लाइफस्टाइल: आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सभी नौकरी करना चाहते हैं पर शिक्षक नहीं बनना चाहते हैं। हर प्रतियोगिता में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी रहती है। या तो सरकारी नौकरी करना चाहते हैं या फिर किसी बड़ी कंपनी में अच्छी सी पोस्ट पर नौकरी करना चाहते हैं।
लेकिन जो लोग शिक्षक है उनहें पता है कि शिक्षक बनने के कितने फायदे हैं।
शिक्षक का अर्थ ही होता है गुरु। गुरु ज्ञान का सागर होता है और जिनके पास किसी को शिक्षा देने में कभी कमी नहीं होती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि शिक्षक बनने के क्या फायदे हैं तो हम आपको बताते हैं शिक्षक बनने के फायदे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
लेकिन जो लोग शिक्षक है उनहें पता है कि शिक्षक बनने के कितने फायदे हैं।
शिक्षक का अर्थ ही होता है गुरु। गुरु ज्ञान का सागर होता है और जिनके पास किसी को शिक्षा देने में कभी कमी नहीं होती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि शिक्षक बनने के क्या फायदे हैं तो हम आपको बताते हैं शिक्षक बनने के फायदे।
- शिक्षक किसी भी बच्चे का भविष्य संवार सकता है। शिक्षक की शिक्षा से बच्चा नेता से लेकर बिजनेसमैन तक भी बन सकता है। वह बच्चा फिर अपने गुरु का बहुत आदर सम्मान करता है।
- शिक्षक को समाज में बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
- शिक्षक अपने काम से कभी नहीं उबता है। वह अपने बच्चों की तरह ही उन्हें भी पढ़ाता है और अच्छे संस्कार भी देता है।
- शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है क्योंकि हर साल उन्हें एक ही विषय पढ़ाना होता है जिससे कि उन्हें वह याद हो जाता है और आसानी से पढ़ा पाते हैं।
- शिक्षक को अपनी कक्षा में ज्यादा जिम्मेदारी नहीं उठानी पड़ती है। न तो कोई पैसे का कोई लेनदेन करना पड़ता है और न ही रोज नए लोगों का स्वागत करना पड़ता है।
- इसमें किसी तरह की असुरक्षा का डर नहीं रहता है। यदि किसी कारणवश कक्षा में जल्दी नहीं भी पहुंच पाते है तो उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता और इनसे किसी के जानमाल तक को नुकसान नहीं पहुंचता है।
- शिक्षक बनने का पहला फायदा है कि उन्हें एक साल में बहुत सारी छुट्टियां मिलती हैं। जैसे कि गर्मियों की छुट्टी, सर्दी की छुट्टी और बाकी सभी सरकारी छुट्टियां।
- बचपन में जब अपने शिक्षक से पढ़ते हैं तब उनके पढ़ाने के अधिकतर क्रियाकलाप हम जान जाते हैं और उस वजह से हमें पढ़ाने में भी आसानी होती है।
- शिक्षकों को एक दिन में केवल कुछ ही क्लास पढ़ाना पड़ता है। बाकी क्लास दूसरे शिक्षक पढ़ाते हैं।
- शिक्षक को शारीरिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। कक्षा या कमरे में बैठकर आराम से बच्चों को केवल पढ़ाना होता है।
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