कांकेर . दिव्यांग बच्चों के लिए फे्रंडली टायलेट योजना अंतर्गत 54 की लागत से बनने वाले शौचालयों का 90 प्रतिशत राशि का भुगतान हो चुका है। कागजों में 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण बताए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत में कहीं भी शौचालय पूर्ण नहीं हैं, जिससे बच्चों को सुविधा मिल सके।
यह बता दें कि फ्रेंडली टॉयलेट योजना अन्तर्गत 54 हजार लागत से सभी शासकीय स्कूलों में विकलांग बच्चों को सुविधा दिए जाने के उद्देश्य से बनाए जाने के लिए बीआरसी(खड सोत्र समन्वयक) एवं जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा को सन 2012-13 में कुल 440 स्कूलों में 464 टॉयलेट का निमार्ण कराए जाने हेतु 2 करोड 50 लाख 56 हजार रुपए दिए गए, जिसमें बीआरसी को 44 हजार एवं जनपद पंचायत को 10-10 हजार रुपए प्रत्येक टॉयलेट के हिसाब से ग्राम पंचायतों को कार्य कराये जाने के लिए दिया जाना था। इसमें 218 कार्य का सीसी जारी किया जा चुका है, बाकि कार्य अभी तक प्रगाति में है बताये जा रहें हैं।
ब्लॉक को आवंटित राशि का लगभग 90 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जा चुका है और कार्य कागजों में लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण बताए जा रहें हैं, लेकिन स्थलों के निरीक्षणों में लगभग 70 प्रतिशत कार्य अभी तक नहीं हुए हंै।
कुछ स्कूलों में तो अभी तक नींव भी नहीं खोदा गया है तो कहीं-कहीं डीपीसी कर सालों पहले छोड़ दिया गया है। कहीं दिवाल खड़ा कर टांकी नहीं बना स्लेब नहीं बना है और कई स्कूलों का पैसा आहरित हो गया है।
जिन कार्य को पूरा नहीं किया गया है, ऐसे स्कूलों के शिक्षकों द्वारा ग्रामसभा में गांव के सामने में भी कई बार मामले को रखा गया, लेकिन आज तक पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई या कार्य को पूर्ण कराये जाने पर जोर दिखाई नहीं दे रहा। ज्ञात हो कि इस कार्य की स्वीकृति के बाद छत्तीसगढ़ में पंचायत राज त्री स्तरीय चुनाव हुआ और जब चुनाव में सरपंच सचिव द्वारा इस कार्य के राशि को आहरण किया जा रहा था। उस वक्त सरपंच इस राशि को चुनाव में खर्च कर दिया, जिन पंचायतों के सरपंच या उनके प्रत्याशी चुनाव में जीते, उन्हीं ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले स्कूलों के कार्य पूर्ण हुए हैं, बाकि अन्य के अधूरे कार्य पर ही पैसा उतर गया है।
वसूली के आदेश
बीआरसी और समन्वयक को कुछ पंचायत जैसे काएगांव, कल्याणपुर, पानावार, गोन्डाहुर, लक्ष्मीपुर, कोयलीबेड़ा कोडेसाल्हेभाट, बडेकापसी, छिन्दपाल, ऐसेबेड़ा में कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण वसूली के आदेश दिए गए हैं। अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से दिए गए इस पत्र में लिखा गया है कि या तो कार्य जल्द पूर्ण कराया जाय अथवा पैसे की वसूली की जाए।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यह बता दें कि फ्रेंडली टॉयलेट योजना अन्तर्गत 54 हजार लागत से सभी शासकीय स्कूलों में विकलांग बच्चों को सुविधा दिए जाने के उद्देश्य से बनाए जाने के लिए बीआरसी(खड सोत्र समन्वयक) एवं जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा को सन 2012-13 में कुल 440 स्कूलों में 464 टॉयलेट का निमार्ण कराए जाने हेतु 2 करोड 50 लाख 56 हजार रुपए दिए गए, जिसमें बीआरसी को 44 हजार एवं जनपद पंचायत को 10-10 हजार रुपए प्रत्येक टॉयलेट के हिसाब से ग्राम पंचायतों को कार्य कराये जाने के लिए दिया जाना था। इसमें 218 कार्य का सीसी जारी किया जा चुका है, बाकि कार्य अभी तक प्रगाति में है बताये जा रहें हैं।
ब्लॉक को आवंटित राशि का लगभग 90 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जा चुका है और कार्य कागजों में लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण बताए जा रहें हैं, लेकिन स्थलों के निरीक्षणों में लगभग 70 प्रतिशत कार्य अभी तक नहीं हुए हंै।
कुछ स्कूलों में तो अभी तक नींव भी नहीं खोदा गया है तो कहीं-कहीं डीपीसी कर सालों पहले छोड़ दिया गया है। कहीं दिवाल खड़ा कर टांकी नहीं बना स्लेब नहीं बना है और कई स्कूलों का पैसा आहरित हो गया है।
जिन कार्य को पूरा नहीं किया गया है, ऐसे स्कूलों के शिक्षकों द्वारा ग्रामसभा में गांव के सामने में भी कई बार मामले को रखा गया, लेकिन आज तक पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई या कार्य को पूर्ण कराये जाने पर जोर दिखाई नहीं दे रहा। ज्ञात हो कि इस कार्य की स्वीकृति के बाद छत्तीसगढ़ में पंचायत राज त्री स्तरीय चुनाव हुआ और जब चुनाव में सरपंच सचिव द्वारा इस कार्य के राशि को आहरण किया जा रहा था। उस वक्त सरपंच इस राशि को चुनाव में खर्च कर दिया, जिन पंचायतों के सरपंच या उनके प्रत्याशी चुनाव में जीते, उन्हीं ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले स्कूलों के कार्य पूर्ण हुए हैं, बाकि अन्य के अधूरे कार्य पर ही पैसा उतर गया है।
वसूली के आदेश
बीआरसी और समन्वयक को कुछ पंचायत जैसे काएगांव, कल्याणपुर, पानावार, गोन्डाहुर, लक्ष्मीपुर, कोयलीबेड़ा कोडेसाल्हेभाट, बडेकापसी, छिन्दपाल, ऐसेबेड़ा में कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण वसूली के आदेश दिए गए हैं। अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से दिए गए इस पत्र में लिखा गया है कि या तो कार्य जल्द पूर्ण कराया जाय अथवा पैसे की वसूली की जाए।
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