर्धारित समय 11 बजे तक जनपद अध्यक्ष राजमनी कुजूर व सलेयाडीह जनपद सदस्य गीता खेस पहुंच चुके थे। कुल 12 जनपद सदस्यों में से पांच सभापति व अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को आवश्यक रूप से बैठक में आना था। कोरमपूर्ति हेतु कम से कम पांच सभापतियों की उपस्थिति होनी चाहिए,लेकिन ढाई बजे तक अन्य सभापति आए ही नहीं। अंततः कोरम पूर्ण न होने का हवाला देकर बैठक स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि इससे पहले तीन बार सामान्य प्रशासन की बैठक में अतिशेष शिक्षकों को जिले से बाहर पदस्थापना का प्रस्ताव बहुमत से खारिज हो चुका है। इस बार आयोजित बैठक में भी प्रस्ताव खारिज करने की ही तैयारी थी। रविवार को बैठक आयोजन के संबंध में सूचना पर शिक्षक पंचायत संघ भी कार्यालय परिसर आया हुआ था। संघ का कहना था कि युक्तियुक्तकरण को आधार बनाकर शिक्षकों को जिले से बाहर भेजना सर्वथा अनुचित है। शासन सेटअप में परिवर्तन कर नए सर्वे कराकर अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना जिले के अंदर ही करे। इस संबंध में स्थानीय विधायक अमरजीत भगत ने भी कई बार शासन-प्रशासन के सम्मुख अपनी मांग रखी है। इस संबंध में आगे यह भी बताया गया कि यदि चौथी बार भी जनपद की सामान्य प्रशासन की स्थाई समिति सभा अनुमोदन के संबंध विरोध में प्रस्ताव पास करती है तो जिला कलेक्टर विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए पंचायत अधिनियम की धारा 85 के अनुपालन में शिक्षक पंचायतों के लिए पदस्थापना हेतु निर्णय करेगी।
जनपद में आयोजित बैठक कोरमपूर्ति के अभाव में स्थगित कर दी गई है। शासन के आदेशानुसार अतिशेष शिक्षकों का पदस्थापना समायोजन रिक्त पदों के आधार पर करना है। तीन बार जिले से बाहर भेजने का प्रस्ताव अस्वीकृत किया गया है। ऐसे में शासन द्वारा विहित अधिकारी के रूप में जिला कलेक्टर पंचायत अधिनियम की धारा 85 का प्रयोग करते हुए शासन के आदेशानुसार निर्णय लेंगी। चौथी बार बैठक का प्रयोजन ही नहीं था लेकिन जिला प्रशासन ने एकबार और बैठक कर अतिशेष शिक्षकों के पदस्थापना जिले से बाहर करने हेतु समीक्षा करने का मन बनाया था।
यूएस बंदे
सीईओ, जनपद बतौली
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