जगदलपुर। ब्यूरो पिछले अठारह साल से अशासकीय कर्मचारी के रूप में
सरकारी स्कूलों में शिक्षकीय कार्य कर रहे शिक्षक पंचायत संवर्ग के
कर्मचारियों ने एक बार फिर शिक्षक का दर्जा मांगने पुरजोर तरीके से मांग
उठाई है। गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होनें जगदलपुर पहुंचे मुख्यमंत्री
डॉ रमन सिंह से बुधवार रात सर्किट हाउस में मिलकर स्कूलों में शिक्षक वर्ग
के बीच भेदभाव खत्म करने की मांग करते हुए छग पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक
संघ ने शिक्षाकर्मियों को शिक्षक का दर्जा देनें की मांग रही।
संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि लंबे समय से शिक्षक वर्ग के बीच जारी भेदभाव खत्म होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने शिक्षाकर्मियों की बातें ध्यान से सुनी और मुस्कुरा दिए। इस मौके पर विधायक संतोष बाफना और कलेक्टर अमित कटारिया भी मौजूद थे। ये दोनों भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सके।
मुख्यमंत्री को शिक्षकर्मियों की ओर से चार सूत्रीय मांगो पर आधारित एक मांग पत्र भी सौंपा गया साथ ही मुख्यमंत्री से संघ के सम्मेंलन में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थिति का आग्रह भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सम्मेंलन के लिए अप्रेल माह का सुझाव देते हुए कहा कि सम्मेंलन कहां आयोजित करने का विचार है। इस पर उन्हें बस्तर का नाम सुझाव दिया गया। जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति से सिर हिलाया।
मुख्यमंत्री को यह बताने पर कि 28 जनवरी को रायपुर में मंत्रालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने शिक्षक पंचायत संवर्ग से संबंधित कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है, मुख्यमंत्री ने कहा पहले सचिव से चर्चा कर लें। शिक्षाकर्मियों की ओर से शासकीयकरण के साथ संविलियन, सेवाकाल में कम से कम दो पदोन्नति अनिवार्य रूप से प्रदान करने व क्रमोन्नति का लाभ देने, सातवां वेतनमान का लाभ शिक्षक पंचायत संवर्ग के कर्मचारियों को भी देनें व 11 मई 2013 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रीपरिषद की बैठक में शिक्षक पंचायत कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों पर लिए गए निर्णयों को लागू करने आदि की मांग की गई है। मुख्यमंत्री से चर्चा करने वालों में संघ के प्रदेश महामंत्री प्रवीण श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष राजेश गुप्ता, सचिव शिव चंदेल, मोहम्मद ताहिर शेख, सुधीर दुबे, आशीष दास आदि शामिल थे।
संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि लंबे समय से शिक्षक वर्ग के बीच जारी भेदभाव खत्म होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने शिक्षाकर्मियों की बातें ध्यान से सुनी और मुस्कुरा दिए। इस मौके पर विधायक संतोष बाफना और कलेक्टर अमित कटारिया भी मौजूद थे। ये दोनों भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सके।
मुख्यमंत्री को शिक्षकर्मियों की ओर से चार सूत्रीय मांगो पर आधारित एक मांग पत्र भी सौंपा गया साथ ही मुख्यमंत्री से संघ के सम्मेंलन में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थिति का आग्रह भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सम्मेंलन के लिए अप्रेल माह का सुझाव देते हुए कहा कि सम्मेंलन कहां आयोजित करने का विचार है। इस पर उन्हें बस्तर का नाम सुझाव दिया गया। जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति से सिर हिलाया।
मुख्यमंत्री को यह बताने पर कि 28 जनवरी को रायपुर में मंत्रालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने शिक्षक पंचायत संवर्ग से संबंधित कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है, मुख्यमंत्री ने कहा पहले सचिव से चर्चा कर लें। शिक्षाकर्मियों की ओर से शासकीयकरण के साथ संविलियन, सेवाकाल में कम से कम दो पदोन्नति अनिवार्य रूप से प्रदान करने व क्रमोन्नति का लाभ देने, सातवां वेतनमान का लाभ शिक्षक पंचायत संवर्ग के कर्मचारियों को भी देनें व 11 मई 2013 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रीपरिषद की बैठक में शिक्षक पंचायत कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों पर लिए गए निर्णयों को लागू करने आदि की मांग की गई है। मुख्यमंत्री से चर्चा करने वालों में संघ के प्रदेश महामंत्री प्रवीण श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष राजेश गुप्ता, सचिव शिव चंदेल, मोहम्मद ताहिर शेख, सुधीर दुबे, आशीष दास आदि शामिल थे।